नैतिक मूल्यों का पतन चिंतन और चिंता का विषय: मयणाश्रीजी

इंदौर। समाज में नैतिक मूल्यों का पतन चिंता और चिंतन का विषय है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारी किताबी शिक्षा का पाठ्यक्रम नीति और संस्कारों पर आधारित होने के बजाय ऐसे विषयों पर केंद्रित है, जो देश को केवल बेरोजगारों की फौज ही दे सकती है. वर्तमान परिदृश्य में यह आकलन बिल्कुल सही नजर आता है. समाज की नई पौध को जब तक अपने घर में संस्कार और नीतिगत शिक्षा नहीं मिलेगी, उसका चरित्र निर्माण भी नहीं हो पाएगा.
साध्वी मयणाश्रीजी ने रेसकोर्स रोड स्थित पार्श्वनाथ आगमोद्धारक आराधना भवन पर आयोजित धर्मसभा में उक्त प्रेरक एवं ओजस्वी विचार व्यक्त किए. इस मौके पर समाजसेवी चंदनमल चौरडिय़ा, डॉ. प्रकाश बांगानी, अभिभाषक मनोहर दलाल, हेमंत जैन डिंगडांग, भरत कोठारी, कीर्तिभाई डोसी, पुखराज बंडी, प्रवीण श्रीश्रीमाल सहित अनेक बंधुओं ने श्रावक-श्राविकाओं की अगवानी की. धर्मसभा में साध्वी प्रीतवर्षाश्रीजी, मोक्षवर्षाश्रीजी, साध्वी सिद्धिमयणा श्रीजी एवं अर्हममयणाश्रीजी आदिठाणा भी उपस्थित थे. संचालन यशवंत जैन ने किया। आराधना भवन पर साध्वी मयणाश्रीजी के प्रवचनों की अमृत वर्षा प्रतिदिन प्रात: 9.15 से 10.15 बजे तक होगी।

पांच शिविरों का आयोजन होगा

श्वेतांबर जैन तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश बांगानी ने बताया कि साध्वीश्रीजी की प्रेरणा से पांच अगस्त से प्रत्येक रविवार को बास्केटबॉल काम्प्लेक्स में पांच जैन जागरण शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। इनमें ‘जैन धर्म, कल आज और कल, ‘शिक्षा, संस्कार और सदाचार, ‘जीवन के दो अनमोल रत्न – माता-पिता, ‘जिन शासन की सफलता का राजमार्ग एवं ‘कैसे रहे खुशहाल परिवार जैसे विषय शामिल किए गए है।। शिविर प्रति रविवार प्रात: 10 से 12 बजे तक होंगे। समय की पाबंदी इन शिविरों में सख्ती से पालन की जाएगी।

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