साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून को , इन राशि के जातकों के लिए रहेगा बेहद खतरनाक

डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ

ग्रहण का पृथ्वी से एक लंबा नाता है, एक ओर जहां तकरीबन हर साल ग्रहण लगते ही हैं। वहीं ज्योतिष में वह साल सबसे घातक माना जाता है, जिस साल में चार या इससे अधिक ग्रहण पड़ते हैं। ऐसा ही एक साल 2020 भी है जिसमें 6 ग्रहण पड़ेंगे। जिनमें से 4 चंद्रग्रहण व दो सूर्यग्रहण होंगे।

ग्रहण दो प्रकार के होते हैं पहला वह जो जिसमें चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी एक ही सीध में होते हैं और चांद पृथ्वी और सूर्य के बीच होने की वजह से चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। इस ग्रहण को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। वहीं दूसरी ओर जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है। ऐसी स्थिती में चांद पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है, यानि चांद पर पृथ्वी की छाया पड़ती है, इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।

वहीं ज्योतिष में दो ग्रह राहु और केतु माने जाते हैं, इनमें से राहु के द्वारा जब सूर्य का ग्रास किया जाता है तो उसे सूर्यग्रहण और जब केतु के द्वारा चंद्र का ग्रास किया जाता है तो उसे चंद्रग्रहण कहते हैं।

ईस साल का दूसरा चंद्र ग्रह 5-6 जून को लगने जा रहा है। ये ग्रहण रात 11 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगा और 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। ये ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में होने वाला है।

वृश्चिक राशि में ग्रहण लगने की वजह से आपकी राशि, लग्न और 7वां भाव प्रभावित हो रहा है। यह आपकी बुद्धि भ्रमित करने के साथ ही आपकी और जीवनसाथी की सेहत पर भी असर डालता हुआ दिख रहा है। वहीं इस ग्रहण की पूरी छाया आपके 7वें भाव पर पड़ेगी।

इसके अलावा आपका तीसरा, पांचवां और ग्याहरवां भाव भी इससे प्रभावित होगा। जिसके कारण लाभ में कमी आने के अलावा स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों की संभावना है। वहीं इस समय भाई-बहनों से रिश्ते खराब होने के संकेतों के बीच जीवनसाथी से मतभेद और बदनामी के योग भी बन रहे हैं।

ग्रहण के अनिष्ट फल से रक्षा हेतु, ग्रहण काल में ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय के अधिकाधिक जप कीजिए।

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