हर पाँच में से एक व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर का शिकार: डॉ. राकेश जैन

कम उम्र में अधिक लोग होने लगे हैं हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित

बीते कुछ वर्षों में भारत में युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर के मामले बहुत अधिक बढ़े हैं। यह भी देखने में आया है कि विशेष रूप से ऊपरी तौर पर फिट दिखने वाले व्यक्तियों में इसकी सम्भावनाएँ काफी अधिक बढ़ी हैं। गौर करने वाली बात है कि जो लोग इसका शिकार होते हैं, उनमें से कई लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं होती है। यह चिंता का विषय है। ऐसे में, इसके लक्षणों से देश के युवाओं को अवगत कराना काफी अहम् हो जाता है, ताकि आने वाली समस्याओं से समय रहते ही पार पाया जा सके और बेहतर इलाज से एक बार फिर स्वस्थ जीवनशैली का पालन किया जा सके।

वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के मौके पर शहर के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. राकेश जैन, महावीर हार्ट क्लिनिक तथा डायग्नोस्टिक सेंटर, गीता भवन ने हाई ब्लड प्रेशर के बारे में जानकारी दी है। इस वर्ष वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की थीम अपने ब्लड प्रेशर को मापें, इसे नियंत्रित करें, और एक लंबा जीवन जीएं रखी गई है।

सबसे पहले जान लें, हाई ब्लड प्रेशर होता क्या है

हमारे शरीर में रक्त एक सामान्य प्रेशर रेंज के साथ प्रवाहित होता है, जिससे यह पर्याप्त मात्रा में हमारे शरीर के विभिन्न भागों में सुचारु रूप से पहुँचता है। जब शरीर में इसकी पहुँच सामान्य रेंज से अधिक होने लगती है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। भारत में ब्लड प्रेशर की वर्तमान स्थिति हमारे देश में लगभग 20 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित हैं। यह लगभग 25% कुल मृत्यु के लिए जिम्मेदार है।
आईसीएमआर की रिपोर्ट की मानें, तो सिर्फ 28% लोग ही अपने ब्लड प्रेशर से परिचित हैं। इनमें से सिर्फ 15% लोग ही इसका इलाज ले रहे हैं और सिर्फ 12.5% लोगों का ब्लड प्रेशर नियंत्रण में है। लक्षण भी जान लें हाई ब्लड प्रेशर के कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन बारीकी से देखा जाए, तो कुछ लोगों में चिड़चिड़ापन, थकान, कमजोरी, सिरदर्द, आँखों के चारों तरफ जकड़न आदि जैसे सामान्य लक्षण देखने में आते हैं। अलग से कोई विशेष लक्षण न दिखने पर मरीज कई जटिलताओं के साथ आता है, इसलिए कई बार इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

किन कारणों से होता है हाई ब्लड प्रेशर

सामान्य तौर पर व्यायाम की कमी, तनाव की अधिकता, संतुलित जीवनशैली की कमी या गुर्दे से संबंधित बीमारी होने के कारण शरीर में हाई ब्लड प्रेशर पनपने लगता है। वहीं मधुमेह से ग्रसित लोगों में इसकी सम्भावना 2-3 गुना बढ़ जाती है। कम उम्र के लोग अधिक मात्रा में हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित होने लगे हैं, जिसके मुख्य कारण तनाव, अनिद्रा, अत्यधिक सोचना और धूम्रपान हो सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर के दुष्परिणाम शरीर के हर एक भाग पर हाई ब्लड प्रेशर का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मुख्य रूप से हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज (लकवा), किडनी फैल हो जाना, हार्ट फैल्युअर आदि को इसके दुष्परिणामों के रूप में देखा जाता है।

उचित इलाज के लिए क्या करें

हाई ब्लड प्रेशर की जकड़ में आने से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरुरी है। पानी की मात्रा अधिक करने के साथ ही अपने भोजन में नियमित रूप से हरी सब्जी, सलाद, फल, ड्राई फ्रूट्स और फाइबर फूड्स का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें। साथ ही, नमक, मिठाई, फास्ट फूड और तेल का कम से कम इस्तेमाल करें। अपनी दिनचर्या में 45 मिनट ऐरोबिक व्यायाम और योग को शामिल करें। 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें। धूम्रपान और शराब का सेवन न करें। अपने ब्लड प्रेशर की नियमित रूप से जाँच करें। ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर अपने कार्डियोलॉजिस्ट से उसका समुचित इलाज जरूर लें। इससे भविष्य में होने वाली ब्लड प्रेशर की संभावित परेशानियों से निजात पाया जा सकता है।

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