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फ्रेंडशिप डे- सोनी सब के कलाकारों ने क्या कहा
निया शर्मा- शारदा (सोनी सब के ‘तेनाली रामा’)
‘‘इस फ्रेंडशिप डे मैं अपने फैन्स से कहूंगा कि तुंरत माफ करें, चाहे लड़ाई छोटी हो या फिर बड़ी। दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता होता है, जोकि जन्म से नहीं होने के बावजूद भी इतना खूबसूरत है। इस फ्रेंडशिप डे इसे अपने दोस्तों के साथ मनायें और उन्हें बतायें कि वे आपके लिये कितने महत्वपूर्ण हैं। मैं जिस दोस्त को कभी भी बुला सकती हूं, वह मनिंदर सिंह हैं। हम दोनों की हर दिन छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई होती है, लेकिन फिर भी अच्छे दोस्त हैं। हमारे बीच टाॅम एंड जैरी जैसी केमेस्ट्री है। मुझे इस दोस्ती की हर चीज पसंद आती है।
परेश गनात्रा- चंदू (सोनी सब के ‘नमूने’)
‘‘मुझे याद है मैं अपने दोस्तों के साथ माथेरान का सफर कर रहा था, हमारे पास घूमने के लिये पैसे नहीं थे। हम लोग कार्ड खेल रहे थे और इतने डूबे हुए थे कि हमें पता ही नहीं चला कि हम सारे 50 बंदरों से घिरे हुए हैं। हम सब डर गये थे कि हमारी मौत हो जायेगी और यह सोचकर हमारा हंसना बंद हो गया। मेरा एक दोस्त है जिसके साथ बिना वजह मेरी लड़ाई होती है, लेकिन फिर भी हम सबसे अच्छे दोस्ते हैं। इस फ्रेंडशिप डे मैं अपने सभी दोस्तों और फैन्स को कहना चाहूंगा कि हमें अपने दोस्तों के साथ इस पल का मजा लेना चाहिये, जोकि वह बाद में ताउम्र याद रहती है।
हिबा नवाब- इलायची (सोनी सब के ‘जीजाजी छत पर हैं’)
‘‘फ्रेंडशिप डे का सबसे अच्छा आइडिया है कि अपने दोस्तों के साथ सारा वक्त बिताना। क्योंकि हमारे व्यस्त शेड्यूल में से समय निकालकर और क्वालिटी टाइम बिताना, पुरानी यादों को फिर से जीना और नई यादें बनाना, अपने इस दिन को खास बनाने का सबसे अच्छा तरीका है। मैं शायद घर पर रहूंगी और अपने दोस्तों के साथ मजे करूंगी। मैं जिस दोस्त को किसी भी वक्त बुला सकती हूं वह है राशि बावा और झलक मोतीवाला। मैं अपने करीबी दोस्तों के साथ खूब लड़ती हूं और फिर हमारी दोस्ती हो जाती है और हम फिर लड़ते हैं। फ्रेंडशिप डे पर मैं चाहती हूं कि हर कोई अपने दोस्तों को जितना संभव हो सके, स्पेशल महसूस कराये। मुझे लगता है कि फ्रेंडशिप डे हमारे परिवार के लिये भी है, इसलिये अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बितायें और अच्छा खाना खायें। जब हम स्कूल में थे तो फ्रेंडशिप डे पर 70 से 80 बैंड पहना करते थे और काॅम्पीटिशन होता था। मुझे उन दिनों की बहुत याद आती है, क्योंकि बैंड को लेकर हमारी लड़ाइयां होती थीं और हम किसी के पास भी चले जाते थे और उनसे हमारी कलाई पर फ्रेंडशिप बैंड बांधने के लिये कहते थे। वह वाकई बहुत मजेदार था।’’
निखिल खुराना- पंचम (सोनी सब के ‘जीजाजी छत पर हैं’)
‘‘मुझे याद है मेरे सबसे अच्छे दोस्त अभिनव गजता के साथ मेरी लड़ाई होती थी, जब मैं आठवीं क्लास में था। हमारे बीच बहस होती थी और आखिरकार एक-दूसरे को मुक्के मारकर उसका अंत होता था। आश्चर्य की बात है कि हम दोनों सबसे अच्छे दोस्त बन गये। मुझे अक्सर अपने दोस्तों के साथ वह मजेदार दिन याद आते हैं। मुझे याद है 12वीं क्लास में मैं अपने 7-8 दोस्तों के साथ होली पर बाइक चलाता था। मुझे याद है मेरा एक दोस्त मेरे पीछे अपने हाथों में अंडे लेकर बैठा था। पुलिस वालों को शरारत की भनक लग गई थी और उन्होंने उसे चलती बाइक से उतार लिया था। मैं पीछे तब मुड़ा जब मुझे अहसास हुआ कि वह पीछे नहीं है। फ्रेंडशिप डे पर हर किसी के लिये मेरा यह मैसेज है कि जज ना करें, यह रिश्ता बहुत ही निराला है, नहीं तो दोस्ती खत्म हो जायेगी। एक सच्चा दोस्त होने के नाते दूसरों के साथ भी समान व्यवहार करें और खुले दिल से उनको स्वीकार करें।’’