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माता-बहनें राखी का एक धागा हनुमानजी को अवश्य चढ़ाएंः पं. मेहता
रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर महात्योहार समिति, इंदौर का अनूठा कार्यक्रम
इंदौर। कोरोना महामारी के इस विपरीत समय में सबका आत्मविश्वास जगाने के लिए रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर महात्योहार समिति, इंदौर द्वारा विशेष कार्यक्रम ‘महात्योहार’ (एक शाम रिश्तों के नाम) आयोजित किया गया।
ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में हनुमान चालीसा के सवा करोड़ पाठ के साथ किष्किंधा कांड पर जीवन प्रबंधन गुरु पं. विजयशंकर मेहता का व्याख्यान हुआ। यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष इंदौर में आयोजित किया जाता है।
कोरोना एडवाइजरी के चलते इस बार ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम का विशेष प्रसारण संस्कार टीवी पर किया गया। समिति के ओमप्रकाश पसारी, राजीव मुछाल और रोहित सोमानी ने बताया इस अवसर पर किष्किंधा कांड की व्याख्या करते हुए पं. मेहताजी ने बताया इस दौर में किस तरह से जीवन, जीविका और जगदीश का संतुलन बनाया जाए।
इस अनूठे कार्यक्रम में पं. मेहता ने कहा जिस तरह सीताजी का जीवन अपहरण के बाद दांव पर लग गया था, आज कोरोनारूपी रावण ने हमारे जीवन को इसी तरह संकट में डाल दिया है। लेकिन हनुमानजी ने सीताजी का आत्मविश्वास जगाया था। इसलिए रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर संकल्प लें कि हम हनुमानजी से जुड़े रहेंगे। इसका सरल माध्यम है हनुमान चालीसा का पाठ।
सुग्रीव प्रसंग के माध्यम से जीविका का उदाहरण देते हुए पं. मेहता ने बताया सुग्रीव ने श्रीराम को आश्वस्त किया था कि यदि आप मुझे बाली से सुरक्षित कर राज दिला देंगे तो मैं सीताजी की खोज में आपकी सहायता करूंगा। परंतु राज मिलने के बाद वे अपना वचन भूल गए।
आज हम सबको जीवन भी बचाना है और जीविका भी चलाना है, पर यहां सुग्रीव की तरह चूक न कर जाएं। जगदीश का मतलब है हमारे जीवन में श्रीराम और हनुमानजी का होना। संस्कार टीवी के माध्यम से इस कार्यक्रम को देश-दुनिया में बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा देखा गया।
पं. मेहता ने माता-बहनों से आह्वान किया कि हनुमानजी से जुडक़र अपनी और अपने परिवार की रक्षा कर सकेंगीं। इसलिए राखी का एक धागा हनुमानजी को अवश्य बांधें या चढ़ाएं। हनुमान चालीसा एक मंत्र है और इसके पाठ से ब्रह्मांड में पॉजिटिव एनर्जी उतरेगी। कार्यक्रम का प्रायोजन एकल परिवार श्रीहरि सत्संग समिति, मुंबई और इंदौर द्वारा किया गया था।