इंदौर में फिलहाल टोटल लॉकडाउन नहीं

बाजार में नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई, पुलिस, नगर निगम और प्रशासन रखेगा निगरानी

इंदौर. शहर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना पॉजि़टिव मरीज़ों की संख्या में वृद्धि हुई है. इस संबंध में संक्रमण बढऩे के कारणों और इसकी रोकथाम के उपायों पर विचार करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आज रेसीडेंसी कोठी में हुई. बैठक में लॉक डाउन के संबंध में गहन समीक्षा की गई गई.

समीक्षा के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि, इंदौर में टोटल लॉकडाउन फि़लहाल नहीं किया जाए. इसके स्थान पर एक सप्ताह तक कोरोना संक्रमण को रोकने के संबंध में जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए. इसके बाद भी अगर स्थिति नहीं संभलती और लगातार नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो एक बार पुन: अगले सप्ताह आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित होगी और उचित निर्णय लिया जाएगा.

बैठक में सांसद शंकर लालवानी, डॉक्टर निशांत खरे, विधायक श्रीमती मालिनी गौड़, रमेश मैंदोला, महेन्द्र हार्डिया, संजय शुक्ला, विशाल पटेल, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा, मनोज पटेल, विनय बाकलीवाल, गौरव रणदिवे, राजेश सोनकर, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र, आयुक्त नगर निगम सुश्री प्रतिभा पाल उपस्थित थे.

स्थिति गंभीर होने पर करेंगे विचार: लालवानी

सांसद श्री लालवानी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि सख्ती एवं चेतावनी के द्वारा शहर हित में स्थिति नियंत्रित रखी जाए परंतु परिस्थितियां गंभीर होने की दशा में लॉकडाउन पर विचार किया जा सकता है. फिलहाल शहर में लॉकडाउन लागू नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन तो अपना काम कर ही रहा है पर हम सभी जन प्रतिनिधियों की भी यह जि़म्मेदारी है कि हम एक जनजागरण अभियान प्रारंभ करें। हम सभी राजनैतिक दल अपने कार्यकर्ताओं को इस संबंध में नियमों के पालन के लिए भी पाबंद करें.

नियमों के उल्लंघन से बढ़ा संक्रमण

बैठक के प्रारंभ में कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि, सब्ज़ी विक्रेताओं, खानपान की जगहों से भी कोरोना के प्रसार की जानकारी मिली है. साथ ही आम नागरिकों के परस्पर बग़ैर सावधानी वाले मेल-मिलाप से भी स्थिति बिगड़ रही है. 56 दुकान, जेल रोड, सिंधी कॉलोनी स्थित मार्केट, चोइथराम मंडी जैसे स्थान अधिक संवेदनशील बन रहे हैं.

लोगों द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने के कारण संक्रमण बढ़ा हैं. ऐसे व्यक्ति जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उन पर अब सख्ती से कार्यवाही की जाएगी. व्यवसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा नियमों का उल्लंघन करने की दिशा में पुलिस, नगर निगम तथा प्रशासन दुकान संचालकों पर निगरानी रखेगा तथा आवश्यक कार्यवाही करेगा. फार्म हाउस तथा होटल में पार्टी जैसी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

एक सप्ताह की कड़ी चेतावनी दें

बैठक में जन प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि, इंदौर में एकदम से लॉकडाउन करने के स्थान पर एक सप्ताह के लिए कड़ी चेतावनी जारी की जाए. आम नागरिकों से एहतियात रखने को और नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा जाए. सभी दुकानदार और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी पूरी सावधानी से व्यापार करें. दुकानों को राइट और लेफ़्ट के पैटर्न पर खोला जाए. साथ ही नियमों के उल्लंघन पर चालानी कार्यवाही सख़्ती से की जाए.

ऐसे स्थान जहां उल्लंघन ज्यादा हो रहा हैं, उन्हें बंद किया जाए. शहरवासियों को जागरूक करने हेतु व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाए. बैठक में यह भी तय हुआ कि सभी राजनैतिक दल सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करेंगे और नियमों के उल्लंघन पर आयोजन कर्ताओं पर भी फ़ाइन की कार्यवाही की जाएगी.

पोहे जलेबी की दुकान 12 बजे तक ही खुलेगी

बैठक में निर्णय लिया गया कि पोहे जलेबी तथा नाश्ते की दुकान दिन के 12 बजे तक ही खोली जा सकेगी. इसी प्रकार अन्य दुकानों के बंद होने का समय अब रात्रि 8 बजे तक किया गया है. 56 दुकान से टेक-अवे हटाकर अब होम डिलीवरी की सेवा की अनुमति रहेगी.

गरीब बस्तियों में निशुल्क मास्क वितरण

बैठक में बताया गया कि, स्वयंसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों आदि के माध्यम से गरीब बस्तियों में निशुल्क मास्क वितरण की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही शासन के निर्देशानुसार नगर निगम द्वारा शहर के प्रमुख स्थानों, चौराहों आदि पर मास्क बेचने हेतु काउंटर लगाए जाएंगे जहां 20 रूपये प्रति मास्क की दर से मास्क खरीदा जा सकेगा.

इन क्षे्रत्रों में विशेष सावधानी आवश्यक

बैठक में डॉ. निशांत खरे ने बताया कि, वर्तमान समय में शहर के सामने तीन विशेष चुनौतियां हैं। जिनमें ग्रामीण क्षेत्र, शहर का पूर्वी क्षेत्र तथा संभ्रांत कॉलोनी में संक्रमण शामिल है। इन क्षेत्रों में विशेष रूप से निगरानी और सावधानी रखा जाना आवश्यक है।

आचरण नहीं सुधरा तो लाकडाउन अंतिम विकल्प

आपदा प्रबंधन समिति ने चर्चा के उपरांत इस बात पर सहमति जतायी कि, आम नागरिकों को यह स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि यदि उनके द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया और अपना आचरण नहीं सुधारा गया तो लॉकडाउन ही अंतिम विकल्प रहेगा।

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