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स्क्रीनराइटर्स असोसिएशन द्वारा एसडबल्यूए अवार्ड 2020 के फ़ीचर फिल्म्स के नामांकितों के नाम घोषित
एसडबल्यूए अवार्ड कमेटी को प्राप्त 167 प्रविष्टियों में से 10 फ़ीचर फिल्मों को अवार्ड के लिए नामित किया गया।
मुंबई. स्क्रीनराइटर्स असोसिएशन )एसडबल्यूए(, स्क्रीनराइटर और गीतकार की भारतीय संघटना ने आज एसडबल्यूए अवार्ड्स २०२० में फ़ीचर फिल्म्स के श्रेणी में नामांकित फिल्मों और उनके लेखकों के नाम घोषित किए।
निर्णायक मण्डल में शामिल विख्यात पटकथा लेखकों ने, सर्वश्रेष्ठ कहानी, सर्वश्रेष्ठ पटकथा, सर्वश्रेष्ठ संवाद और सर्वश्रेष्ठ नवोदित लेखकों की प्रत्येक उप श्रेणियों के लिए पाँच फिल्मों का चयन किया। साथ ही, 2019 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की 10 फिल्मों मे से नामांकन का बंटवारा किया गया।
सर्वश्रेष्ठ कहानी के नामांकन हैं-
- अनुभव सिन्हा गौरव सोलंकी ‘आर्टिकल 15’ के लिए
- देवांशु सिंह, सत्यान्शु सिंह ‘चिंटू का बर्थडे’ के लिए
- रीमा कागती, ज़ोया अख़्तर ‘गली बॉय’ के लिए
- अभिषेक चौबे, सुदीप शर्मा ‘सोनचिड़िया’ के लिए’
- इवान अय्यर ‘सोनी’ के लिए
सर्वश्रेष्ठ पटकथा के नामांकन हैं-
- अनुभव सिन्हा गौरव सोलंकी ‘आर्टिकल 15’ के लिए
- नीरेन भट्ट ‘बाला’ के लिए
- देवांशु सिंह, सत्यांशु सिंह ‘चिंटू का बर्थडे’ के लिए
- रीमा कागती, ज़ोया अख़्तर ‘गली बॉय’ के लिए
- वसन बाला ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ के लिए
सर्वश्रेष्ठ संवाद के नामांकन हैं-
- अनुभव सिन्हा गौरव सोलंकी ‘आर्टिकल 15’ के लिए
- नीरेन भट्ट ‘बाला’ के लिए
- रीमा कागती, ज़ोया अख़्तर ‘गली बॉय’ के लिए
- रविंदर रंधावा, सुमित सक्सेना ‘हामिद’ के लिए
- सुदीप शर्मा ‘सोनचिड़िया’ के लिए
सर्वश्रेष्ठ नवोदित लेखक के नामांकन है-
- देवांशु सिंह, सत्यान्शु सिंह ‘चिंटू का बर्थडे’ के लिए
- संदीप पांडेय ‘चौसर फिरंगी’ के लिए
- रविंदर रंधावा ‘हामिद’ के लिए
- आदिश केलुस्कर ‘जाऊँ कहाँ बता ए दिल’ के लिए
- इवान अय्यर, किसलय ‘सोनी’ के लिए
नामांकित सदस्यों को बधाई देते हुये, एसडबल्यूए के महासचिव सुनील सालगिया ने कहा है, “फ़िल्ममेकर हमेशा कहते हैं की, ‘बिना स्क्रिप्ट के कोई फिल्म नही बन सकती’ या ‘स्क्रिप्ट ही सबसे मुख्य चीज़ है।’ और हाँ, ये कहते हुये वो सबसे सही बात कहते हैं। इसके अलावा कोई दूसरा सच नहीं है। ऐसे लोगों को पहचानने का ये सबसे सही वक़्त है, जो इस इंडस्ट्री की फिल्मों का आधार बनाते हैं।
उनको अब मंच पर मुख्य किरदार में आना चाहिए। वो इस अवार्ड का जश्न किसी भी अवार्ड से ज्यादा मनाएंगे क्योंकि यह अपने सहकर्मियों द्वारा दिया जा रहा है, जिनसे एक प्रतियोगिता भी रहती है, जो उनके आलोचक भी होते हैं जिनसे थोडी ईर्ष्या भी होती है फिर भी बहुत प्यार भी करते हैं। फिल्म की स्क्रिप्ट लिखना सबसे चुनौतीपूर्ण काम होता है, और व्यावसायिक परिणामों के अलावा भी इसका सबसे ज्यादा सम्मान किया जाना चाहिए।”
एसडबल्यूए अवार्ड्स कमेटी ने 2019 में थियेटरों में और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रदर्शित सभी 223 हिन्दी फिल्मों को नामांकन के उद्देश्य से शामिल किया। निर्णायक मण्डल ममें शामिल विख्यात पटकथा लेखकों, जैसे-अशोक मिश्रा, अतुल तिवारी, जुही चतुर्वेदी, साकेत चौधरी, उर्मि जुवेकर, विजय कृष्ण आचार्या और विनय शुक्ला ने एसडबल्यूए की फिल्म सेलेक्शन कमेटी द्वारा शॉर्टलिस्ट की गयी फिल्मों को देखा और प्रत्येक उप श्रेणी के लिए 5 फिल्मों को चुना। विजेताओं की घोषणा 27 सितम्बर को एक ऑनलाइन अवार्ड समारोह में किया जाएगा।
अंजुम रजबअली, वरिष्ठ पटकथा लेखक, शिक्षक और एसडबल्यूए अवार्ड्स की फिल्मों की श्रेणी के प्रवक्ता, ने कहा है, “विख्यात फ्रेंच कवि विक्टर ह्यूगो अक्सर कहते थे की, जिसका वक़्त आ गया है उस विचार से ज्यादा शक्तिशाली कुछ भी नही है। स्क्रिप्ट की प्राथमिकता का जश्न मनाने का वक़्त आ गया है। लेखकों को सम्मानित करने का वक़्त यही है। और लेखकों के लिए इससे बेहतर क्या हो सकता है।
लेखकों के लिए इससे बड़ा गर्व का विषय नही हो सकता की उनके काम का समर्थन लेखन को समझने वाले उनके ही सहकर्मी करते हैं। एसडबल्यूए लेखकों को मुख्य धारा में लाने के अपने उद्देश्य को पूरा कर रहा है। निर्णय की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए श्रीधर रंगायन, रिचा सिंह गौतम और जागृति ठाकुर और उनकी टीम के नेतृत्व वाली एसडबल्यूए अवार्ड्स कमेटी को बहुत बधाई। एसडबल्यूए का मार्ग प्रशस्त हो!!”
एसडबल्यूए ने साल 2020 में अपने हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर एसडबल्यूए अवार्ड्स का शुभारम्भ किया हैl इन अवार्ड्स का चयन विख्यात स्क्रीनरायटर्स तथा गीतकारों द्वारा किया गया है। लेखक वर्ग तथा साहित्यिक संगठनो में दिए जाने वाले अन्य अंतरराष्ट्रीय अवार्ड्स के समान ही भारतीय लेखकों के लिए ये अवार्ड्स भी प्रतिष्ठित तथा मान्यताप्राप्त कहलायेंगे ऐसा विश्वास हैl
नामांकितों की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुये नामांकित सदस्यों ने एसडबल्यूए से बात की और कहा है-
अनुभव सिन्हा – “मुझे बहुत ख़ुशी है कि ‘आर्टिकल 15’ की पठकथा लेखन के लिए मुझे एसडबल्यूए अवार्ड्स द्वारा नामांकित किया गया है और यह वाकई में बहुत अद्भुत है कि आपके साथियों, आपके वरिष्ठों को लगता है कि आपने जो लिखा था वह इस तरह के सम्मान के योग्य है। ज्यूरी मेम्बर्स और एसडबल्यूए बहुत बहुत धन्यवाद।”
गौरव सोलंकी – “यह बहुत ही ख़ास नामांकन है, लेखकों द्वारा, लेखकों के लिए पुरस्कार। मुझे उम्मीद है कि इस बहाने हम एक दूसरे का हौसला बढ़ाते रहेंगे, कमियों और ग़लतियों पर टोकते भी रहेंगे और जब-जब किसी का काम अच्छा लगेगा, उसकी पीठ थपथपाएंगे। हम बेहतर कहानियाँ और स्क्रीनप्ले लिखने की कोशिश करते रहें, नए रास्तों पर चलें। यह उसी का जश्न है।”
देवांशु सिंह- हम दोनों के लिए यह बहुत खुशी और गर्व की बात है, कि हमारी पहली स्क्रिप्ट को एसडब्ल्यूए पुरस्कारों के पहले संस्करण में 3 श्रेणियों (सर्वश्रेष्ठ कहानी, सर्वश्रेष्ठ पटकथा और डेब्यू राइटर) में नामांकित किया गया है। हमने यह स्क्रिप्ट 2007 में पटकथा लेखन में किसी भी औपचारिक प्रशिक्षण के बिना लिखी थी। पिछले 10 वर्षों में, जैसे जैसे हम इस क्राफ्ट को सीखते गए, हमारी स्क्रिप्ट भी निखरती गयी।
लेखन असीम धैर्य और परिश्रम का खेल है और इसके लिए पुरस्कृत किया जाना बहुत बड़ी बात है। हमें इतने शानदार लेखकों के बीच नामांकन करने के योग्य समझने के लिए जूरी का बहुत बहुत धन्यवाद। इस पुरस्कार को शुरू करने के लिए एसडबल्यूए को विशेष धन्यवाद। यह निश्चित रूप से हमारे जैसे उभरते लेखकों को प्रोत्साहित करेगा।
सत्यांशु सिंह- “पिछले कुछ दशकों से, एसडबल्यूए लेखकों के लिए सबसे आवश्यक सहायक प्रणाली बना है। एसडब्ल्यूए के पास पटकथा लेखकों और गीतकारों के काम का सम्मान करने के लिए अपने स्वयं के पुरस्कार हैं। आने वाले वर्षों में यह पुरस्कार नयी ऊंचाइयां छुएगा और प्रतिष्ठा में आगे बढ़ेगा।
मैं एसडबल्यूए अवार्ड्स के प्रथम वर्ष में नामांकित होने पर हमेशा सम्मानित और गौरवान्वित महसूस करूंगा। इस नामांकन के लिए और अगले हर उस नामांकन और पुरस्कार के लिए जो आने वाले लेखकों को आप लोगों द्वारा दिया जाएगा, उसके लिए एसडबल्यूए को तहे दिल से धन्यवाद।”
अभिषेक चौबे- “यह इस धुंधले वक़्त में एक अच्छी खबर के अनूठे टुकड़े के रूप में आता है कि एसडबल्यूए ने वर्ष के सर्वश्रेष्ठ लेखन को सम्मानित करने के लिए अपने पहले पुरस्कारों का उद्घाटन किया है। “सोनचिरैया” के लिए बेस्ट स्टोरी श्रेणी में नामांकित होना हमारे लिए सोने पे सुहागा है।
पहले संस्करण के लिए नामांकित होना एक बहुत बड़ा अवसर है और मैं चाहता हूं कि यह पहल बड़ी सफलता प्राप्त करे। हाल के वर्षों ने हमारे उद्योग में फिल्म लेखकों की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखा है और इस विकास में एसडबल्यूए की प्रमुख भूमिका है। मुझे उम्मीद है कि यह सुखद कहानी आगे बढ़ती रहे।”
सुदीप शर्मा: “यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि एसडबल्यूए ने वर्ष २०१९ में किए गए लेखन के सर्वश्रेष्ठ कार्यों को एसडब्लुए अवार्ड्स से सम्मानित कर रहा है। मै इस बात से और भी उत्साहित हूं कि सोनचिड़िया के मेरे लेखन को विशिष्ट लेखकों के निर्णायक मंडल द्वारा नामांकन के योग्य समझा गया है। अपने सहकर्मियों द्वारा सुयोग्य तरीके से समीक्षा किया जाना हमेशा एक प्यारा एहसास होता है और मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मेरे लेखन को इस अवसर के लायक समझा।”
इवान अय्यर: “मैं स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन और अवार्ड्स समिति २०२० का इस नामांकन के लिए बहुत आभारी हूं। अपने सहकर्मियों और समकालीनों द्वारा पहचाने जाने से बड़ा दूसरा कोई सम्मान नहीं होता, इसलिए ये बेहद खास है।”
निरेन भट्ट: “इस अवॉर्ड के लिए नामांकन का चयन साथी लेखकों द्वारा किया गया है, इसलिए यह मेरे लिए बहुत ही विशेष है। मैं इस नामांकन के लिए आभारी हूं और गर्वित महसूस कर रहा हूँ । आशा करता हूं कि एसडबल्यूए अवॉर्ड्स का महत्व हर वर्ष के साथ बढ़ता जाएगा और ये भारतीय फिल्म जगत में लेखकों को उनकी अत्यावश्यक निष्पक्ष पहचान प्रदान करने में सफल होंगे। एसडब्ल्यूए अवॉर्ड्स निश्चित रूप से सही दिशा में उठाया गया एक कदम है।”
वसन बाला: “पहली बार हो रहे एसडबल्यूए २०२० अवॉर्ड्स में इस नामांकन के साथ मुझे स्वीकृत किए जाने से मै बेहद रोमांचित हूँ, इसके लिए धन्यवाद और मै आशा करता हूं की ये पुरस्कार आने वाले वर्षों में मजबूती से आगे बढ़ते रहेंगे।”
रविंदर रंधावा-“अपने समुदाय के मित्रों द्वारा सराहने और जश्न मनाए जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण और हार्दिक ख़ुशी कुछ भी नहीं हो सकती है। इसलिए, मैं पहली बार एसडबल्यूए अवार्ड्स के लिए नामांकित होने से बेहद खुश हूं। इन अवार्ड्स की सबसे ख़ास बात यह है कि इनके लिए एकमात्र विचार स्क्रिप्ट की गुणवत्ता है ना की फिल्म का कुल व्यवसाय। मुझे पूरी उम्मीद है कि ये अवार्ड्स हम लेखकों में अच्छे लेखन का विश्वास पैदा करेंगे और लेखकों को सर्वोतम लिखने के लिए प्रेरित करेंगे।”
सुमित सक्सेना-“इस नामांकन के लिए गौरव शर्मा, सिद्धार्थ, शोएब और सा-रे-गामा की पूरी टीम का धन्यवाद।यह बहुत ख़ास है! मुझे पता नहीं है कि मेरा एसडबल्यूए का कार्ड कहां है। मैंने शायद ही कभी अपनी स्क्रिप्ट को एसडबल्यूए में रजिस्टर कराया है लेकिन, मैं इस संस्था के महत्व को पूरी तरह से समझता हूं। यह समारोह का पहला वर्ष है, इसलिए यह बहुत ही खास है। और मैं आने वाले समय में इन अवार्ड्स समारोहों को और अभी अधिक शानदार होने की उम्मीद रखता हूं।”
संदीप पाण्डेय-“ फिल्म के सारे तत्व देखे जाए तो लेखन बहुत बड़ी अहमियत रखता हैं, फिल्म की शुरुवात लेखन से ही होती हैं, और युवा एवं प्रोफेशनल लेखको के लेखन को प्रोत्साहन और उनकी कला को रजिस्टर्ड करने का प्लेटफार्म स्क्रीनराइटर्स असोशिएशन प्रदान करता हैं।
मेरे लिए ये सौभाग्य का विषय हैं कि स्क्रीनराइटर्स असोशिएशन द्वारा आयोजित एसडबल्यूए अवार्ड्स में मेरे द्वारा लिखित और निर्देशित चौसर फिरंगी के लिए मुझे डेब्यू राइटर के लिए नॉमिनेट किया गया, इसके लिए मैं ज्यूरी और एसडबल्यूए को धन्यवाद देता हूँ।आशा करता हूँ की एसडबल्यूए ऐसे ही कलाकारों को प्रोत्साहित करता रहेगा।”
आदिश केलुस्कर-“लेखन कला है और हर कला व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है। एक कलात्मक क्षेत्र में अवार्ड्स, खेल या अन्य स्पष्ट रूप से रेखांकित मापदंड वाले क्षेत्रों जैसे समांतर नहीं होते और वो कला के वास्तविक स्वरूप को प्रतिबिंबित नहीं कर सकते। इसलिए यह श्रेष्ठ या ‘वह श्रेष्ठ’ जैसी बातों का विशेष महत्व नहीं रह जाता।
फिर भी, कलात्मक क्षेत्र में अवार्ड्स बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे “मान्यता स्थापित” करने का एक आवश्यक कार्य करते हैं। आज के सूचना के बोझ तले दबे हुए समय में, एक कलात्मक क्षेत्र का दूसरे कलात्मक क्षेत्र को स्पष्ट पहचान, और एक मान्यता दे ऐसी दूरदर्शिता की आवश्यकता है।
एसडबल्यूए के पास वह दूरदर्शिता है और लेखकों के लिए शुरू किए गए एसडबल्यूए अवार्ड्स उसका ठोस प्रमाण है। मैं अपने नामांकन के लिए एसडबल्यूए का धन्यवाद देता हूं और इस दूरदर्शिता को जारी रखने के लिए एसडबल्यूए को शुभकामनाएं देता हूं।”
किसलय-“शुरू शुरू में जब मैं एसडबल्यूए से जुड़ा तो मैं सोच रहा था की या कोई संगठन भर है, लेकिन जब बाद में मुझे इसकी नियमित जानकारी मिलने लगी तब मुझे महसूस हुआ की यह वाकई बहुत ज्यादा काम करने वाला संगठन है। इसके द्वारा पूरे भारत के नए लेखको के लिए आयोजित वार्तालाप, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का नियमित आयोजन देखकर मुझे बहुत खुशी हुयी है।
एसडबल्यूए अवार्ड में अपने प्रतिभाशाली सह-लेखकों द्वारा एक प्रतियोगी के रूप में चयनित किया जाना एक सम्मान की बात है। अकादमिक संस्थानों में, अकादमिक विशेषताओं और नयी सृजनशीलता की पहचान सहकर्मियों की समीक्षा से किया जाता है। मेरे लिए एसडबल्यूए अवार्ड्स फिल्मों में उसी के बराबर है। मुझे खुशी है की हमने अपनी पहली फिल्म में एक लेखक के तौर पर जो किया, हमारे साथियों को उसमे कुछ महत्वपूर्ण दिखा।”