कोरोना मरीजों की पहचान के लिये सघन सर्वे का काम हुआ शुरू

घर-घर जाकर आगामी एक सप्ताह तक एप के माध्यम से होगा सर्वे

इंदौर. इंदौर जिले में कोरोना मरीजों की पहचान के लिये घर-घर जाकर सर्वे का काम आज से प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वे के लिये आँगनवाड़ी केन्द्रों को ईकाई बनाया गया है। सर्वे के लिये 1600 से अधिक टीमों का गठन किया गया है। इनमें आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की अहम भूमिका है।

सर्वे का कार्य एक सप्ताह तक चलेगा, उसके पश्चात फॉलोअप का काम निरंतर होगा। सर्वे के दौरान पाये जाने वाले लाक्षणिक मरीजों तथा पॉजिटिव मरीजों का इलाज कराया जायेगा। पॉजिटिव मरीजों के कांटेक्ट पर्सन को चिन्हांकित कर  उनके सेम्पल लिये जायेंगे तथा उन्हें कोरनटाईन किया जायेगा।

कलेक्टर श्री मनीष सिंह की अध्यक्षता में आज यहाँ कोरोना के सर्वे, सेम्पलिंग, कोरनटाईन, होम आईसोलेशन, सर्वेलेंस आदि के लिये गठित दलों का विशाल प्रशिक्षण आज यहाँ अभय प्रशाल में सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी एडीएम, एसडीएम, सर्वेलेंस दल, आरआरटी दल, सैम्पलिंग दल, कोरनटाईन दल, आईसोलेशन दल आदि के प्रभारी तथा सदस्यों ने भाग लिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने कहा कि सर्वे का यह कार्य व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जिले का कोई भी घर तथा उसमें रहने वाला कोई भी सदस्य सर्वे से छूटेगा नहीं। सर्वे एक अद्यतन एप के माध्यम से कराया जा रहा है।

इसमें विस्तृत जानकारी रहेगी। इससे कोई भी लाक्षणिक तथा अलाक्षणिक मरीज छूट नहीं पायेगा।  उन्होंने निर्देश दिये कि सर्वे कार्य को अतिगंभीरता के साथ किया जाये। सर्वे तथा कोरोना के संबंध में अन्य कार्यों में लापरवाही तथा त्रुटि करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने सर्वे के उद्देश्यों तथा कार्यप्रणाली आदि की जानकारी दी। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहन सक्सेना ने सर्वे के लिये बनाये गये एप के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। नगर निगम के अपर आयुक्त श्री चेतन्य कृष्ण ने होम कोरनटाईन तथा होम आईसोलेशन के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि यह सर्वे शुरू हो गया है। इस बार भी जिले के सम्पूर्ण क्षेत्र में प्रत्येक रहवासी का सर्वेक्षण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जून माह से अनलॉक के बाद शहर में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बेहतर आंकलन के लिए यह सर्वे कार्य किया जा रहा है। आंगनवाड़ी केंद्र के अनुसार वहां की कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा सम्पूर्ण क्षेत्र का वृहद सर्वे किया जाएगा।

इस बार इन्दौर कोविड-19 सर्वे एप को अद्यतन करते हुये नये फीचर्स जोड़े गये हैं। इससे मॉनिटरिंग और डाटा संकलन करने में बेहद आसानी होगी। सर्वे का विस्तृत डाटा प्राप्त होगा।  नए सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कोविड-19 संदिग्धों को पहचानने में मदद मिलेगी। जिससे उनका समय पर इलाज शुरू किया जा सकेगा। साथ ही संक्रमण फैलने से भी रोका जा सकेगा।

फ़ील्ड लेवल पर सर्वेलेंस डॉक्टर, एसडीएम तथा संबंधित परियोजना अधिकारी भी सतत् भ्रमण पर रहेंगे। सर्वे टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। सर्वेक्षण कार्य का दैनिक रूप से अवलोकन किया जाएगा।

ट्रेनिंग में बताया गया कि सर्वेक्षण हेतु 12 बिंदुओं पर समीक्षा की जाएगी। इन लक्षणों की जानकारी हाँ या नहीं के माध्यम से एप में फ़ीड की जाएगी। जिसके आधार पर सर्वेलेंस डॉक्टर द्वारा आगामी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इन 12 लक्षणों में बुखार एवं सर्दी खाँसी, साँस लेने में तक़लीफ़, डायबिटीज़, हाई बीपी, पुरानी साँस की बीमारी अथवा सीओपीडी, गर्भवती महिला, अस्थमा, ट्यूबरकुलोसिस, हृदय रोग, कैंसर, किडनी रोग एवं धात्री माता के कुल 12 बिंदु शामिल हैं।

कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि प्रत्येक घर के मुखिया सहित समस्त सदस्यों का सर्वेक्षण किया जाना है। सर्वेक्षण के दौरान एप में व्यक्ति का नाम, आयु, लिंग, मोबाइल नंबर, द्वितीयक संपर्क, पता एवं अन्य जानकारी भरी जाएगी। परिवार के एक सदस्य के जुड़ने के बाद मोबाइल एपलिकेशन में “सदस्य जोडे़ं” नाम का एक विकल्प आयेगा जिसके द्वारा अन्य सदस्यों से संबंधित जानकारी भरी जा सकेगी।

एक बार सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने के पश्चात क़रीब एक सप्ताह बाद फ़ॉलोअप राउंड शुरू किए जाएंगे। जिनमें पुनः प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य का फ़ॉलोअप सर्वे किया जाएगा। फ़ॉलोअप सर्वे में भी 12 लक्षणों को दोहराया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि, पूर्व में सर्वे किए जा चुके व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण विकसित होने की दशा में वह पहचाना जा सके।

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