हमेशा से लिखना चाहता था फिक्शन नॉवेल: अंकित

हैकिंग की थीम पर थ्रिलर नॉवेल द कैसीनो जॉब का अनावरण
इंदौर. एथिकल हैकर और लेखक अंकित फाडिया ने एथिकल हैकिंग की अपनी विशेषज्ञता से आगे बढ़ते हुए अपना पहला फिक्शन नॉवल ‘द कैसिनो जॉबÓ लिखी है. मंगलवार को शहर में किताब का उन्होंने अनावरण किया. द कैसिनो जॉब का प्रकाशन वेस्टलैंड बुक्स (अमेजन) ने किया है.
किताब को लेकर अंकित फाडिया ने बताया कि मैंने अपनी पहली पुस्तक 14 साल की उम्र में लिखी थी, लेकिन मैं हमेशा फिक्शन नॉवल लिखना चाहता था. इसलिए यह किताब लिखी है. द कैसिनो जॉब की कहानी पक्के दोस्तों पर आधारित है. इसमें रोहन स्वतंत्र हैकर है. हार्दिक सीधा सादा लड़का है और मल्लिका कालेज में सभी के आकर्षण का केंद्र है, ये तीनों गोवा जाते हैं. उनका गोवा जाने का मकसद मौज मस्ती और समुद्र तटों की धूप का मजा लेना है.
लेकिन एक शाम एल डोराडो कैसिनो शिप पर तीन पत्ती की टेबल पर खेल खतरनाक मोड़ ले लेता है और वो अपना सारा पैसा हार जाते हैं. समुद्र तट पर जब उनकी नींद टूटती है, तब उनके पीछे इजऱायल का माफिया पड़ चुका होता है. झूठ, धोखाधड़ी और जालसाजी के मकडज़ाल में फंसने के बाद तीनों दोस्त बदला लेने के सफर पर निकल पड़ते हैं, जहां एक छोटी सी गलती उनकी जिंदगी ले सकती है. कहानी का केंद्र बिंदु हैकिंग है.
लेकिन यह आज के समय में कालेज के दोस्तों और उनके प्यार की परीक्षा लेता है जब गोवा में कैसिनो शिप पर सभी कुछ उनके खिलाफ जाता है. नॉवल की कहानी मेरे दिमाग में तब आई जब मैं गोवा में अपने दोस्तों के साथ कैसिनो शिप पर गया था. मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ था कि लोग जुए में कितना अधिक धन दांव पर लगा रहे थे. मैं जानता हूँ कि जहां इतना अधिक धन होता है, वहां इसे चुराने के लिए अपराधी भी होते हैं.

आधार का जानकारी साझा नहीं करें

बीते कुछ महीनों में आधार की सुरक्षा पर कई सवाल उठाए गए हैं. हालांकि अंकित का कहना है कि केंद्रीय आधार डेटाबेस, जिसमें नागरिकों का बायोमीट्रिक और डेमोग्राफिक डेटा एकत्रित होता है, काफी सुरक्षित है. लेकिन बीते कुछ महीनों के दौरान यूआईडीएआई में ऑपरेटर्स द्वारा उपयोग की जा रही प्रक्रियाओं और सिस्टम में सेंध लगने के कई मामले उजागर हुए हैं, जिससे नागरिकों की गोपनीयता लीक हुई है.
इसलिए आधार की सुरक्षा के लिए नागरिकों को इन सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए. इसके लिए किसी ऐसे व्यक्ति से आधार की जानकारी साझा नहीं करें जिस पर आपको विश्वास नहीं हो. यूआईडीएआई की वेबसाइट पर बायोमीट्रिक लॉक लगाकर अपनी आधार से संबंधित जानकारी सुरक्षित करें. सत्यापन या ई-केवाईसी के लिए वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करें. यह वर्चुअल आईडी यूआईडीएआई जारी करता है. यूआईडीएआई की वेबसाइट पर नियमित रूप से अपनी आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री पर नजर रखें.

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