- Anil Kapoor starts filming for gripping action drama ‘Subedaar’: New look unveiled
- अनिल कपूर ने अपनी एक्शन ड्रामा ‘सूबेदार’ की शूटिंग शुरू की: एक्टर का नया लुक आया सामने
- Director Abhishek Kapoor reveals title and teaser release announcement for his upcoming film ‘Azaad’
- निर्देशक अभिषेक कपूर ने अपनी आगामी फिल्म ‘आज़ाद’ के टाइटल और टीज़र रिलीज़ की घोषणा की!
- Rockstar DSP’s 'Thalaivane' song from ‘Kanguva’ is a pulsating track with incredible beats
हमारी खामियां हमें सबसे अच्छी कहानियां देती हैं: आयुष्मान
आयुष्मान खुराना ने विक्की डोनर, दम लगा के हईशा, बरेली की बर्फी, शुभ मंगल सावधान, आर्टिकल 15, बधाई हो, बाला, अंधा धुन जैसी सभी फिल्मों में पूरे उत्साह के साथ पर्दे पर एक अपूर्ण नायक की हिमायत की है।
वे अपूर्ण चरित्रों को सबसे वास्तविक मानते हैं और उनका दृढ़ विश्वास है कि इनसे जुड़ाव महसूस होने के कारण दर्शक ऐसे लोगों से तुरंत कनेक्ट हो जाते हैं।
उनका विश्वास गलत नहीं है, क्योंकि बहुमुखी स्टार ने कंटेंट संबंधी अपनी अद्वितीय चयनशीलता के साथ एक के बाद एक लगातार 7 हिट्स दिए हैं और अब लोगों ने उन्हें ‘आयुष्मान खुराना शैली’ वाली फिल्मों के रूप में पुकारना शुरू कर दिया है।
आयुष्मान कहते हैं, हमारी खामियां हमें वास्तविक बनाती हैं और हर कोई बिल्कुल वास्तविक, जिससे वे आसानी से संबंधित हो सकें और विश्वसनीय हों, ऐसे लोगों और कहानियों से जुड़ जाता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को समस्याओं, खुशियों, दर्द, जीत, महत्वाकांक्षाओं, खामियों को देखने में सक्षम होना चाहिए और कहना चाहिए, हां, हम ऐसे ही हैं, हम एक ही चीज महसूस करते हैं और हम ऐसा ही जीवन जीते हैं।
वे कहते हैं, यही वह चीज है जो मुझे अपनी फिल्मों को चुनने के लिए प्रेरित करता है।
उन्होंने आगे कहा, मैं निरंतर अपूर्णता की तलाश में हूं, क्योंकि हमेशा से ही वे हमें सर्वश्रेष्ठ कहानियां देते हैं, जिसे हम बता सकते हैं।
एक अपूर्ण व्यक्ति अविश्वसनीय रूप से नायकों वाले कुछ काम कर सकता है और यह दर्शकों को पसंद आएगा।
किसी की स्थिति पर विजय प्राप्त करना, अपने आप में एक कहानी है, जिसे लोग देखना पसंद करते हैं।
अगर आप विक्की डोनर से लेकर दम लगा के हईशा, शुभ मंगल सावधान, आर्टिकल 15, अंधाधुन, ड्रीम गर्ल, बाला, आदि फिल्मों को देखें तो पता चलेगा कि मैंने साधारण से हटकर कुछ करने के लिए अपने संघर्षों से गुजर रहे एक अपूर्ण नायक और एक त्रुटिपूर्ण इंसान की भूमिका निभाई है। ये ऐसे किरदार हैं जो मुझे अपील करते हैं क्योंकि ये किरदार वास्तविक हैं और सौभाग्य से दर्शकों ने भी पर्दे पर इन्हें पसंद किया है।
आयुष्मान ने खुलासा किया कि पूर्णता वास्तविक नहीं होती, इसलिए यह उन्हें उबाऊ लगती है। अपूर्णता में एक अंतर्निहित आकर्षण है जो शीघ्र प्रभावी है।
वे अत्यधिक दिलचस्प हैं, उनका एक विशिष्ट व्यक्तित्व है, उनकी एक मनोरंजक यात्रा है और यह काफी आकर्षित करने वाला है।
पूर्णता आज काफी अप्रचलित है, क्योंकि हम सभी महसूस कर चुके हैं कि हम अपूर्ण हैं और हम इसे काफी मुखर रूप से स्वीकार करते हैं।
वे कहते हैं, हम अब पूर्ण बनने की नहीं बल्कि बेहतर होने की आकांक्षा रखते हैं। हम मानते हैं कि संघर्ष वास्तविक है और वास्तव में हम कौन हैं और क्या हैं, इसे स्वीकार करते हैं। हम अपनी आंखों में देखने से नहीं डरते और खुद को अपने असली रूप में स्वीकार करते हैं। आयुष्मान ने कहा, यही कारण है कि मैं अपने काम के जरिए स्क्रीन पर इनकी वकालत करना चाहता हूं।