- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
रात्रि के समय ना करें यह कार्य
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ
रात्रि में लड़कियों को बालों को खुला रखकर नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि रात में खुले बाल सोने पर नकारात्मक शक्तियाँ आकर्षित होती हैं। शरीर में अस्वस्थता व तामसिक विचार पैदा होते हैं । इसीलिए रात को न केवल महिलाएँ वरन् चोटी रखने वाले पुरुष भी अपनी चोटी को बाँध लेते हैं।
चौराहा अर्थात् जिस जगह चार सड़कें आपस में चार दिशाओं से आकर मिलती हो, वहाँ भी रात के समय नहीं जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार वहाँ पर बहुत से टोने-टोटके तथा तांत्रिक अभिक्रियाएँ की जाती हैं, जिसके प्रभाव स्वरूप वहाँ पर नकारात्मक शक्तियों का स्थाई वास हो जाता है। रात में यह प्रभाव और भी बढ़ जाता है। इसीलिए देर रात को चौराहों पर जाना नकारात्मक ऊर्जा यथा भूत-प्रेत आदि विपदाओं को आमंत्रण देने जैसा होता है।
विष्णु पुराण में बताया गया है कि रात के समय भूलकर भी श्मशान के आस-पास नहीं जाना चाहिए। श्मशान व कब्रिस्तान में रात के समय वहाँ की मृत आत्माएँ चेतन हो जाती हैं। यही नहीं मृत व्यक्तियों के सगे संबंधियों द्वारा अंतिम संस्कार करते समय रोने-बिलखने से इन स्थानों पर कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाएँ बहुत अधिक मात्रा में इकट्ठा होती हैं जो रात के समय आसानी से किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकती हैं। यही कारण है कि रात को श्मशान जाते समय तांत्रिक भी अपनी सुरक्षा का विशेष उपाय करते हैं।
कुछ लोग रात को सोते समय इत्र या सेंट लगाकर सोते हैं। शास्त्रों के अनुसार किसी भी तरह की तेज खुशबू परालौकिक शक्तियों को आकर्षित करती हैं। इसीलिए रात को सोने से पहले हाथ-पाँव तथा चेहरा धोकर ईश्वर का ध्यान करते हुए , हनुमान चालीसा पाठ करके ही सोना चाहिए। इससे रात को बुरे स्वप्न भी नहीं आते और नकारात्मक शक्तियाँ भी दूर रहती हैं।
रात के समय स्त्रियों को किसी पराए पुरुष से तथा पुरुष को किसी पराई स्त्री से एकांत में नहीं मिलना चाहिए। बुरी संगति वाले , कुव्यसनी तथा शराबियों से भी रात को दूर ही रहना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपको न केवल नुकसान हो सकता है वरन बदनामी का भी दाग लगता है।
शास्त्रों के अनुसार रात 12 बजे के बाद यानी मध्यरात्रि के बाद एक प्रहर ब्रह्मबेला से ठीक पहले वाला समय आरंभ हो जाता है। ऐसे समय पर व्यक्ति की मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तियाँ जागृत हो जाती हैं। इसीलिए ऐसे समय में व्यक्ति को सोने की वजाय अध्ययन, मनन, ध्यान तथा भगवान की पूजा-पाठ जैसे कार्य करने चाहिए। कोई नई योजना बनानी हो तो भी उसके लिए यह समय बहुत उपयुक्त है। परन्तु इस समय भूल कर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए अन्यथा पुरुषत्त्व की हानि होने के साथ-साथ व्यक्ति का बुरा समय भी आरंभ हो जाता है। शारीरिक संबंध बनाने के लिए सर्वोत्तम समय ब्राह्म मुहूर्त के प्रहर से पहले (अर्थात् लगभग सुबह 3 बजे से पहले) का ही ठीक माना जाता है।दिन रात्रि के छोटे बड़े होने पर थोड़ा समय में अन्तर होता है ।
रात्रि को कभी भी बिना खाए या झूँठे मुँह नहीं सोना चाहिए । ऐसा करने से नकारात्मक-तामसिक शक्तियाँ प्रभावी होंगी और आपका जीवन अस्थिर होगा , विपत्तियों का आगमन प्रारम्भ होगा ।
रात्रि को साफ़- सुथरे बिस्तर पर ही शयन करें । बिस्तर साफ़ न होने पर दरिद्रता , अस्वस्थता का प्रकोप तथा मानसिक दबाव बना रहेगा ।