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उद्योग की चुनौतियों के बावजूद विन्जो ने ESOP बॉयबैक के चौथे दौर को पूरा किया
● जीएसटी में 400% की भारी बढ़ोतरी और अवैध ऑफशोर बेटिंग और गैंबलिंग कंपनियों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, विन्जो ने अपने चौथे ईसोप (ESOP) बायबैक को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह कदम विन्जो की ओर से शीर्ष टेक्नोलॉजी और प्रॉडक्ट टैलेंट को आकर्षित करने और उन्हें अपने साथ बनाए रखने की रणनीतिक योजना का हिस्सा है।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर, 2024: भारत के सबसे बड़े गेमिंग और इंटरैक्टिव मनोरंजन प्लेटफॉर्म, विन्जो (WinZO) ने अपने एम्पलॉयी स्टॉक ऑप्शंस प्लान (ईसोप) के चौथे बायबैक राउंड को सफलतापूर्वक पूरा करने की घोषणा की है। यह पहल उन कर्मचारियों को मौका देती है जिन्होंने कंपनी में कम से कम दो साल पूरे किए हैं, जिससे वे अपने ईसोप को नकदी में बदल सकते हैं। इस योजना से विन्जो के कुल कर्मचारियों का लगभग 30% लाभान्वित होगा।
पिछले साल के दौरान, विन्जो ने सुपर कंप्यूटिंग तकनीक, रियल-टाइम कम्युनिकेशन और कंटेंट क्रिएशन में एआई के उपयोग से जुड़े 25 से ज्यादा टेक्नोलॉजी पेटेंट के लिए आवेदन किया है, जो कंपनी की नवाचार और प्रौद्योगिकी में बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विन्जो का यह बायबैक कार्यक्रम, कंपनी की वैश्विक स्तर के टेक्नोलॉजी टैलेंट को आकर्षित करने और बनाए रखने की रणनीति का अहम हिस्सा है, खासकर जीएसटी में 400% की वृद्धि के प्रतिकूल प्रभावों को संतुलित करने के लिए। यह टैक्स बढ़ोतरी गेमिंग उद्योग को “सिन” सेक्टर्स जैसे कसीनो और हॉर्स रेसिंग के साथ रखती है। विन्जो का मानना है कि उपभोक्ता तकनीकी उद्योग के लिए हाई-स्किल और हाई-प्रॉडक्टिविटी वाले टैलेंट सबसे महत्वपूर्ण हैं, और गेमिंग उद्योग इस टैलेंट के लिए एक बड़ा प्रवेश द्वार है। यदि यह सेक्टर अच्छे टेक टैलेंट को नहीं बनाए रख पाता, तो भारतीय कंज्यूमर-टेक इंडस्ट्री के विकास और इनोवेशन की गति धीमी हो जाएगी।
महामारी के बाद मंदी के दौरान, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग बड़ी तकनीकी कंपनियों में वैश्विक छंटनी की वजह से बाहर हुए प्रोफेशनल्स का ठिकाना बना है। हालांकि, जीएसटी में भारी वृद्धि से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिससे इस उद्योग की टैलेंट को आकर्षित करने और बनाए रखने की क्षमता प्रभावित हुई है। इन चुनौतियों के बावजूद, विन्जो विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी सीनियर टेक प्रोफेशनल्स को सफलतापूर्वक आकर्षित करने में सफल रही है, जिससे भारत में अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने और इसे ब्राजील जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात करने का अवसर मिला है। इंडिया गेमिंग मार्केट रिपोर्ट 2024 के अनुसार, पे-टू-प्ले सेक्टर ने 90% एफडीआई को आकर्षित किया और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रमुख संस्थानों से काबिल व योग्य टैलेंट को आकर्षित करने में सफल रहा।
भारत का गेमिंग क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसमें जरूरी स्किल्स की कमी की चुनौती भी है। विन्जो ने इस चुनौती का सामना करते हुए एक अनूठा माइक्रो-लेनदेन आधारित मॉडल पर काम किया है, जिसके जरिये एक मल्टी-गेमिंग प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इस प्लेटफार्म पर थर्ड पार्टी क्रिएटर्स द्वारा बनाए गए 100 से ज्यादा कैजुअल गेम्स उपलब्ध हैं। यह प्लेटफॉर्म भारत के प्रधानमंत्री के “क्रिएट इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड” विजन को भी आगे बढ़ाता है।
विन्जो ने इस प्लेटफार्म को तैयार करने के लिए टेक्नोलॉजी में कुशल प्रतिभाओं को जोड़ा है, जो हाई स्पीड कंप्यूटेशन, कम लैग और साइबर सुरक्षा जैसी जटिल चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। इनमें खासकर ऐसे उपकरणों की समस्याएं शामिल हैं जो सीमित रैम और खराब कनेक्टिविटी पर चलते हैं। इसके अलावा, विन्जो की टीम में स्टोरी टेलिंग, 3डी मॉडलिंग, एनीमेशन और ऑडियो इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ भी हैं, जो गेमिंग उद्योग की जटिल संरचना को और भी बेहतर तरीके से समझने और विकसित करने में मदद करते हैं।
इस इंडस्ट्री ने जहां हजारों नौकरियां पैदा की हैं, वहीं कुशल प्रोफेशनल्स की कमी भारतीय ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए एक चुनौती बन गई है। इससे कंपनियों पर स्किल्ड वर्कफोर्स को ट्रेनिंग देने का दबाव बढ़ता है। अगर भारत को बड़े पैमाने पर निर्यात के लिए तैयार गेमिंग प्रोडक्ट्स विकसित करने हैं, तो इस स्किल गैप को दूर करना बेहद जरूरी है।
विन्जो के संस्थापक सौम्या सिंह राठौड़ और पवन नंदा ने कहा, “विन्जो में हम मानते हैं कि हमारी टीम हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और यह ईसोप (ESOP) बायबैक कार्यक्रम अपने इनोवेशन (नवाचार) को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” उन्होंने आगे कहा, “गेमिंग इंडस्ट्री में सामने आ रही चुनौतियों, खासतौर पर हाल के टैक्स में हुए बदलावों के बावजूद, हमारा फोकस अपनी टीम का समर्थन करने और नई-नई संभावनाएं पैदा करने पर है। हम 300 अरब डॉलर के वैश्विक गेमिंग बाजार में अपनी जगह मजबूत करने के लिए लगातार इनोवेशन कर रहे हैं, जिसमें फिलहाल भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 1% है। हम भारत की प्रतिभा को आगे बढ़ाते हुए एक ऐसी वैश्विक उपभोक्ता तकनीकी कंपनी बना रहे हैं, जो ‘भारत में बनी’ हो और जिस पर दुनिया गर्व कर सके।”
विन्जो ने छह सालों में अपने यूजर्स की संख्या को 200 मिलियन तक बढ़ाते हुए भारत के ऑनलाइन गेमिंग बाजार का लगभग 35% हिस्सा हासिल कर लिया है। कंपनी ने अपने विकास को बढ़ावा देने के लिए लोगों और टेक्नोलॉजी में लगातार निवेश किया है और उद्योग की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है।
चौथे ईसोप बायबैक के सफल समापन के साथ, विन्जो ने यह दिखाया है कि वह टैलेंट को बनाए रखने, नई तकनीकों को आगे बढ़ाने और गेमिंग उद्योग में विकास को जारी रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
इस क्षेत्र को प्रतिभा को आकर्षित करने और बनाए रखने के पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ने की जरूरत है, क्योंकि उभरते हुए क्षेत्रों के लिए उच्च उत्पादकता वाले टैलेंट का निर्माण एक लंबी और संसाधन-गहन प्रक्रिया होती है। जैसे ही यह क्षेत्र जीएसटी में वृद्धि और “सिन सेक्टर्स” की चुनौतियों से बाहर निकलेगा, टैलेंट को आकर्षित और बनाए रखने में इस पहल की अहम भूमिका होगी। यह कदम विन्जो की टीम द्वारा किए गए असाधारण प्रयासों को पहचान देता है, जो भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए विश्व स्तरीय उत्पाद बना रहे हैं। विन्जो का लक्ष्य भारत की पहली वैश्विक उपभोक्ता टेक कंपनी बनना है, और इस पहल से भारतीय स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में टैलेंट पूल का विस्तार होगा।
वर्तमान में भारतीय गेमिंग उद्योग की वैल्यू 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसके 14% सीएजीआर की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो 2028 तक 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा (इंडिया गेमिंग मार्केट रिपोर्ट 2024)। अगर भारत 2034 तक वैश्विक उपयोगकर्ता और ऐप डाउनलोड हिस्सेदारी के आधार पर अपनी बाजार हिस्सेदारी को 20% तक बढ़ाता है, तो यह क्षेत्र 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अवसर का प्रतिनिधित्व कर सकता है। इसके साथ, गेमिंग उद्योग रोजगार सृजन को 20 गुना तक बढ़ा सकता है और अकेले इस क्षेत्र में दो मिलियन से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न कर सकता है।
विन्जो ने इससे पहले 2021 और 2023 के बीच तीन बार ईसॉप (एम्प्लॉयी स्टॉक ऑप्शन प्लान) भुनाए जाने के राउंड पूरे किए हैं। वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी वेतन पैकेज के अलावा, विन्जो ने एक आकर्षक छात्रवृत्ति योजना भी पेश की है, जो टीम के सदस्यों को दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पूरी तरह से वित्तपोषित उच्च शिक्षा हासिल करने का मौका देती है। 200 लोगों की एक छोटी सी टीम के साथ, विन्जो ने ग्रिफिन गेमिंग पार्टनर्स, मेकर फंड, कोर्टसाइड वेंचर्स और कलारी कैपिटल जैसे प्रमुख निवेशकों से कुल 100 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाई है।