सुशासन के लिए बिजली सेवाओं में तत्परता, गंभीरता आवश्यक

लक्ष्यों की पूर्ति के लिए दैनिक योजना बनाकर अमल करें- एमडी श्री तोमर

इंदौर। बिजली जरूरी सेवाओं में शामिल है। बिजली सेवाओं में भी उपभोक्ता संतुष्टि और सुशासन के लिए तत्परता और गंभीरता आवश्यक है। प्रत्येक कर्मचारी, अधिकारी को अपने दायित्वों के समय पर निर्वहन के लिए सजगता, संवेदनशीलता और सकारात्मकता के साथ कार्य करना होगा, इसी से अच्छे परिणाम दिखाई देंगे।

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) श्री अमित तोमर ने सोमवार को कंपनी क्षेत्र के सभी 15 जिलों के बिजली अधिकारियों की वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से मिटिंग में उक्त बात कहीं। उन्होंने वितरण ट्रांसफार्मरों के फेल्युअर रेट में सतत कमी लाने की योजना पर अमल कर सघन मानिटरिंग करने और इंदौर- उज्जैन के मुख्य अभियंताओं श्री पुनीत दुबे और श्री बीएल चौहान को प्रति माह दो दौरे अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए।

उन्होंने लाइन लास घटाने, फोटो मीटर रीडिंग की गुणवत्ता, एफआरटी की पूर्ण वसूली, मासिक राजस्व संग्रहण दैनिक लक्ष्यों के आधार पर एकत्र करने, विजिलेंस प्रकरणों में राजस्व एकत्रण आदि विषयों पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की और सतत सुधार के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि कार्मिकों का बहुउद्देशीय और स्मार्ट तरीकों से कार्यालयीन हितों में उपयोग किया जाना चाहिए, इससे परिणाम अच्छे और दूरगामी सामने आते हैं।
9 सब स्टेशनों का बनेंगे

श्री तोमर ने बताया कि कंपनी क्षेत्र में सिस्टम स्ट्रेंथेनिंग आफ ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन (एसएसटीडी) योजना के तहत आगामी छः माहों में 9 सब स्टेशन तैयार होंगे। इससे कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्र की विद्युत वितरण क्षमता बढ़ेंगी, उपभोक्ताओं के लिए और अच्छा वोल्टेज प्राप्त होगा। उन्होंने आंगनवाड़ियों और शासकीय स्कूलों में जहां से संयोजन राशि प्राप्त हो चुकी है, वहां तुरंत संयोजन करने के निर्देश दिए।

शहर के इंजीनियरों से बात

एमडी श्री तोमर ने इंदौर शहर के इंजीनियरों सर्वश्री मनोज शर्मा, योगेश आठनेरे, सुनील सिंह, गजेंद्र कुमार, डीके तिवारी, मनेंद्र गर्ग के साथ ही ग्रामीण अक्षीक्षण यंत्री श्री डीएन शर्मा आदि से सीधी बात की। मिटिंग में मुख्य महाप्रबंधक श्री रिंकेश कुमार वैश्य, कार्यपालक निदेशक श्री संजय मोहासे, श्री गजरा मेहता, मुख्य अभियंता श्री कैलाश शिवा, श्री एसआर बमनके, श्री आरएस खत्री आदि ने भी विचार रखे।

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