बैशाख मेले में गुरु गोविंद सिंह पर खेला नाटक

इंदौर. चड़दी कला परिवार और मध्यप्रदेश पंजाबी साहित्य अकादमी के रीजनल पार्क के सामने तीन दिनी बैशाखी मेले में दूसरे दिन करीब सात हजार लोग पहुंचे. झूले और फ़ूड झोन पर लोगों ने जमकर मजे किये और मेले का आनंद उठाया। रात 8 बजे से पंजाब से आये रंगमंच के कलाकारों में गुरु गोविंद सिंह जी पर नाटक खेलकर खूब तालियां बटोरी. उल्लेखनीय है कि आयोजकों ने इस साल ये नाटक हिंदी में करवाया है, ताकि दूसरे लोग भी देख सकें.
रात 8 बजे मेले का माहौल उस वक्त भक्तिमय हो गया जब पटियाला के पंजाबी रंगमंच पटियाला ग्रुप के 25 कलाकारों ने स्टेज पर साहेब ए कमाल गुरु गोविंद सिंह जी पर नाटक खेला. नाटक के लेखक और निर्देशक हरविंदर पाल सिंह हैं, जो पिछले 10 सालों से रंगमंच करते आ रहे हैं. नाटक में इतिहास को बताते हुए उस समय के हालातों का वर्णन किया गया. गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन और उनके घर परिवार का वर्णन करते हुए जब नाटक आगे बढ़ता है तो एलईडी लाइट्स के इफ़ेक्ट नाटक में जान डाल देते है. सिक्ख संगठनों और खालसा पंथ की स्थापना गुरु गोविंद सिंह जी ने कब की इसे भी नाटक में बड़ी ही खूबसूरती से सूत्रधार के रूप में हरविंदरपाल सिंह ने बताया है. करीब 2 घंटे के इस नाटक के 150 से ज्यादा शो देश के कई बड़े-छोटे शहरों में ये कलाकार खेल चुके हैं। मेला स्थल पर सिक्ख गुरुओं पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है. मेले स्थल में अंदर प्रवेश करते ही 160 फ़ीट एरिया में एक प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें शुरुआत अरदास के पोस्टर से हो रही है. यहाँ दस गुरुओं के फोटो भी लगाये गए है. साथ ही सिक्ख तीर्थ स्थल ले फोटो भी यहाँ इस प्रदर्शनी में देखे जा सकते हैं. चार साहेबजादे का वर्णन भी इसी प्रदर्शनी का हिस्सा है. मेले में पंजाबी और इंदौरी फ़ूड के करीब 30 स्टॉल और पंजाबी ड्रेसेस के करीब 8 स्टॉल लगे है. मेले के जगह-जगह इंदौर के सिक्ख समाज के गौरवशाली लोगों के फोटो भी लगाये गए हैं. ताकि नयी पीढ़ी उनके द्वारा किये गए समाज के कामों के बारे में जान सके. आयोजक हरप्रीत सिंह बक्शी ने बताया कि मेला सभी के लिए खुला है. रविवार को चंडीगढ़ की पंजाबी सिंगर अनमोल गगनमाल और उनकी सभी महिला साथी बैंड प्रस्तुति देंगी.

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