सात वर्षों के इंतजार के बाद इंदौर आकर मिली नई जिंदगी

एमिनेंट हॉस्पिटल हुआ सफल किडनी ट्रांसप्लांट

इंदौर। चार नाबालिक बेटियों की माँ सुमन (परिवर्तित नाम) को लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत थी पर गांव में बीपी मापने की सुविधा नहीं होने की वजह से उन्हें इस बीमारी की गंभीरता और उसके परिणाम नहीं पता लगे। इसी का दुष्परिणाम था कि सुमन की किडनी ख़राब हो गई। गांव में डायलिसिस की सुविधा न होने से उन्हें गांव से 40 किलोमीटर दूर मंदसौर के अस्पताल जाना पड़ता था।

परिवार में किसी की किडनी मैच नहीं होने के कारण डायलिसिस की यह प्रक्रिया सात वर्षों से जारी थी। एक-एक करके उनके साथ डायलिसिस के लिए आने वाले अन्य मरीज भी नहीं बचे थे, ऐसे में सुमन जी दिन-प्रतिदिन निराश होती जा रही थी तो और उन्होंने लगभग यह मान लिया था कि अब वे भी नहीं बचेगी। ऐसे में उनके लिए नए जीवन की आशा लेकर आए एमिनेंट हॉस्पिटल के डॉ राकेश शिवहरे।

इंदौर में हाल ही में रोड एक्सीडेंड में जान गंवाने वाली एक डोनर की किडनी सुमन जी के लिए हो गई और तुरंत डॉ राकेश शिवहरे जी ने सुमन जी के पति को फ़ोन लगाकर इंदौर बुला लिया। सर्जन डॉ राकेश शिवहरे, डॉ असीम कपाडिया, डॉ मुकेश मोड़, डॉ मोहित गंगवाल, डॉ संजय अंसोलिया और इंटेंसिविस्ट डॉ संजय धानुका की टीम ने सुमन जी का किडनी ट्रांसप्लांट किया। अब सुमन जी पूरी तरह ठीक है और अपनी नई जिंदगी के हॉस्पिटल और डॉक्टर्स की टीम की शुक्रगुजार है।

किफायती कीमत में मिला गुणवत्तापूर्ण इलाज
डॉक्टर का फ़ोन हमारे पास आया कि हमारे पास किडनी का इंतजाम हो गया है और यदि आप तुरंत यहां आ सकते हैं तो तुरंत आ जाइए। सुमन जी के पति ने बताया कि डॉक्टर का फ़ोन आने पर एक ओर तो हम बेहद खुश थे वहीं दूसरी ओर पैसों को लेकर हमारे मन में चिंता भी थी। आखिर एक मध्यमवर्गीय परिवार इतनी जल्दी इतने पैसों का इंतजाम कैसे करता। हमारी इस चिंता को भी डॉक्टर ने यह कहकर दूर कर दिया कि हमारे पास जितने पैसे हैं अभी हम सिर्फ उतने पैसे लेकर आ जाए ताकि समय पर ट्रांसप्लांट शुरू हो पाए।

बाकि पैसों का इंतज़ाम हम बाद में कर सकते हैं। यदि हमें किसी बड़े शहर में या कॉर्पोरेट हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता तो शायद उसका खर्च उठाना हमारे लिए संभव भी नहीं होता और हम यह सर्जरी नहीं करावा पाते। न ही हमें इतना मानवतापूर्ण व्यवहार देखने के लिए मिलता। इंदौर के एमिनेंट हॉस्पिटल में न सिर्फ अच्छी तकनीक के साथ बहुत अच्छे तरीके से डॉक्टर्स ने किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी की बल्कि एक पेशेंट और उसके परिवार के मानसिक और आर्थिक स्थिति का ध्यान रखते हुए उन्हें पूरा सहयोग भी किया। यहां डॉक्टर्स और स्टाफ हमारे लिए परिवार की तरह बन गए। यह इस शहर और यहां के डॉक्टर्स की खासियत है।

सभी बड़ी सर्जरी यही है संभव
डॉ राकेश शिवहरे ने बताया कि सर्जरी में कई सारे कॉम्प्लीकेशन्स मरीज काफी कमजोर भी थी। उनका क्रेटिनिन लेवल भी काफी बढ़ा हुआ था पर एक्सपर्ट सर्जन्स की टीम के साथ हमने इन सारी समस्याओं के बावजूद सिर्फ दो घंटे में सर्जरी पूरी कर दी। अक्सर लोगों को लगता है कि इस तरह की सर्जरी सिर्फ बड़े अस्पतालों में संभव है पर एमिनेंट हॉस्पिटल में सभी तरह की बड़ी बीमारियों और सर्जरी के लिए हम पूरी तरह टेक्निकली और डॉक्टर्स की गुणवत्ता के लिहाज से तैयार है। हम आम लोगों से भी यह अपील करते हैं कि यही सभी अंगदान करने के प्रति जागरूक हो जाए तो ऐसी कई ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती है।

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