पाप कर्मों के प्रक्षालन का स्वर्णिम अवसर है चातुर्मास

आराधना भवन पर साध्वी मयणाश्रीजी की निश्रा में धर्मसभा
इंदौर. जहां हिंसा है वहां धर्म नहीं हो सकता. हिंसा और धर्म साथ-साथ नहीं रह सकते. धर्म का पोषण अहिंसा, सत्य और संयम जैसे मार्ग से ही संभव है. कर्मफल से कोई नहीं बच सकता. मनुष्य जीवन की धन्यता यही है कि हम अपने कर्मों से किसी को भी लेशमात्र भी कष्ट और दुख नहीं पहुंचाएं. चातुर्मास हमारे जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के प्रक्षालन का स्वर्णिम अवसर है.
ये विचार हैं साध्वी मयणाश्रीजी के, जो उन्होंने रेसकोर्स रोड स्थित पार्श्वनाथ आगमोद्धारक आराधना भवन पर आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए. इस मौके पर श्वेतांबरजैन तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश बांगानी ने बताया कि साध्वीश्रीजी की प्रेरणा से दिल्ली में एक सुसज्जित छात्रावास भी चलाया जा रहा है जहां आईएएस और आईपीएस सहित संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों तथा कोचिंग के लिए आने वाले बच्चों के लिए नि:शुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
वे पहली ऐसी साध्वी हैं, जिनका व्याख्यान आजादी के बाद पहली बार संसद भवन में हुआ है. श्रमणी बिहारम और जननी मेडिक्लेम जैसी अभिनव योजनाएं भी उनके मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सारे देश में चलाई जा रही हैं.
प्रारंभ में संयोजक दिलीप सी जैन, महेंद्र बांगानी, कीर्तिभाई डोसी, भरत कोठारी, पुखराज बंडी, प्रवीण श्रीश्रीमाल आदि ने सभी श्रावक-श्राविकाओं की अगवानी की। संचालन यशवंत जैन ने किया. रेसकोर्स रोड स्थित आराधना भवन पर साध्वीश्रीजी के प्रवचन गुरूवार 26 जुलाई से प्रात: 9.15 बजे से 10.15 बजे तक होंगे. उनके साथ साध्वी प.पू. सिद्धिमयणा श्रीजी म.सा. एवं अर्हममयणाश्रीजी म.सा. आदिठाणा भी आराधना भवन पर धर्मसभा में उपस्थित रहेंगे.

रविवार को जैन जागरण शिविर

संयोजक दिलीप सी जैन एवं महेंद्र बांगानी ने बताया कि पांच अगस्त से प्रत्येक रविवार को बास्केटबॉल काम्प्लेक्स में पांच जैन जागरण शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। इनमें ‘जैन धर्म, कल आज और कल, ‘शिक्षा, संस्कार और सदाचार, ‘जीवन के दो अनमोल रत्न – माता-पिता, ‘जिन शासन की सफलता का राजमार्ग एवं ‘कैसे रहे खुशहाल परिवार जैसे विषय शामिल किए गए है।।

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