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फोर्स मोटर्स की तरफ से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में, 1000 नए ट्रैवलर एम्बुलेंस की सुविधा
लॉकडाउन में छूट के बाद संक्रमण के मामलों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन अपने-अपने इलाकों में हेल्थ केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
पुणे में स्थित मोटर वाहन की एक प्रमुख कंपनी, फोर्स मोटर्स का नाम ऐसी चुनिंदा कंपनियों में शामिल है जो घरेलू स्तर पर हर तरह के एम्बुलेंस के निर्माण और उनकी आपूर्ति करने में सक्षम हैं। कंपनी द्वारा बनाए गए एम्बुलेंस पहले ही दिन से उपयोग के लिए तैयार होते हैं, और हाल ही में लागू किए गए राष्ट्रीय एम्बुलेंस कोड के सभी नियमों का पालन करते हैं।
टाइप-बी एम्बुलेंस, दरअसल सबसे साधारण और बुनियादी सुविधाओं वाला एम्बुलेंस है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से ऐसे मरीजों के परिवहन के लिए होता है, जिन्हें अस्पताल तक ले जाने में किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं होती है।
जबकि टाइप-सी या बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस का इस्तेमाल ऐसे मरीजों के परिवहन के लिए होता है, जिन्हें अस्पताल तक ले जाने के दौरान थोड़ी निगरानी की जरूरत होती है, साथ ही उन्हें नॉन-इनवेसिव एयरवे मैनेजमेंट की जरूरत हो सकती है।
टाइप-डी एम्बुलेंस या एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस में गहन निगरानी तथा इनवेसिव एयरवे मैनेजमेंट जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद होती हैं, जिसका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों के परिवहन के लिए होता है।
एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस में डिफाइब्रिलेटर, ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर, बीपी अप्रेटस, स्कूप स्ट्रेचर, स्पाइन बोर्ड जैसे जीवन रक्षक उपकरणों को रखने की पर्याप्त व्यवस्था होती है, जिनका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के दौरान किया जाता है।
इसके अलावा, फोर्स मोटर्स मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की आपूर्ति करने में भी पूरी तरह सक्षम है, जिनका इस्तेमाल दूर-दराज के इलाकों में प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के तौर पर किया जा सकता है तथा मरीजों की प्राथमिक जांच और उनका इलाज किया जा सकता है।
पूरी दुनिया में फैल चुकी इस महामारी से लड़ने के लिए, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन ने हर तरह के एम्बुलेंसों के इस्तेमाल की योजना बनाई है ताकि जरूरत के अनुसार इन्हें काम में लाया जा सके।
फोर्स मोटर्स ने आंध्र प्रदेश सरकार को एक हजार से ज्यादा एम्बुलेंस उपलब्ध कराए हैं, जिसमें 130 एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस, 282 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस और 656 से अधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स शामिल हैं।
इससे राज्य में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतर होगा, सुविधाएं लोगों तक पहुंचेंगी तथा इस प्रक्रिया में होने वाली देरी में भी कमी आएगी। आंध्र प्रदेश सरकार उपलब्ध कराई गई मोबाइल मेडिकल यूनिट्स में कोविड-19 के स्क्रीनिंग की सुविधाएं भी मौजूद हैं, और आम लोग 104 डायल करके इसका लाभ उठा सकते हैं।
इस अवसर पर फोर्स मोटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री प्रसन फिरोडिया ने कहा, “इन दिनों फैली महामारी की वजह से हमारे हेल्थ केयर सिस्टम में मौजूद कमियां अचानक नज़र आने लगी हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खुशी की बात तो यह है कि, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारें अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को बेहतर बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं।
हमें बेहद खुशी है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रमाणिक और विश्वसनीय श्रेणी के फोर्स ट्रैवलर एम्बुलेंस पर फिर से अपना भरोसा दिखाया है, साथ ही हम दूसरे राज्यों में भी इस तरह की पहल का समर्थन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट होने के नाते, डॉ. अभय फिरोडिया समूह भी इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सक्रियता से भाग ले रहा है। इस समूह ने 25 करोड़ रुपये के योगदान के माध्यम से हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ मोबाइल क्लिनिक / टेस्टिंग की क्षमता को बेहतर बनाकर कोविड-19 राहत से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में सहायता की है, जिससे लॉकडाउन के दौरान 10 लाख से अधिक मरीजों का इलाज संभव हो पाया है।
पूरी तरह से कारखाने में निर्मित एवं सभी सुविधाओं से सुसज्जित ट्रैवलर रेंज के एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग, अस्पतालों और सेवा प्रदाताओं की पहली पसंद बन चुके हैं, क्योंकि ये एम्बुलेंस अपने बेजोड़ प्रदर्शन, विश्वसनीयता और शानदार मजबूती की वजह से सबसे बेहतर हैं।