अहिल्या घाट पर दुग्धाभिषेक एवं चुनरी समर्पण के बाद शुरू हुई भव्य बाणेश्वरी कावड़ यात्रा

इन्दौर,। मालवांचल की सबसे बड़ी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा आज सुबह महेश्वर के देवी अहिल्या घाट पर मां नर्मदा के दुग्धाभिषेक एवं 1100 मीटर लंबी चुनरी समर्पण के साथ बोल बम के गगनभेदी उद्घोष के साथ प्रारंभ हुई। महामंडलेश्वर स्वामी दयालु गुरू एवं भाजपा नेता प्रमोद झा के आतिथ्य एवं तपोनिष्ठ मौनी बाबा के सान्निध्य में सुबह 9 बजे शुरू हुई यह यात्रा जैसे ही धामनोद पहंुची, सारा शहर यात्रा की अगवानी के लिए उमड़ पड़ा।
महेश्वर के अहिल्या घाट का नजारा उस वक्त देखने लायक था, जब दुग्धाभिषेक के साथ मां नर्मदा का 51 किलो गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों से अभिषेक किया गया। यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला, यात्रा प्रभारी दीपेंद्र सिंह सोलंकी एवं कमल शुक्ला के साथ 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने इस अभिषेक एवं पूजन में भाग लिया। सभी संतों एवं अतिथियों की मौजूदगी ने भक्तों का उत्साह कई गुना बढ़ा दिया।
जोशीले जयघोष के बीच सबसे पहले महेश्वर में स्वागत का क्रम शुरू हुआ, जहां नगर पंचायत की ओर से स्वागत सत्कार के बाद ब्राम्हण समाज, केवट समाज, सोनी समाज, महाजन परिवार, महेश बाबा, सुरेशचंद्र जोशी, लोकेंद्र मंडलोई आदि के नेतृत्व में जगह-जगह मंच लगाकर पुष्पवर्षा की गई। यही स्थिति धामनोद में भी रही जहां नगर परिषद अध्यक्ष दिनेश शर्मा, शिवसेना, राहुल पाटीदार मित्र मंडल, अखिलेश जिनिंग, छन्नू बाबा, कुणाल छाबड़ा, होटल हाईवे, गोपाल खजांची, हुकम गर्ग, अशोक जायसवाल, सुभाष मंगल, ओम गर्ग, सौरभ शर्मा के अलावा व्यापारी संघ एवं अन्य संगठनों की ओर से स्वल्पाहार से लेकर पुष्पवर्षा और रंगोली सजाकर स्वागत किया गया।
सांझ होते-होते यात्रा गुजरी पहंुच गई जहां शहर के अनेक स्थानों पर मंगलवार को सुबह कावड़ यात्रा का स्वागत सत्कार होगा। यात्रा मंगलवार को मानपुर पहंुचकर रात्रि विश्राम पुष्पकुंज उद्यान में करेगी। यात्रा के साथ चल रहे ‘शिव रथ’ और आधा दर्जन नयनाभिराम झांकियों का कारवां भी महेश्वर और धामनोद में आकर्षण का केंद्र बने रहे। पहली बार यात्रा के साथ एंबुलेंस एवं चलित शौचालय आदि प्रबंध भी किए गए हैं। मार्ग में चार स्थानों पर पौधरोपण भी किया गया।
कावड़ यात्रा मंगलवार 31 जुलाई को मानपुर, 1 अगस्त को महू, 2 अगस्त को इंदौर, 3 अगस्त को नगर भ्रमण के बाद रेवतीरेंज, 4 को को पंथपिपलई से खानबड़ोदिया, 5 अगस्त रविवार को रात्रि में उज्जैन पहुंचकर 6 अगस्त सोमवार को सुबह 4 बजे भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर देश एवं प्रदेश में सुखद वर्षा एवं सुख, शांति तथा समृद्धि की प्रार्थना करेंगे।

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