सात साल की उम्र में पहला डेंटल चेकअप जरुरी

इंदौर. इंडियन डेंटल एसोसिएशन एमपी स्टेट ब्रांच की सातवीं इंटरडिसिप्लिनरी ऑर्थोडॉटिक्स मिड ईयर कन्वर्सेशन का रविवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में समापन हुआ. इस मौके पर देशभर से आए एक्सपर्ट ने ट्रीटमेंट्स की नई टेक्नीक्स पर बात की.
वर्धा से आये डॉ नितिन भोला चिन्नई से आई डॉ श्रीदेवी पद्मनाभन ने दांतों से जुडी बच्चो और युवाओं के कई सारी तकलीफों और नए इलाज़ की ब्रिकिया नई पीढ़ी के साथ साझा की. डॉ भोला ने कहा ओर्थोगेंथिक सर्जरी डेंटिस्ट्री में नए अविष्कार के सामान है अब हम दंन्तो के साथ साथ चेहरे की बनावट को भी बदने में कामियाब हो रहे है. आईडीए इंदौर ब्रांच के सेक्रेटरी डॉ मनीष वर्मा ने बताया कांफ्रेंस में दांतों को सहेजने और नवीन इलाज़ के बारे में पीजी स्टूडेंट्स ने जाना जिसका फायदा अप्रत्यक्ष रूप से मरीजों के ईलाज में होगा. साथ ही प्रिडियाट्रिक डेंटिस्ट्री के बारे में भी गहराई से जान ने को मिला. गवर्मेंट डेंटल कॉलेज के डीन डॉ देशराज जैन ने बताया जनवरी 2019 में होने वाली इंटरनेशनल कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए अभी से पीजी स्टूडेंट्स और बहार से आये डॉक्टरों में उत्साह देखा गया।
जबड़े में परमानेंट फिट होंगे मिनी स्क्रूज
आईबीओ की डिप्लोमैट डॉ. श्रीदेवी पद्मनाभन ने कहा दांतों की सुरक्षा और मजबूती के लिए जरूरी है कि शुरूआत से ही बच्चों में गुड हेबिट्स डाल दें. जैसे हेल्डी फूड खाना, सुबह-शाम दोनों समय ब्रश करना,अंगूठा न चूसना, होंठों को न चबाना और मुंह से सांस न लेना. 7 साल की उम्र से बच्चों को डेंटिस्ट के पास ले जाकर रूटीन चेकअप करवाना चाहिए.  यंगस्टर्स जहां दांतों के पिछले हिस्से में ब्रेसेस लगाना पसंद कर रहे हैं, वहीं बुजुर्गों के लिए मिनी स्क्रूज आए हैं. जो जबड़े में परमानेंट फिट कर दिए जाते हैं, और उन्हें बार-बार निकालने की परेशानी से बचा जा सकता है. कार्यक्रम में विशेष रूप से आईडीए के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ दीपक माखीजानी, आईडीए एमपी स्टेट प्रेसिडेंट डॉ आशीष गर्ग, सेक्रेटरी डॉ मनीष वर्मा, इंदौर ब्रांच के चेयरमैन डॉ प्रशांत मिश्रा और सेक्रेटरी डॉ अमित भरद्वाज भी उपस्थित थे।

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