किसान और देश को बचाने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना जरुरी

“आर्गेनिक एक्सपो – 2020” के अंतिम दिन दिखा जन सैलाब, जनता ने ली जैविक कृषि की जानकारी

इंदौर. जैविक कृषि ज्ञान सम्मेलन एवं प्रदर्शनी आर्गेनिक एक्सपो – 2020 इंदौर के कृषि महाविद्यालय में चल रहा है. आज रविवार को इस आर्गेनिक मेले का अंतिम दिन था. इस आर्गेनिक एक्सपो में किसानों के साथ-साथ आम जनता ने भी जैविक खेती के बारे में काफी कुछ सीखा.

यहाँ आए अतिथियों में दीपक अग्रवाल  (जैविक खेती का अर्थशास्त्र ), नरेंद्र कुमार ताम्बे (सब्जियाँ खाएं जहर नहीं), डॉ. रत्नाकर रॉय (हाइड्रोपोनिक्स -स्कोप और भविष्य), डॉ. भारत भूषण शर्मा (पादप रोगजनकों का जैविक नियंत्रण), डॉ. संजय कुमार शर्मा (जैविक खेती की संभावनाएं ) आदि ने अपने अपने विषयों पर जनता और किसानों से बाते की और उन्हें कई जानकरी दी.

डॉ. रत्नाकर रॉय हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के बारे मे बताते हुए कहा कि  केवल पानी में या बालू अथवा कंकड़ों के बीच नियंत्रित जलवायु में बिना मिट्टी के पौधे उगाने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक कहते हैं। हाइड्रोपोनिक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों ‘हाइड्रो’(Hydro) तथा ‘पोनोस (Ponos) से मिलकर हुई है। हाइड्रो का मतलब है पानी, जबकि पोनोस का अर्थ है कार्य।

और आगे कहा – पौधे या फसल उत्पादन के लिये सिर्फ तीन चीजों – पानी, पोषक तत्व और सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है। इस तरह यदि हम बिना मिट्टी के ही पेड़-पौधों को किसी और तरीके से पोषक तत्व उपलब्ध करा दें तो बिना मिट्टी के भी पानी और सूरज के प्रकाश की उपस्थिति में पेड़-पौधे उगा सकते हैं।

ऑर्गेनिक एक्सपो में आज मुख्य अतिथि विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचंद सावला थे.  हुकुमचंद सावला ने यहाँ अपने सम्बोधन में किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहन दिया, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह देशी फसले मिट्टी को तो लाभ पहुँचाती ही है साथ  ही पानी का संरक्षण करने में भी सहायक होती है. उन्होंने कहा अगर किसान बचेगा तो देश बचेगा, क्योंकि खेती से ही देश की अर्थव्यवस्था चलती  है, इसलिए किसान और देश को बचाने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना जरुरी है.

नरेंद्र कुमार ताम्बे ने अपने सम्बोधन में जहरीली सब्जियों के बारे में बताया और उनसे होने वाले शरीर के नुकसान पर भी बात की. उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद से उपजी सब्जियाँ हमारे लिए जहर से कम नहीं  है. डॉ. संजय कुमार शर्मा ने किसानों को जैविक खेती की संभावनाओं के बारे में बताया.

कार्यक्रम का आयोजन पं. शिव प्रसाद मिश्रा सगंधीय एवं जैविक फार्म द्वारा किया जा रहा है. संयोजक मनोज मिश्रा ने बताया कि इस जैविक कृषि सम्मलेन के समापन पर हमने कई कृषि वैज्ञानिकों को बुलाया और किसानों की उलझनों पर बात की.

इस सम्मेलन में जैविक प्रक्रिया से उपजित अनाज, तेल, घी, शहद, चॉकलेट, सब्जियां, गुड़, टूथ ब्रश , गर्म मसाले, आटा इत्यादि को वाज़िब दामों में मुहैया कराया जा रहा है. यहाँ पर भारी तादाद में इंदौर शहर और यहाँ के आस-पास के गाँवों के कई सारे किसान जुटे थे.  आज आर्गेनिक एक्सपो – 2020 का समापन समारोह हुआ. संयोजक मनोज मिश्रा नेकहा कि जनता का काफी रुझान इस मेले में दिखा और जनता ने काफी खरीददारी भी  की. जनता ने जो हम  पर विस्वाश दिखाया है वह अद्भुत था. इसके सफल होने पर हम इस तरह के और मेले लगाने के बारे में विचार कर रहे है.

मनोज मिश्रा  ने यह भी कहा कि इंदौर की जनता से जो हमें प्यार मिला हैं वह सच से अद्भुत हैं. इंदौर और शहर की जनता को धन्यवाद

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