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चंद्रग्रहण आज, मंत्र जाप से मिलेगा सौ गुना फल
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ, वस्तु एक्सपर्ट
चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा इसीलिए इसका सूतक नहीं लगेगा ग्रहण भारत में दर्शनीय ना होने के बावजूद भी साधना, विशेष प्रयोग एवं मंत्र जाप के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। 19 नवंबर सुबह 11:34 पर ग्रहण शुरू होगा और शाम के 5:33 पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा ग्रहण का सर्वाधिक तीव्रता दोपहर 2:33 पर होगा।
ग्रहण काल में मंत्र जाप करने से उसका फल अगर ग्रहण दर्शनीय है तो 1000 गुना होता है और अगर ग्रहण दर्शनीय नहीं है तो 100 गुना होता है, क्योंकि यह ग्रहण दर्शनीय नहीं है इसीलिए इस ग्रहण के दौरान मंत्र जाप करने से 100 गुना फल प्राप्त होगाकुछ समय पहले दिवाली के अवसर पर आप लोगों ने मंत्र को सिद्ध करने के लिए दिवाली के अवसर पर मंत्र जाप किया होगा अगर आप लोगों को लगता है कि दोबारा उन मंत्रों को जागृत करना आवश्यक है तो इस ग्रहण काल में उन मंत्रियों को फिर से मंत्र सिद्धि या मंत्र की उर्जा वृद्धि के लिए संकल्प लेकर मंत्र जाप कर सकते हैं।
अगर आप लोगों को लगता है कि कोई नया मंत्र जाप करना चाहिए सिद्धि के लिए तो वह भी आप लोग अपने जरूरत अनुसार चयन करके कर सकते हैंमेरे तरफ से यह राय होगा आप लोगों को किस ग्रहण काल में आप कोई भी कवच की सिद्धि मंत्र जाप करके कर ले कवच का बहुत ज्यादा महत्व होता है जैसे कि आप लोग जान रहे हैं।
आज के समय में तंत्र का ज्ञान पति आसानी से प्राप्त हो जाती है और बहुत छोटे-छोटे बच्चे तंत्र के क्षेत्र में आ रहे हैं जिन्हें यह बोध नहीं है कि क्या अच्छा है और क्या बुरा जरा जरा सा बातों पर क्रोध में आकर वह लोकतंत्र प्रयोग कर देते हैं कुछ बुरे तांत्रिक भी है जो चंद पैसों के लिए किसी के भी जिंदगी बर्बाद करने के लिए कुछ सोचते नहीं है ऐसे में यह बिल्कुल संभव नहीं है कि हर समय हम आक्रामक रवैया अपनाएं और अपने शत्रुओं से लड़ते रहे यहां पर कवच के महत्व बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
आप लोग अगर किसी कवच को सिद्ध करके रखते हैं तो चाहे कोई भी तंत्र प्रयोग हो कितनी भी तीव्रता के साथ किया जा रहा हो उसका असर बहुत जल्दी आपके ऊपर नहीं होगाऐसे तो व्यक्ति को अपने इष्ट देवता का कवच सिद्धि करना चाहिए और उसी को सबसे ज्यादा शक्तिशाली बनाना चाहिए और आप में से ज्यादातर लोग अपने इष्ट देवता का कवच का पाठ अवश्य करते ही होंगे, ऐसे तो कवच की सिद्धि 1100 पाठ से हो जाती है और अगर ग्रहण काल में कब की सिद्धि हेतु हम लोग 101 पाठ करें तो भी हमें उसका बज की सिद्धि प्राप्त हो जाती है।
मैं चाहूंगी कि इस ग्रहण काल में आप लोग देवी भद्रकाली जो कि एक रक्षात्मक काली का स्वरुप है उनकी कवच की सिद्धि प्राप्त करें ताकि भविष्य में आप के ऊपर अगर शत्रु द्वारा तंत्र प्रयोग किया जाए तो उसका असर तुरंत ना हो दूसरी बात देवी भद्रकाली शत्रु दमन करने में भी देवी काली की सबसे श्रेष्ठ स्वरूप है इसीलिए चाहे आप साधक हो या आम ग्रस्त व्यक्ति हो आपको भद्रकाली का कवच का सिद्धि अवश्य करना चाहिए और उसके बाद नित्य एक पाठ उस कवच का करना चाहिए ताकि सिद्ध किया हुआ कवच जागृत अवस्था में रहे।।