पाप से अधिक खतरनाक पाप की अनुमोदना

जुलूस के साथ आराधना भवन पर साध्वी मयणाश्रीजी का मंगल प्रवेश
इंदौर. हम अपने पाप कर्मों से संसार की अदालत में तो बच जाएंगे लेकिन कर्मों की अदालत से नहीं बच सकते. कर्म फल से कोई नहीं बच सकता. हम जब पाप करते हैं, तो सोचते हैं कि कोई नहीं देख रहा लेकिन परमात्मा की नजरों में हमारे कर्म दर्ज हो जाते हैं. जवानी, रूप, धन और सत्ता के दुरूपयोग से ही पाप का जन्म होता है. क्षण भर के पाप कर्मों का फल लंबे समय तक झेलना पड़ता है. पाप से अधिक खतरनाक पाप की अनुमोदना है। चातुर्मास पापों के प्रक्षालन, जीवन की दशा और दिशा बदलने तथा अपने कर्म एवं व्यवहार में परिवर्तन लाने का स्वर्णिम अवसर है.
ये विचार है देश की प्रथम जैन मायनिरिटी यूनिवर्सिटी की प्रेरक  और देश के इतिहास में पहली बार संसद भवन में व्याख्यान देने वाली साध्वी वर्या मयणाश्रीजी के, जो उन्होंने आज सुबह रेसकोर्स रोड स्थित पार्श्वनाथ आगमोद्धारक आराधना भवन पर चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के बाद पहली धर्मसभा में व्यक्त किये. श्री जैन श्वेतांबर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट रेसकोर्स रोड, श्री पार्श्वनाथ जैन श्रीसंघ और समग्र जैन समाज के तत्वावधान में इसके पूर्व वल्लभ नगर से बैंड बाजों सहित मंगल प्रवेश सामैया प्रारंभ हुआ.
इस दौरान चांदी के रथ में डोसी परिवार, इंद्र के रूप में नवरत्न परिवार तथा नवरत्न भक्ति मंडल के साथी उत्साह के साथ शामिल हुए और रथ को खींचते हुए वल्लभ नगर से रेसकोर्स रोड़ तक ले गए. मंगल कलशधारी महिलाएं केशरिया, पीताम्बर एवं लाल वस्त्रों में मंगल गीत गाते हुए, साफे एवं दुपट्टे पहने श्वेत वस्त्रों में सज्जित सधार्मिक पुरूषों के साथ जुलूस की शोभा बढ़ा रही थी. जुलूस में महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, विधायक महेन्द्र हार्डिया, पार्षद दीपक जैन टीनू, पंकज संघवी, चंदनमल चौरडिय़ा सहित अनेक विशिष्टजन भी शामिल हुए और साध्वीवर्या मयणाश्रीजी की अगवानी की।
आराधना भवन पहुंचने पर ट्रस्ट मंडल की ओर से डॉ. प्रकाश बांगानी, संयोजक दिलीप सी. जैन, महेन्द्र बांगानी ,भरत कोठारी, प्रवीण गरूजी, कीर्ति भाई डोसी, पुखराज बंडी, अशोक जैन, हेमंत जैन, विपिन सोनी, नरेश भंडारी, मनीष सुराना आदि ने अगवानी की। राज्य के ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने भी धर्मसभा में पहुंच कर पुण्य लाभ उठाया। ट्रस्ट की ओर से लाभार्थी कांताबेन नंदलाल डोसी परिवार का बहुमान भी किया गया। संचालन  यशवंत जैन एवं विशाल ढाकोलिया ने किया और आभार माना प्रवीण गुरूजी ने ।
धर्म सभा को प.पू. साध्वी प्रीतवर्षाश्रीजी म.सा., मोक्ष वर्षाश्रीजी म.सा. ने भी संबोधित किया. आराधना भवन पर मयणाश्रीजी के प्रवचन प्रतिदिन प्रात: 9.15 से 10.15 बजे तक होंगे।

आत्मा की सफाई में नंबर वन आना होगा

साध्वी मयणाश्रीजी ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि वक्त हमारे हालात देख कर नहीं आता. फल के बारे में हम सोचते नहीं, इसीलिए अपने पाप कर्म में दूसरों को भी शामिल कर लेते हैं. इंदौर को दो बार शहर की सफाई में देश में पहला स्थान मिला है तो यह सचमुच खुशी की बात है लेकिन अब आत्मा और अंदर की सफाई में भी पहले नंबर पर आना होगा. काम, क्रोध, माया, निंदा और राग-द्वेष जैसे कचरे को भी अंदर से बाहर निकालना पड़ेगा, तभी इस बाहरी साफ सफाई की सार्थकता होगी.

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