- Sonu Sood Graced the Second Edition of Starz of India Awards 2024 & Magzine Launch
- तृप्ति डिमरी और शाहिद कपूर पहली बार करेंगे स्क्रीन शेयर - विशाल भारद्वाज करेंगे फिल्म का निर्देशन
- बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ जिन्होंने सर्दियों के स्टाइल में कमाल कर दिया है
- Akshay Kumar Emerges as the 'Most Visible Celebrity' as Celebrity-Endorsed Ads Witness a 10% Rise in H1 2024
- Madhuri Dixit's versatile performance in 'Bhool Bhulaiyaa 3' proves she is the queen of Bollywood
देशभर के अनुभवी डॉक्टर्स ने नए सर्जनों को सिखाए ऑर्थोस्कोपी के गुर
घुटने की चोट के निदान और उपचार पर इंटरएक्टिव मास्टरक्लास का हुआ सफल आयोजन
होटल मैरियट में हुई एक दिवसीय कांफ्रेंस में देश भर के अनुभवी डॉक्टर्स ने किया मार्गदर्शन
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आन्ध्रप्रदेश और तेलंगाना राज्यों के 100 से अधिक हड्डी रोग विशेषज्ञ हुए शामिल
इंदौर 21 मई 2023. इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (IOA), इंदौर ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन और ऑर्थ्रोस्कोपी सर्जन ऑफ़ इंदौर द्वारा रविवार 21 मई 2023 को इंदौर के होटल मैरियट हड्डी रोग विशेषज्ञों के लिए एक दिवसीय इंटरएक्टिव मास्टरक्लास का आयोजन किया गया। इस मास्टरक्लास में घुटने से जुडी समस्याओं व उनके निदान पर सीनियर अनुभवी डॉक्टर्स द्वारा नए उभरते हुए हड्डी रोग विशेषज्ञों को सजग और जागरूक किया गया।
सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक संपन्न हुई वाली इस मास्टर क्लास में 6 सेशन आयोजित हुए जिसमे ऑर्गनाइजिंग सैकेट्री, ऑर्थोपेडिक सर्जन व स्पोर्ट्स इंज्यूरी विशेषज्ञ डॉ. तन्मय चौधरी ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. पंकज व्यास, ऑर्गनाइजिंग सैकेट्री डॉ. विनय तंतुवाय, साइंटिफिक सैकेट्री डॉ. ब्रजेश दादरिया, साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. शीतल गुप्ता के अलावा देश भर से 20 से अधिक विशेषज्ञों ने 100 से अधिक युवा सर्जन्स को प्रशिक्षण दिया । इस वर्कशॉप में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, विधर्भ, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के ऑर्थोपेडिक सर्जन्स ने अपने अनुभव साझा किए।
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण 7 प्री रिकार्डेड रिलाइव सर्जरी थी जहां नए प्रशिक्षु डॉक्टर्स को वीडियो के माध्यम से सर्जरी की बारीकियां सिखाई गई। नए सर्जन ने इससे संबंधित अपने सवाल सीनियर डॉक्टर के सामने रखे जिनके उन्हें उचित जवाब मिले इस कॉन्फ़्रेंस में ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों ने घुटने की चोट के प्रबंधन और उपचार पर विस्तार से बातचीत की। उन्होंने नवीनतम चिकित्सा तकनीकों, प्रक्रियाओं, और रोगी की स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत परामर्श देने के बारे में अपने अनुभव साझा किए।
सेशन में स्पोर्ट्स इंज्यूरी एवं सॉफ्ट इंज्यूरी पर विशेष जोर दिया गया, स्पोर्ट्स इंज्यूरी सामान्यतः खेल या शारीरिक गतिविधियों के दौरान होने वाली चोटों को कहते हैं। यह चोट खेल के मैदान, खेल के सामग्री, गलत तकनीक, अधिक शारीरिक तनाव, तात्कालिक गतिविधियों का अभाव, या मांसपेशियों, हड्डियों, या संघटकों की कमजोरी के कारण हो सकती है।
इस एकदिवसीय में मैनिस्कस पर भी विशेष जोर दिया गया मैनिस्कस एक चिकनी पदार्थ से बना होता है जो घुटने की हड्डी के बीच पाया जाता है। यह घुटने को स्थिर रखने, उचित गति में संयोजन करने और उसके चाल-धाल को सुनिश्चित करने में मदद करता है। मैनिस्कस को चोट, जटिलताएं, खिचाव या किसी अन्य कारण से नुकसान पहुंच सकता है, जिससे घुटने में दर्द, स्थूलता, गतिरोध या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सैकेट्री डॉ. विनय तंतुवाय एवं साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. शीतल गुप्ता ने बताया कि पहले तकनीक के अभाव में जरा सी चोट में मेनिस्कस को काट दिया जाता था लेकिन अब विज्ञान ने तरक्की कर ली है और ऑर्थ्रोस्कोपी की मदद से बिना ऑपरेशन के मेनिस्कस को काटे बिना इलाज संभव है. आर्थ्रोस्कोपी एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है जो मरीजों को अपने सामान्य जीवन में जल्दी और कम से कम दर्द के साथ लौटने में मदद कर सकती है। ऑर्थ्रोस्कोपी में छोटा चीरा लगने से से जहां एक ओर त्वचा पर छोटा सा निशान होता है वहीँ दूसरी ओर इन्फेक्शन की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सैकेट्री, ऑर्थोपेडिक सर्जन व स्पोर्ट्स इंज्यूरी विशेषज्ञ डॉ. तन्मय चौधरी और साइंटिफिक सैकेट्री डॉ. ब्रजेश दादरिया ने कहा इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सॉफ्ट इंज्यूरी व स्पोर्ट्स इंज्यूरी के बारे में नए सर्जन्स को अधिक जानकारी देना एवं लोगों को जागरूक करना था अंत में डॉ तन्मय ने लोगों को यह संदेश दिया कि स्पोर्ट्स में होने वाली या आम जीवन में होने वाले छोटी इंज्यूरी को हल्के में ना लें यह आपके लंबे जीवन के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है इसलिए घरेलू नुस्खे मालिश की जगह इलाज को प्राथमिकता दें कई बार मेनिस्कस को काट दिए जाने के परिणाम भयानक हो सकते हैं जैसे कि दर्द, स्वेलिंग, अस्थिरता, गतिरोध एवं अर्थराइटिस भी।