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देव प्रबोधिनी एकादशी व्रत एवं तुलसी विवाह
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की स्तुति की जाती है और तुलसी विवाह उत्सव मनाते हैं।
8 नवंबर 2019 दिन शुक्रवार को हरि प्रबोध उत्सव हैं इस दिन भीष्म पंचक प्रारंभ होंगे जो पूर्णिमा तक चलेंगे।
कार्तिक मास की एकादशी के दिन यानी 8 नवंबर से और 12 नवंबर तक प्रतिदिन किसी तीर्थ तट पर स्नान कर भगवान विष्णु की स्तुति करने से भाग्य में आ रही रुकावटें दूर होती है।
8 नवंबर दिन शुक्रवार को तुलसी के पौधे में घी के दो दीपक लगाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता है और दरिद्रता का विनाश होता है। इस दिन कन्याओं को मिष्ठान खिलाएं और
मान सम्मान दें।
लक्ष्मी की आराधना भगवान विष्णु के साथ सूर्य उदय से पूर्व स्नान करके प्रारंभ करें, लक्ष्मी और विष्णु की स्तुति के लिए पहले लक्ष्मी मंत्र और उसके पश्चात विष्णु के मंत्र का उच्चारण करें। पूरा दिन व्रत करते हैं, फलाहार व दूध का सेवन करने की परंपरा है।
यह दिन भगवान श्री हरि के जागृत अवस्था में आने का दिवस है और इस दिन भगवान सभी लोगों के कष्टों को दूर करते हैं और उनके जीवन यापन के लिए व्यवस्था व नियम बनाते हैं। ऐसी परंपरा है कि एकादशी से पूर्णिमा तक के पांच दिवस मोक्ष दायिनी व पाप कर्मों के फल से मुक्त होने का अवसर होता है। रात्रि काल को तारा देखकर फलाहारी भोजन करें।