इस मुश्किल वक्त में हमें खासतौर से जानवरों के प्रति दया रखनी चाहिए: कनिका मान

इस साल की शुरुआत में ‘गुड्डन तुमसे ना हो पाएगा‘ में जब से 4 साल का लीप आया है, तब से ही दर्शकों को गुड्डन (कनिका मान) और अक्षत जिंदल (निशांत सिंह मलकानी) की जिंदगियों में बहुत-सा ड्रामा देखने को मिल रहा है। असल में, गुड्डन और कुणाल (विश्वनाथ चंदा) के शादी करने के फैसले ने सभी को हैरान कर दिया है। खासतौर से अक्षत इस शादी को रुकवाने के लिए पूरे जी-जान से जुटे हुए हैं।

जहां दर्शक इस शो में एक और ड्रामा देखने ही वाले थे कि अचानक देशव्यापी लॉकडाउन के चलते इस शो की शूटिंग रोकनी पड़ी। जहां अब यह शो जल्द ही दोबारा शुरू होने जा रहा है, तो वहीं दर्शकों के साथ-साथ इस शो के कलाकार भी उत्साहित हैं। गुड्डन यानी कनिका मान इस समय अपने परिवार के साथ पानीपत में हैं और अब वो भी इस शो की शूटिंग पर लौटने को बेताब हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कनिका मान, गुड्डन के अपने ऑनस्क्रीन अवतार की तरह अपनी रियल लाइफ में भी हर समस्या का हल निकाल ही लेती हैं। उनके दोस्तों और परिवार को जब भी जरूरत होती है, वो हमेशा उनकी मदद के लिए आगे रहती हैं। हालांकि इसके अलावा भी उनके बारे में कुछ ऐसा है जो बड़ा दिलचस्प है। हाल ही में उन्होंने एक नन्हें-से पक्षी की जान बचाई।

कुछ दिनों पहले इस एक्ट्रेस को यह पक्षी छटपटाते हुए मिला और वो उसे लेकर बहुत चिंतित थीं। इसलिए उन्होंने न सिर्फ उस पक्षी को बचाया, बल्कि उसका इलाज करवाया और उसे खाना भी खिलाया। लेकिन इतना ही नहीं, उन्होंने इस पक्षी का ख्याल रखने की भी ठान ली और ठीक होने में उसकी मदद की। इस मुश्किल वक्त में जानवरों के प्रति दया और सहानुभूति रखना सबसे जरूरी है और पशु प्रेमी होने के नाते कनिका भी इस पक्षी की दोबारा उड़ान भरने में मदद करना चाहती हैं।

इस नन्हें पक्षी को बचाने के बारे में कनिका मान ने कहा, ‘‘जब मुझे यह पक्षी घायल अवस्था में छटपटाते हुए मिला तो मैं दोबारा सोचे बिना इसे तुरंत अपने घर ले आई। मैंने इसका इलाज कराया और मेरी तब तक इसे अपने पास रखने की योजना है जब तक यह पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता। असल में अब यह नन्हा पक्षी धीरे-धीरे ठीक हो रहा है और अब वो पहले से काफी बेहतर है।

मेरे परिवार, खासतौर से मेरी मां को इस पक्षी से गहरा लगाव हो गया है। वो उसे नहलाती हैं और उसे खाना भी खिलाती हैं। हम इसे बिस्कुट से लेकर तरबूज़ जैसे फलों तक, सबकुछ खिलाते हैं और यह नन्हा पक्षी इसे एंजॉय भी करता है। हमने इसे एक क्यूट-सा नाम भी दिया है – क्वॉरंटीनी।‘‘

उन्होंने आगे कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस मुश्किल वक्त में हमें न सिर्फ इंसानों के प्रति दया का भाव रखना चाहिए बल्कि अपने आसपास मौजूद प्राणियों खासतौर से जानवरों का भी ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि वो बोल नहीं सकते। उन्हें हमारे प्यार और देखभाल की सबसे ज्यादा जरूरत है। मुझे पक्षियों को ऐसी दयनीय हालत में देखकर वाकई बहुत दुख होता है और फिर मुझे इनका ख्याल रखना ही पड़ता है। मैं चाहती हूं कि मैं इस नन्हे पक्षी के ठीक होते तक उसकी देखभाल करूं, और फिर मैं इसे आजाद कर दूंगी।‘‘

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