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रणवीर ने इंडियन साइन लैंग्वेज को एक ऑफीशियल लैंग्वेज डिक्लेयर करने का आग्रह किया!
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रणवीर सिंह अधिकारियों से इंडियन साइन लैंग्वेज (आईएसएल) को भारत की 23 वीं ऑफीशियल लैंग्वेज के रूप में मान्यता देने और डिक्लेयर करने का आग्रह कर रहे हैं! इस सुपरस्टार ने सोशल इश्यूज को लेकर हमेशा अपनी आवाज बुलंद की है और इस बार वह साइन लैंग्वेज के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक पिटीशन पर साइन कर रहे हैं।
नवज़ार ईरानी के साथ मिलकर बनाया गया रणवीर का इंडिपेंडेंट रिकॉर्ड लेबल ‘इंकइंक’ अपने डेब्यू 4 ट्रैक ईपी पाठशाला से पहला साइन लैंग्वेज वीडियो (रैपर/पोएट स्पिटफायर का वार्तालाप) रिलीज कर रहा है।
रणवीर कहते हैं, “हमने आर्ट के माध्यम से इंक्लूसिविटी को बढ़ावा देने वाले एक प्लेटफॉर्म के रूप में इस रिकॉर्ड लेबल को बनाया था, इसलिए इसे ‘इंकइंक’ नाम दिया गया। अपने इस प्रयास के माध्यम से हम इंडियन साइन लैंग्वेज को भारत की 23 वीं ऑफीशियल लैंग्वेज बनाने की मुहिम को सपोर्ट कर रहे हैं।
मैं ‘एक्सेस मंत्रा फाउंडेशन’ के सपोर्ट से नेशनल एसोसिएशन ऑफ द डेफ (एनएडी) इंडिया द्वारा दायर ऑफीशियल पिटीशन पर साइन करूंगा, जो इसे हकीकत बनाने का अथक प्रयास कर रहे हैं। मैं अपने हमवतनों से आग्रह करता हूं कि वे इस नेक मुहिम से जुड़ें और इसके बारे में अवेयरनेस पैदा करके इसे मूमेंटम दें।
हम इस उम्मीद के साथ स्पिटफायर के लैटेस्ट ट्रैक ‘वार्तालाप’ पर बनाया गया अपना पहला साइन लैंग्वेज वीडियो भी रिलीज कर रहे हैं कि यह ट्रैक इस मुद्दे को ज्यादा चर्चा में ला देगा।”
यह वार्तालाप आईएसएल म्यूजिक वीडियो एक्सियोमैंगो के सहयोग से बनाया गया था, जो एक कम्युनिटी-बेस्ड स्टार्ट-अप है और इसका प्रबंधन व संचालन बधिर प्रोफेशनल करते हैं तथा इस स्टार्ट-अप की स्थापना डेफ इक्सपर्ट डॉ. अलीम चंदानी ने की थी।
यह इंडियन डेफ कम्युनिटी के लिए समान अवसर दिए जाने की वकालत करता है, जो कि विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को लेकर बनाए गए विकलांगता (आरपीडब्ल्यूडी) एक्ट, 2016 का अनुपालन करते हुए अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़ता है।
वह एक गैर-लाभकारी संगठन एक्सेस मंत्रा फाउंडेशन (एएमएफ) के सीईओ भी हैं, जिसका उद्देश्य हियरिंग-इम्पेयर्ड कम्युनिटी के बीच उस जानकारी के प्रति अवेयरनेस पैदा करना है, जो उन्हें आसानी से नहीं मिल पाती है।