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एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ऑफ़ इंडिया ने 2019-20 में 24,000 से अधिक बच्चों और युवाओं की मदद की
देश के 22 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में फैले 32 एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज में कुल 6,685 बच्चे रह रहे हैं और बढ़ रहे हैं।
नई दिल्ली. माता– पिता की देखभाल से वंचित बच्चों और अनाथ बच्चों के समग्र विकास के प्रति समर्पित अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश के 24,000 से अधिक बच्चों और युवाओं को प्यार भर माहौल में संरक्षण दिया एवं उनका पालन–पोषण किया।
एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ऑफ इंडिया की ओर से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जारी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। संगठन ने आपदाओं एवं आपातकालीन स्थितियों के दौरान 15,000 बच्चों को सहायता प्रदान की और सुविधाओं से बंचित 2,000 युवाओं को रोजगार के लिए सक्षम बनाया। इसके अलावा, 8,000 निशक्त परिवारों को एसओएस परिवार सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम (एफएसपी) के माध्यम से सहायता प्रदान की गई।
एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेज ऑफ इंडिया के वरिष्ठ राष्ट्रीय उप निदेशक श्री सुमंता कर ने कहा, “हमारे अनोखे फैमिली-लाइक केयर’मॉडल के तहत प्रशिक्षित देखभालकर्ता द्वारा बच्चों को व्यक्तिगत देखभाल प्रदान की जाती है जिन्हें एसओएस मदर, भाई-बहन, परिवार और समुदाय (ग्राम) कहा जाता है। । यह विशेषता हमें अन्य चाइल्ड केअर संगठनों से अलग करती है। एक एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज में बच्चों का पालन– पोषण पूरी सुरक्षा, विकास, भागीदारी और स्वतंत्रता के लिए आवश्यक सभी सुविधाओं और साधनों के साथ किया जाता हे।
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये बच्चे अपनी एसओएस मदर और अपने भाई-बहनों के साथ मजबूत भावनात्मक रिश्ता विकसित करते हैं, जिनके साथ वे कई सालों तक एक ही घर में रहे होते हैं। जब स्थायी रिश्ता विकसित होता है तो बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास होता है और इसलिए बच्चों के लिए समग्र विकास परिणाम सामने आते हैं। “
वित्त वर्ष 2019-20 में, पूरे देश में फैले 32 एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज में कुल 6,685 बच्चे रह रहे हैं और यहीं इनका विकास हो रहा है। इसके अलावा, माता-पिता की देखभाल से वंचित 548 नए बच्चों को प्यार करने वाली एसओएस माँ के संरक्षण के लिए विलेजेज में लाया गया। (दिलचस्प बात यह है कि एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज में 25 प्रतिशत भाई-बहन सहोदर भाई-बहन हैं और उन्हें एक ही परिवार में एक साथ रखा जाता है, जैसा कि वे अपने जैविक परिवारों में रहते हैं।) शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के दौरान 4,600 से अधिक एसओएस बच्चे नियमित स्कूल जाते रहे।
लगभग 200 छात्राओं और 151 लड़कों ने दसवीं कक्षा से पढाई करते हुए स्नातक किया, जबकि 146 लड़कियों और 121 लड़कों ने कक्षा 12 वीं से पढाई करते हुए स्नातक किया। इसके अलावा, उच्च शिक्षा के लिए एसओएस सीवी इंडिया की देखभाल में 1,275 युवाओं ने (उनमें से 54% लड़कियां) उच्च शिक्षा करने का चुनाव किया। वर्ष के दौरान 180 एसओएस बच्चे (उनमें से 46% लड़कियां) को रोजगार (उनकी पहली नौकरी) भी मिला।
इसके अलावा, एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज (उनमें से 54% लड़कियों) में रहने वाले 318 युवाओं को समाज की मुख्यधारा के साथ सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया, जिनका औसत मासिक वेतन 18,407 रुपये है। उच्च शिक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए संगठन ने 370 युवाओं को सहायता प्रदान की।
एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ऑफ़ इंडिया के वरिष्ठ राष्ट्रीय उप निदेशक श्री सुमंता कर ने कहा : “हमारा परिवार सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम (एफएसपी) प्रवासियों और एकल-महिला प्रधान परिवारों सहित कमजोर परिवारों की भी सहायता करता है, ताकि उनका आर्थिक सशक्तीकरण सुनिश्चित हो सके। यह अपने बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण की पहुंच में सुधार करके जैविक परिवारों को एक साथ रखने में मदद करता है। पिछले एक साल में, हमने 17,920 बच्चों को सहायता प्रदान की, जिनमें से आधी लड़कियां थी।
इन सभी ने अपने परिवारों के साथ ही रहते हुए इस कार्यक्रम के माध्यम से सहायता प्राप्त की। हम 3,862 नए बच्चों को सहायता प्रदान करने में कामयाब रहे। नियमित स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने के लिए कमजोर परिवारों के 13,000 से अधिक बच्चों को सहायता प्रदान की गई। इससे प्रोत्साहित होकर 4,347 परिवारों ने एफएसपी में दाखिला लिया, उनकी आय में पिछले वर्ष की तुलना में औसतन 132% की वृद्धि देखी गई। इसके अलावा, कमजोर परिवारों की 1,000 से अधिक महिलाओं को अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए एसओएस सीवी इंडिया द्वारा सहायता प्रदान की गई।”
अपने ʺडिसएडवांटेज्ड यूथ स्किलिंग प्रोग्रामʺ के तहत, एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ने सरकार से जुड़े कौशल विकास संस्थानों में कमजोर पृष्ठभूमि के 1,200 युवाओं को दाखिला कराया। उनमें से लगभग 375 युवा सफलता पूर्वक अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने में कामयाब रहे। इन युवाओं में से 283 युवाओं (46% लड़कियों) को संगठित क्षेत्र में उनके जीवन की पहली नौकरी मिली, जिनका औसत मासिक वेतन 7,700 रुपये है।
साल भर में, एसओएस सीवी इंडिया ने 32 चिल्ड्रेन्स विलेजेज में वैसे 470 बच्चों (60% लड़कियों) के साथ काम करना जारी रखा, जो किसी न किसी रूप में दिव्यांग हैं। भोपाल में एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज खजूरी कलां विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए एक समर्पित विलेज है। यह वर्तमान में विभिन्न जरूरतों वाले विशेष रूप से सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता, ऑटिज्म और कई प्रकार की समस्याओं से पीडित 105 बच्चों की मदद कर रहा है।
वर्ष 2019-29 में एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज की आपदा और आपातकालीन प्रतिक्रिया के बारे में बात करते हुए, श्री कर ने कहा, “संकट की स्थिति में बच्चे सबसे पहले प्रभावित होते हैं। हमारी टीमों ने ओडिशा में फानी चक्रवात के कारण तबाही और मौजूदा कोविड -19 महामारी के दौरान बच्चों के लिए सुरक्षित, निगरानी वाले स्थान प्रदान करने में मदद की। लंबे समय तक रिकवरी पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हम सहायता और मदद के साथ 15,000 से अधिक बच्चों और 7,820 वंचित परिवारों तक सीधे पहुंचने में सक्षम हुए।
चक्रवात फानी के परिणाम के बाद, भुवनेश्वर में हमारे चिल्ड्रेन्स विलेजेज ने बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर और तिरपाल, भोजन के पैकेट और स्वच्छता किट बांटकर प्रभावित परिवारों की मदद की, और जल्दी से 600 से अधिक परिवारों और 1,100 बच्चों के लिए सामान्य स्थिति बहाल की। ”
उन्होंने कहा, “हम एक आत्म-कार्यान्वित संगठन हैं और तकनीकी और वित्तीय सहायता के लिए अपने सहयोगियों – सरकार और कॉर्पोरेट क्षेत्र, समाज, मीडिया के साथ-साथ व्यक्तियों पर निर्भर हैं। हम अपने कार्यक्रमों को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने का प्रयास करते हैं, ताकि लाभार्थियों पर प्रभाव के संदर्भ में परिणामों का अनुकूलन करने के लिए प्रशासनिक व्यय को कम किया जा सके। हम अपने दाताओं और प्रायोजकों के प्रति उनके लंबे समय से समर्थन और हम पर विश्वास के लिए बेहद आभारी हैं।
भारत में लाखों वंचित बच्चे उपेक्षा का जीवन जी रहे हैं, और हमारे देश के भविष्य को बदलने के लिए, हमें मिलकर यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम एक साथ यह सुनिश्चित करें कि एक भी बच्चा उपेक्षित न रहे – #nochildalone । हम इसे प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक सहयोग का आह्वान करते हैं। ”
साल के दौरान, एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ने पालक माता-पिता योजना के तहत 104 बच्चों के लिए किनशिप कार्यक्रम शुरू करने के लिए गुजरात सरकार के साथ, रोजगार के लिए बाल सुरक्षा संस्थानों से 102 बच्चों को तैयार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ, आघात का सामना कर रहे बच्चों की देखभाल करने और मदद करने और बाल सुरक्षा तंत्र का निर्माण करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ रणनीतिक समझौता किया है। एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ने नीति आयोग और ड्युक यूनिवर्सिटी के सहयोग से बच्चों के लिए देखभाल की सुविधा प्रदान करने में अंतर को पाटने के लिए चार राज्यों में 60 बाल सुरक्षा संस्थानों का एक सर्वेक्षण भी किया।