- टास्कअस ने हर महीने 250 से ज़्यादा नए स्टाफ को नियुक्त करने की योजना के साथ इंदौर में तेजी से विस्तार शुरू किया
- Capture Every Live Moment: OPPO Reno13 Series Launched in India with New MediaTek Dimensity 8350 Chipset and AI-Ready Cameras
- OPPO India ने नए AI फीचर्स के साथ पेश की Reno13 सीरीज़
- इंदौर एनिमल लिबरेशन की पहल: जानवरों के अधिकारों का हो समर्थन
- सपनों को साकार करने का मंच बन रहा है ‘प्लास्ट पैक 2025’
स्माइल ट्रेन इंडिया और फॉग्सी ने फटे होंठ और तालु की जांच और उपचार के लिए जारी किया प्रोटोकॉल
यह प्रोटोकॉल एक ऐसा साधन बनेगा जिसके माध्यम से स्त्री रोग विशेषज्ञ इस उपचार योग्य जन्म अवस्था का आसानी से पता लगा सकते हैं
इंदौर, 6 अप्रैल 2022 : स्माइल ट्रेन इंडिया – भारत की सबसे बड़ी क्लेफ्ट पर केंद्रित एनजीओ – और फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजीकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (फॉग्सी) – भारत के स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञों की सबसे बड़ी संस्था – ने फटे होंठ और तालू की समस्या के जल्द पता लगाने और भारत में क्लेफ्ट के साथ जन्मे बच्चों को सही उपचार देने के लिए एक मेडिकल प्रोटोकॉल जारी किया है। फटे होंठ और तालू (क्लेफ्ट लिप और पैलेट) एक ऐसी जन्मजात अवस्था है, जिसका जन्मोप्रांत आसानी से इलाज किया जाता है।
गर्भावस्था के 20वें हफ्ते के अल्ट्रासाउंड में इसका पता चल सकता है, और वहीं से उपचार शुरू भी हो सकता है। सही मार्गदर्शन और समय पर उपचार मिलने से क्लेफ्ट के साथ जन्मे बच्चे भी स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। क्लेफ्ट लिप अवस्था को लेकर उपचार संबंधी जानकारी के अभाव में और अंधविश्वास के चलते, कई बार क्लेफ्ट अवस्था से पीड़ित बच्चों के माता-पिता बिना सोचे समझे, जानकारी के अभाव में गलत निर्णय ले लेते हैं।
फॉग्सी और स्माइल ट्रेन के मिले-जुले प्रयास से फटे होंठ और फटे तालु की जांच और उसके सही उपचार के बीच की दूरी को कम किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। फॉगसी और स्माइल ट्रेन के विशेषज्ञों की एक टीम ने साथ मिलकर यह मेडिकल प्रोटोकॉल बनाया है, जो समस्त स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञों के लिए उपलब्ध होगा। इसे बनाने में फिटल मेडिसिन एक्सपर्ट, नियोनेटोलॉजिस्ट, ऑब्सटेट्रिशियन, गायनेकोलॉजिस्ट, प्लास्टिक एवं मैक्सीलोफेशियल सर्जन, पीडियाट्रिक एनेसथीसियोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशियन, स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट, और ऑर्थोडॉन्टिस्ट का योगदान रहा हैं।
इसकी घोषणा करते हुए फॉग्सी की अध्यक्ष डॉ. शांताकुमारी ने बताया कि, “हमारी यह साझेदारी एक बेहद महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत है। अक्सर गायनेकोलॉजिस्ट गर्भवती स्त्री या माँ के संपर्क में आने वाली व्यक्ति रहती है, जो गर्भस्थ शिशु में किसी भी प्रकार की अनियमितता को पहचानने का काम करती है, और बच्चे के परिवार के सदस्यों को इसके बारे में सही जानकारी और शिक्षा देती है। इसीलिए उनका प्रशिक्षण और जागरूकता बेहद जरूरी है। फटे होंठ और तालू की समय पर जांच और सही उपचार के लिए बना हुआ यह प्रोटोकॉल सर्जरी के बेहतर नतीजे लाने में मदद करेगा, और साथ ही क्लेफ्ट लिप और पैलेट के साथ जन्मे बच्चों के जीवन को सुधारने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। स्माइल ट्रेन संस्था इस क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रही हैं और हमें गर्व है कि हम ऐसी संस्था के साथ जुड़ रहे है।”
इस अवसर पर ममता कैरोल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एवं रीजनल डायरेक्टर, एशिया, स्माइल ट्रेन ने कहा कि, “फॉग्सी के साथ हमारी यह साझेदारी, भारत में क्लेफ्ट लिप और पैलेट को लेकर जागरूकता बढ़ाने, गर्भस्थ शिशु में उसकी जांच करने की दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है, जिसके माध्यम से भारत में क्लेफ्ट अवस्था के साथ जन्मे बच्चों को एक समुचित देखभाल प्रदान की जा सके। यह प्रोटोकॉल एक बहुत महत्वपूर्ण साधन होगा स्त्री रोग एवं प्रसूति प्रसूति विशेषज्ञों के लिए, जिससे कि वे क्लेफ्ट लिप के साथ जन्में बच्चों के माता-पिताओं को सही तरीके से समझा सकें, उनके प्रश्नों के जवाब दे सकें, और शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू हो सके। इस साझेदारी के साथ हम प्रारंभिक जांच और उपचार सुनिश्चित करते हुए, अपने काम को और गति देना चाहते हैं। हम आशा करते हैं कि हम इस माध्यम से भावी पालकों में इस अवस्था को लेकर जागरूकता फैलाते रहें, और सभी क्लेफ्ट वॉरियर्स को बेहतरीन गुणवत्ता का जीवन देने में मदद कर सकें।”
इस कार्यक्रम के तहत फॉग्सी और स्माइल ट्रेन द्वारा इस प्रोटोकॉल को संपूर्ण स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ कम्युनिटी के बीच वितरित किया जाएगा और फॉगसी के सदस्यों के बीच एक ऐसा रिफेरल प्रोग्राम भी तैयार किया जाएगा जिसके तहत वंचित वर्ग के क्लेफ्ट के मरीजों को नि:शुल्क इलाज के लिए स्माइल ट्रेन के पार्टनर अस्पतालों में भेजा जा सके।