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पंचांगों में मतभेद के चलते शनि की उलझी चाल: वैदिक

देश-दुनिया में होगी बड़ी घटनाएं
इंदौर. पंचांगों में मतभेद के चलते शनि की चाल उलझी है. शनि का सीधी चाल चलना देश दुनिया के लिए बड़ी घटना होगी. पंचांगों में मत मतांतर है. पारम्परिक पंचांगों में शनि 45 दिन बाद से सीधी चाल चलेंगे. राशियों पर अलग अलग प्रभाव होगा.
उक्त जानकारी भारद्वाज ज्योतिष व आध्यात्मिक शोध संस्थान के शोध निदेशक आचार्य पण्डित रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने दी. उन्होंने बताया कि देशभर से दो प्रकार के पंचांग प्रकाशित होते है. एक, पारम्परिक जो परम्परा से चले आ रहे है और दूसरे आधुनिक, गणना आधारित कम्प्यूटराइज्ड. दोनों पंचांगों की गणना में अंतर होता है.
पंचांगों में मतभेद के चलते न्याय के देवता शनि भी अपनी उलटी, सीधी चाल में उलझ गए है. परम्परागत पंचांगों की गणना अनुसार शनि 3 अगस्त 2020 से वक्री हुए थे अर्थात उलटी चाल से चलने लगे. वहीं आधुनिक गणना आधारित कंप्यूटरीकृत पंचांगों की माने तो शनि ने 11 मई 2020 से उल्टी चाल चलना प्रारंभ की जो 29 सितम्बर को पुन: सीधी चाल से चल रहे है. परम्परागत व आधुनिक पंचांगों की गणना में 45 दिनों का अंतर है, किसे सही माने? शनि का चाल बदलना देश व दुनिया के लिए एक बड़ी घटना है.
आचार्य शर्मा ने बताया कि शनि ने ही वैश्विक महामारी कोरोना का भय बढ़ा हा हा कार मचाया. शनि राजा को रंक व रंक को राजा बनाने वाला ग्रह है. राजनीति व राजनीतिज्ञों पर शनि का पूर्ण आधिपत्य है. शनि परम्परागत पंचांग के अनुसार 102 तो आधुनिक पञ्चाङ्ग की गणना के अनुसार 142 दिन टेढ़ी चाल से चले. वर्तमान परिदृश्य में शनि की भूमिका अहम है. शनि ने 29 वर्षों बाद धनु से अपनी स्वयं की राशि मकर में 24 जनवरी 20 को मौनी अमावस्या को प्रवेश किया. 17 जनवरी 2023 तक मकर में गोचर करेंगे.
प्रभाव भी अलग ही होंगे
आचार्य शर्मा ने बताया कि पंचांगों की मत भिन्नता के चलते प्रभाव भी अलग अलग ही होंगे. अर्थव्यवस्था गड़बड़ायेगी. बेरोजगारी बढ़ेगी. धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी. मंहगाई का ग्राफ भी तेजी से बढ़ेगा. लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी. आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया कि यदि हम कंप्यूटर आधारित पंचांगों की माने तो वृषभ, कन्या ढय्या से व वृश्चिक शनि की साढ़ेसाती से मुक्त होगी। यदि हम परम्परागत पंचांगों की माने तो शनि अभी 13 नवम्बर तक उल्टी चाल से ही चलते रहेंगे,,,संक्रामक बीमारियों से हा हा कार मचेगा। वैष्विक महामारी कोरोना का भय लोगों में बना रहेगा। चिकित्सा के नाम से लूट पाट करने वालों पर शनि का डंडा चलेगा।राजनीतिक घटनाक्रम व उठापटक तेज होगी।राजनेताओं की परेशानी बढ़ेगी।न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
राशियों पर प्रभाव
मेष- मान सम्मान में वृद्धि, वृषभ- नया काम शुरू होगा, मिथुन- मिश्रित फलदायी। कर्क- धर्म के प्रति रुचि बढ़ेगी।सिंह- रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी।कन्या-मिलाजुला प्रभाव। तुला- मानसिक कष्ट।वृश्चिक- शुभ कार्य होंगे। धनु- आर्थिक परेशानी।मकर, कुम्भ-,व्यय की अधिकता,कर्ज की स्तिथि।मीन- सम्पर्क में वृद्धि।
शनि कृपा प्राप्ति हेतु ये करें
आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया कि यदि हम कंप्यूटर आधारित पंचांगों की माने तो वृषभ,,कन्या ढय्या से व वृश्चिक शनि की साढ़ेसाती से मुक्त होगी। शनि की कृपा प्राप्ति हेतु गरीबों की मदद करे,पक्षियों को दाना डाले, शनि मंत्र का जप करें।हनुमानजी की सेवा करें। अन्याय से दरें।सरकारी कर्मचारी भृष्ट आचरणों से बचे।महिलाओं का सम्मान करें।आदि न्यायिक कार्य ।
यदि हम परम्परागत पंचांगों की माने तो शनि अभी 13 नवम्बर तक उल्टी चाल से ही चलते रहेंगे, संक्रामक बीमारियों से हा हा कार मचेगा। वैष्विक महामारी कोरोना का भय लोगों में बना रहेगा।चिकित्सा के नाम से लूट पाट करने वालों पर शनि का डंडा चलेगा।राजनीतिक घटनाक्रम व उठापटक तेज होगी।
राजनेताओं की परेशानी बढ़ेगी।न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा।वृषभ,कन्या व वृश्चिक की परेशानियां बढ़ेगी। पंचांगों के मतभेद को शिर्ष धर्माचार्य मिल बैठ कर शीघ्र ही दूर करने का प्रयास करे।