शंकर लालवानी ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री समेत सांसदों को भेजी स्वदेशी ‘सांसद राखी’

विदेशों से भी मिल रहे हैं ऑर्डर

  • चीन के सामान के विरोध में शंकर लालवानी की बड़ी मुहिम
  • विदेशों से भी आए ऑर्डर
  • आत्‍मनिर्भर भारत अभियान को जमीन पर उतारा
  • राखी बिक्री से प्राप्‍त राशि महिलाओं को देंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ अभियान के संकल्‍प के अनुसार सांसद शंकर लालवानी ने इंदौैर से चीन में बनी राखियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ रखा है। सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत मंत्रियों और सांसदों को स्‍वदेशी ‘सांसद राखी’ भेजी है।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि जिस तरह से चीन सीमा पर हमारे सामने खड़ा है, ऐसे में हमें धीरे-धीरे चीन में बने सामानों का विकल्‍प खोजना होगा। इसीलिए हमने भारतीय त्‍यौहारों पर भारतीय सामान ही उपलब्‍ध करवाने के लिए ये पहल की है।

स्‍वदेशी ‘सांंसद राखी’ की देश के साथ-साथ विदेशों से भी डिमांड आ रही है। अमेरिका, ऑस्‍ट्रेलिया, स्‍पेन, दुबई समेत कई देशों से राखियों के ऑर्डर मिले हैं। विदेशों में रह रहे भारतीय सांसद की इस पहल से बेहद खुश है।

सांसद ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने आत्‍मनिर्भर भारत का संकल्‍प लिया है इसलिए हमने सामाजिक और आर्थिक रुप से पिछड़ी बहनों से ही राखी बनवाने का निर्णय लिया, ताकि चीन की बनी राखियों की जगह स्‍वदेशी राखी को बढ़ावा दिया जाए और अब देश-विदेश से राखियों के ऑर्डर आ रहे हैं। सांसद ने कहा कि उन्‍हें कई देशों से भारतीयों के फोन आए है और वे चीन के खिलाफ शुरू की गई इस मुहिम से खुश है।

इससे पहले सांसद ने देश के वीर जवानों के लिए 21,000 से ज्‍यादा राखियां भिजवाई है। सांसद की टीम द्वारा महिलाओं को राखी बनाना सिखाने के लिए कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है। सांसद राखी को बेचने के लिए दुकानें भी लगाई गई है और ऑनलाइन भी इनकी बिक्री हो रही है। इन राखियों की बिक्री से मिलने वाली राशि राखी बनाने वाली महिलाओं को दी जाएगी।

सांसद ने बताया कि हम इन महिलाओं को राखी बनाने का सामान अपनी तरफ से नि:शुल्‍क दे रहे हैं और इसे बेचने से होने वाली आय भी इन्‍हीं महिलाओं को दी जाएगी।

चीन सीमा पर चल रही तनातनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्‍मनिर्भर भारत के आह्वान के बाद देशभर में चीन का विरोध हो रहा है लेकिन ये पहला मौका है जब किसी सांसद ने इतने बड़े पैमाने पर स्‍वदेश राखी बनवाने का निर्णय लिया है।

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