जन्मकुण्डली में पितृ दोष और ज्योतिष शास्त्र में समाधान

डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ

ज्‍योतिषशास्‍त्र में पितृदोष को सबसे बड़ा और खतरनाक दोष माना गया है। पितृदोष होने पर व्‍यक्ति के जीवन में जबर्दस्‍त परेशानियां आनी शुरू हो जाती हैं। जीवन में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। जिसकी कुंडली में यह दोष होता है उसको कई तरह के मानसिक तनाव झेलने पड़ते हैं और किसी काम में सफलता नहीं मिलती है।

पितृदोष के कारण व्‍यक्ति की तरक्‍की में भी बाधा आती है और दांपत्‍य जीवन में तनाव आना शुरू हो जाता है। कई बार तो पितृदोष के चलते पति और पत्‍नी के बीच तनाव की भी नौबत आ जाती है। लेकिन ऐसी कोई समस्‍या नहीं है, जिसका समाधान न हो।कार्यो में रुकावट।। ज्‍योतिष में ही पितृदोष को लेकर कुछ उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं क्‍या हैं ये उपाय…

दक्षिण दिशा का उपाय:-
ऊपर बताई गईं परेशानियां अगर आपके जीवन में भी आ रही हैं तो आप अपनी कुंडली किसी अच्‍छे ज्‍योतिष को दिखाएं और फिर वह अगर आपकी कुंडली में पितृदोष बताए तो आप इस उपाय को आजमा सकते हैं। अपने घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने पूर्वजों की तस्‍वीर लगाएं और उस पर रोजाना माला चढ़ाकर और घर से बाहर जाने से पहले उनका आशीर्वाद लेकर निकलें। धीरे-धीरे पितरों की कृपा आप पर होने लगेगी और दोष भी दूर होने लगेगा।

ब्राह्मण भोज:-
आप चाहें तो अपने पूर्वजों के निधन की तिथि पर जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन करवाकर उन्‍हें क्षमता के अनुसार दक्षिणा देकर विदा करें। भोजन में आपको अपने पूर्वजों के पसंद की चीजें स्‍वयं अपने हाथ से बनाकर परोसनी चाहिए।

शाम के वक्‍त करें यह उपाय:-
ऐसा माना जाता है कि शाम के वक्‍त गोधूलि बेला में पितर अपने प्रियजनों को देखने धरती का रुख करते हैं। इसलिए शाम के वक्‍त दीपक जलाकर रखे और नाग स्‍त्रोतं, महामृत्‍युंजय मंत्र और रुद्र सूक्‍त या पितर स्‍त्रोत और नवग्रह स्‍त्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे पितरों की कृपा आप पर होती है और दोष दूर होते हैं।

ब्राह्मण कन्या या गरीब कन्‍या का विवाह:-
पितृदोष होने पर गरीब या ब्राह्मण कन्‍या के विवाह में भी आपको मदद करने से विशेष पुण्‍य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा गरीब और बीमार लोगों का इलाज करवाने से पितृ दोष में शांति मिलती हैं।

गाय का दान:-
जिस व्‍यक्ति की कुंडली में पितरदोष हो व‍ह गाय का दान करे तो बहुत ही लाभकारी होता है।

पीपल और बरगद के पेड़ रोपित करें ओर मंत्र जाप करे:-
पितर दोष को दूर करने के लिए आप पीपल और बरगद के पेड़ लगाएं। भगवान विष्‍णु के मंत्र का जप करें। श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से भी पितृ शांत रहते हैं और दोष धीर-धीरे कम होने लगता है।

इन मंत्रों का जप करें:-
ऊं सर्व पितृ देवताभ्‍यो नम:। ऊं प्रथम पितृ नारायणाय नम:……!!!

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