एसेन्सियल ऑयल एसोशिएसन ऑफ इण्डिया की इन्दौर मेंअन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस एवं एक्सपो-2022 का आयोजन 26 मई से

इंदौर। 26 मई से एसेन्यिल ऑयल एसोशिएसन ऑफ इण्डिया द्वारा इन्दौर के र्शेटन ग्राण्ड पैलेस में अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस एवं एक्सपो-2022 का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दश-विदेशसे लगभग 800 से अधिक लोग उपस्थित होंगे, जिनमें देश के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के निदेशक, सुगन्ध क्षेत्र से जुड़ें विशेषज्ञ, परफ्यूमरी उद्योग में से जुड़े उद्यमी, निर्माता, किसान एवं टेक्नोक्रेट्स शामिल हैं। इस अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस एवं एक्सपो-2022 का समापन 28 मई को होगा।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सुब्रत पाठक जो कि इत्र की नगरी कन्नौज से माननीय सांसद हैं तथा इस उद्योग से जुड़े एक मात्र सांसद हैं जिन्होंने सुगन्ध उद्योग की समस्याओं को समझा तथा उसके समाधान हेतु उच्च स्तर पर प्रयास किये हैं तथा कन्नौज के इत्र उद्योग व सुगन्ध उद्योग को बढ़ावा दिया है।

एसेन्यिल ऑयल एसोषिएसन ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष श्री योगेष दुबे ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि “एसेन्यिल ऑयल एसोषिएसन ऑफ इण्डिया देश में सुगन्ध उद्योग के उत्थान हेतु कार्यरत एक बहुत बड़ी संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1956 में हुई तथा लगभग 1000 से अधिक सदस्य शामिल हैं। इस संस्था ने देश में सुगन्ध उद्योग को बढ़ावा देने हेतु काफी सराहनीय कार्य किये हैं, जिसके लिए यह प्रति दो वर्ष में अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस एवं एक्सपो का आयोजन करता है, जिसमें सुगन्ध क्षेत्र में कार्यरत उद्यमियों तथा प्रमुख अनुसंधान संस्थानों को एक मंच पर एकत्रित कर सुगन्ध क्षेत्र से सम्बन्धित नवीनतम तकनीकी जानकारी, उनमें व्यापत संभावनाओं एवं समस्याओं व उनके समाधानों पर चर्चा की जाती है।“

प्रदीप जैन, सचिव, एसेन्यिल ऑयल एसोशिएसन ऑफ इण्डिया, ने बताया कि “मध्यप्रदेश में सुगन्धित, औषधीय, हर्बल एवं जड़ी बूटी उद्योग हेतु व्यापक पैमाने पर संभावनाऐं उपलब्ध हैं तथा माननीय मुख्यमंत्री जी भी हर्बल एवं प्राकृतिक उद्योग को बढ़ावा देने पर विषेष बल प्रदान कर रहे हैं, जिससे मध्य प्रदेश के उद्यमियों के लिए इस उद्योग में अपार संभावनाऐं व अवसर मिलेंगे तथा इस प्रकार के आयोजन से मध्यप्रदेश के हर्बल, फार्मास्यूटिकल्स्, कान्फेक्षनरी एवं खाद्य सामग्री उद्योग को नई दिषा मिलेगी।“

श्री अतुल मित्तल, ने कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराते हुए बताया कि“अगले दो दिनों में देश एवं विदेश के सुगंध उद्योग में सम्मिलित सभी निर्माताओं, व्यापारियों, किसानों, टेक्नोक्रेट्स नेचुरल सुगंध सामग्री को एक साथ एक मंच पर लाकर संगोष्ठी के माध्यम से सभी प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के निदेशक, विशेषज्ञों एवं उद्यमियों द्वारा अगले दो वर्षों हेतु देश की सुगंध उद्योग की दिशा को सुधारने हेतु रोडमैप तैयार किया जायेगा।“

श्री सुनील गोयल जो कि इस कार्यक्रम के आयोजक हैं उन्होंने बताया कि“यह कोरोना काल के बाद एसोसिषन द्वारा कराया जा रहा प्रथम कार्यक्रम है जिस कारण इसके आयोजन हेतु इन्दौर, जो कि स्वच्छता के मामले में देश में सबसे साफ-सुथरा शहर है, को चुना गया है।“

सुगन्ध एवं सुरस विकास केन्द्र, कन्नौज के निदेशक एवं तकनीकी सत्र के अध्यक्ष श्री शक्ति विनय शुक्ल ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस एवं एक्सपो-2022 के आयोजन का मुख्य उद्देष्य सुगन्ध क्षेत्र से सम्बन्धित नवीनतम तकनीकी सुगन्ध क्षेत्र के परिदृष्य, परिवर्तन तथा उपलब्ध संभावनाओं तथा उद्यमियों को आने वाली समस्याओं के समाधान हेतु उन पर चर्चा की जायेगी एवं युवा वैज्ञानिकों हेतु पोस्टर प्रेजेन्टेषन का आयोजन किया गया है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रेजेन्टेषन को पुरूस्कृत कर युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित व उद्योग को आगे बढ़ाने नवीनतम तकनीकी की खोज हेतु प्रेरित किया जा सके।

श्री अनिल कात्याल ने कार्यक्रम की प्रषंसा करतेहुए अवगत कराया कि“सुगन्ध क्षेत्र के उत्थान हेतु इस प्रकार के आयोजन बहुत आवश्यक है, जिनके माध्यम से सुगन्ध उद्योग से जुड़े उद्यमियों को इस क्षेत्र में कार्यरत अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से सुगन्ध, सुरस एवं एरोमा सेक्टर से सम्बन्धित नवीनतम तकनीकी जानकारी प्राप्त होती है, जिससे उद्यमी अपने व्यवसाय को उसके अनुरूप परिवर्तित कर सकते हैं।“

श्री राजा वार्ष्णेय ने कार्यक्रम में देश विदेश से आये समस्त वैज्ञानिकों, विषेषज्ञों तथा उद्यमियों का स्वागत किया तथा सुगन्ध क्षेत्र में उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सराहते हुए एसेन्यिल ऑयल एसोषिएसन ऑफ इण्डिया को इस प्रकार के कार्यक्रम को आयोजित करने हेतु धन्यवाद दिया। उन्होने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम मध्यप्रदेश के सुगन्ध उद्योग को काफी बढ़ावा प्रदान करेंगे।

इस कार्यक्रम में देश को सुगंध उद्योग के क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख अनुसंधान संस्थान सुगंध एवं सुरस विकास केन्द्र कन्नौज, केन्द्रीय औषधीय सगंध पौधा संस्थान लखनऊ, राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान लखनऊ, उत्तर-पूर्व विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संस्थान, असम, हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के अलावा अन्य सीएसआईआर संस्थान, आईसीएआर, एमएसएमई, राज्य सरकार, केंद्र सरकार के संस्थानों के निदेशक सहित कुल 21 विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे जो कि सुगंध क्षेत्र के परिदृश्य, परिवर्तन तथा उपलब्ध संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

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