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जैव विविधता और पर्यटन के लिये झीलों का निर्माण जरूरी
लेक सिटी, साइलेंट सिटी और बेगर फ्री सिटी संबंधी बैठक सम्पन्न
इंदौर. कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव की अध्यक्षता में आज स्मार्ट सिटी ऑफिस सभाकक्ष में लेक सिटी, साइलेंट सिटी और बेगर फ्री सिटी के संबंध में बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर आयुक्त नगर निगम श्री आशीष सिंह विशेष रूप से मौजूद थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि ग्राम कनाड़िया और तलावली चांदा के तालाबों को जैव विविधता के लिये विकसित किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि इंदौर शहर से लगे हुए 6 तालाब हैं, जिनका उपयोग पेयजल के लिये किया जाता है। पर्यावरण विभाग के मापदण्डों के अनुरुप पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये झीलों का विकास जरूरी है। झीलों और तालाबों केआसपास 30 मीटर तक भवन निर्माण प्रतिबंधित है। इसके अलावा पर्यटन के लिये विकसित की जा रही झीलों के आसपास वृक्षारोपण करके पक्षी अभ्यारण्य के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
इंदौर जिले में सौ से अधिक तालाब है, इसलिये झीलों के विकास की बेहतर संभावनाएं हैं। झील विकसित करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि वन और जल संसाधन विभाग के तालाबों को न लिया जाये तथा विशेष मुहिम चलाकर जिले के सभी तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त किया जाये।
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को साइलेंट सिटी बनाना जरूरी
बैठक में निर्णय लिया गया कि इंदौर जिले में साइलेंट सिटी बनाने के लिये डीजे, लाउड स्पीकर और प्रेशर हॉर्न पर रोक लगाना जरूरी है। तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है। इंदौर शहर को प्रदूषण मुक्त बनाना है। इस काम में परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, नगर निगम और पर्यावरण विभाग मिलकर टीम भावना से काम करेंगे।
नगर निगम और स्वयंसेवी संगठन मिलकर नगर में आगामी वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण की मुहिम चलायेंगे। इंदौर शहर के अंदर और आसपास व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण किया जायेगा और ऑक्सीजन पार्क बनाये जाएंगे। योजना का उद्देश्य शहर को प्रदूषण मुक्त करना है। इस काम में जन सहयोग बहुत जरूरी है।
शहर को प्रेशर हॉर्न मुक्त करने के लिये स्कूलों और कॉलेजों में जुलाई से जागरूकता की विशेष मुहिम चलायी जायेगी। शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिये बैटरी चलित वाहनों को बढ़ावा दिया जायेगा। औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगपतियों द्वारा सामाजिक दायित्व मद से भी तालाबों का विकास, गहरीकरण और वृक्षारोपण किया जायेगा।
नगर में भिखारियों का सर्वेक्षण कर व्यवसाय और शिक्षा से जोड़ने की अनूठी पहल
सामाजिक न्याय विभाग के तत्वावधान में आज बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें निर्णय लिया गया कि नगर निगम इंदौर द्वारा नगर में सर्वेक्षण कर भिखारियों का चिन्हांकन किया जायेगा तथा अवयस्क भिखारियों को स्कूलों में भर्ती किया जायेगा और वयस्क भिखारियों को स्वरोजगार प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जायेगा।
बैठक में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा सुझाव दिया गया कि धर्माचार्यों की बैठक बुलाकर मंदिर, मस्जिद के बाहर भीख मांगने वाले भिखारियों को भीख देना बंद किया जाये। बैठक में निर्णय लिया गया कि भिखारियों के अभिभावकों और ठेकेदारों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी, क्योंकि भिक्षावृत्ति कानूनी अपराध है।
भिखारी गरीबी और शारीरिक विकलांगता के कारण भीख मांगते हैं। भीख मांगने के लिये भिखारियों के माता-पिता भी जिम्मेदार हैं। भिखारियों को समझाइश देकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकता है। इस काम में सामाजिक न्याय विभाग, नगर निगम, शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग मिलकर टीम भावना से काम करें। इन भिखारियों का आधार कार्ड और उसके बाद आयुष्मान कार्ड भी बना दिया जाये।
विकलांग भिखारियों को सामाजिक न्याय विभाग द्वारा कृत्रिम अंग प्रदाय किये जाये। बैठक में निर्देशित किया गया कि नगर निगम के कर्मचारी सात दिन के भीतर भिखारियों का सर्वे कर चिन्हांकन करें। सर्वे उपरान्त भिखारियों का पुनर्वास जरूरी है। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्मार्ट सिटी श्री संदीप सोनी, एडिशनल एसपी श्री रणजीत सिंह, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्रीमती सुचिता तिर्की आदि मौजूद थे।