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गठिया के इलाज में क्रांतिकारी दवा है टोफासिटिनिब- डॉ. अक्षत पांडे
गठिया के इलाज और दवाई पर जागरूकता लाने के लिए लिखी गई किताब का विमोचन हुआ
इंदौर। गठिया के इलाज की असरकारी दवा, टोफासिटिनिब का प्रयोग आजकल हर मरीज़ के इलाज में हो रहा है लेकिन अधिकतर मरीज और डॉक्टर्स इस दवा के फायदे और साइड इफेक्ट्स को नहीं जानते। टोफासिटिनिब के बारे में जागरूकता लाने के लिए शहर में पहली बार इस पर आधारित आधिकारिक किताब का विमोचन किया गया। इस किताब को गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. अक्षत पांडे एवं कालीकट के डॉ. विनोद रवीन्द्रन द्वारा संपादित किया गया है। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एके पंचोलिया एवं आयएमए के डॉ. नरेंद्र पाटीदार एवं डॉ. वीपी पांडे उपस्थित थे।
फायदे के साथ दवा के दुष्परिणाम को जानना भी जरुरी
डॉ. अक्षत पांडे ने बताया कि ये एक बेहद उपयोगी दवा है, जो गठिया में विस्मयकारी तरीके से सहायता करती है लेकिन इस दवा के कई साइड इफ़ेक्ट भी हैं। अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए तो मरीज को कई अन्य बीमारी होने का खतरा रहता है। इस दवा का इस्तेमाल करने के पहले डॉक्टर को बहुत ध्यान देना चाहिए। जैसे हेपिटाइटिस के मरीज़ों को यह दवा नहीं दी जा सकती है। इसी तरह की कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां इस किताब में दी गई है, जो सभी चिकित्सकों के लिए बेहद आवश्यक हैं।
पुराने संक्रमण को बढ़ा सकती है दवा
डॉ. पंचोलिया ने बताया कि यदि किसी मरीज को यह दवा दिए जाने के पहले कई संक्रमण तो उसे यह दवा नुकसान भी पहुँचा सकती है। इसी लिए इस दवा के पहले वैक्सीन और विशेष रूप से TB की जांच करवाना बहुत जरुरी है। डॉ. नरेंद्र पाटीदार ने कहा इस दवा के अनेक लाभ होने के साथ ही कई साइड इफेक्ट्स भी है इसलिए सोच समझकर इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। हमारे देश में यह दवा काफी सस्ती है, जिस वजह से इनका दुरुपयोग बहुत ज्यादा होता है।
सही जांच और जानकारी के बाद ही करे दवा का उपयोग
डॉ. वीपी पांडे ने बताया कि इस दवा के इस्तेमाल के पहले कई जांचें आवश्यक रहती हैं इसलिए सभी डॉक्टर्स के पास इसकी जानकारी होनी चाहिए। डॉक्टर अक्षत पांडे ने बताया कि ये देखा जा रहा है कि यह दवा अत्यंत उपयोगी होने के कारण सभी लोग डॉक्टर से परामर्श लिए बिना इसका इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। सभी को यह जानकारी होनी चाहिए कि सही जांच एवं सही मरीज़ों में इस्तेमाल न करने पर यह दवा कई संक्रमण का कारण बन सकती हैं और मरीज को लंबे समय तक इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस किताब में लगभग 10 अलग-अलग चैप्टर्स में इस दवा के दुष्परिणामों और अलग अलग प्रकार की बीमारियों में इसका कैसे सही इस्तेमाल किया जाए इसकी वृस्तत जानकारी दी गई है। यह किताब हर गठिया रोग विशेषज्ञ, विशेषज्ञ एवं सामान्य चिकित्सकों के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी।
सभी डॉक्टर्स के लिए उपयोगी है यह किताब
किताब विमोचन के अवसर पर सभी लेखक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक साथ जुड़े थे। डॉ. विनोद रवींद्रन ने कहा कि इस किताब को लिखते समय सभी चिकित्सकों ने इसकी उपयोगिता का पूरा ध्यान रखा है। यह हड्डी रोग विशेषज्ञ, गाइनेकोलॉजिस्ट एवं सभी के लिए एक ऐसी सूचना देने का ज़रिया है, जिससे उन्हें इस दवा के बारे में हर जानकारी मिल सकती है।