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अचानक होने वाली ग्लूकोस की कमी हो सकती है जानलेवा
इंदौर. ग्लूकोज़ की मात्रा अगर शरीर में ज्यादा हो जाए और उसे 15-20 मिनट तक अगर कंट्रोल ना किया जा सके तो आदमी की मौत नही होती, लेकिन अगर ग्लूकोज़ की मात्रा शरीर में कम हो जाए तो उसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिमाग पर पड़ता है और मौत होने तक की संभावना हो सकती है।
ये कहना है डॉ. मार्क डब्ल्यू जे स्ट्राचन, कंसलटेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट एडिनबर्घ, यु.के का; जो आज स्पोंटेनियस हाइपोग्लाइसेमिया : इन्वेस्टीगेशन एंड मैनेजमेंट” विषय पर इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में ‘इंटीग्रेटेड टीचिंग प्रोग्राम’ के अंतर्गत अतिथि वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
डॉ. मार्क डब्ल्यू जे. स्ट्राचन के साथ मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. इअन पेनमैन, कंसलटेंट गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट थे। डॉ. इअन एवं डॉ. मार्क ‘डेविडसन प्रिंसिपल्स एंड प्रैक्टिस ऑफ मेडिसिन, 23 वें संस्करण’ के संपादक भी हैं।
डॉ. इअन पेनमैन, कंसलटेंट गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, एडिनबर्ग, यूके ने बताया कि डॉक्टर्स हाइपोग्लाइसेमिया के मरीज़ को कैसे सही तरीके से मैनेज करें। उन्होंने डॉक्टर्स और शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे आम जन और अपने छात्रों को हाइपोग्लाइसेमिया के बारे में जागरूक करें।
इस कार्यक्रम में डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन श्रीमती चित्रा खिरवड़कर विशेष रूप से उपस्थित थीं उन्होंने बताया कि पारंपरिक शिक्षण के तरीके सिर्फ लेक्चर तक सीमित हैं। इस प्रकार के शिक्षण से छात्र-शिक्षक के बीच संवाद कम हो पाता है।
पहले वर्ष में मेडिकल छात्र द्वारा जो अध्ययन किया जाता है, उस विषय की क्लिनिकल ट्रेनिंग होने तक पहले वर्ष में सीखा गया ज्ञान छात्र भूल जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अधूरा ज्ञान होता है।
चिकित्सा शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए इंटीग्रेटेड टीचिंग लोकप्रिय हो रही है। अपने मेडिकल स्टूडेंट्स की ज़ररूतों और उन्हें बेहतर शिक्षण देने के उद्देश्य से इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में आज इंटीग्रेटेड टीचिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
इस इंटीग्रेटेड टीचिंग प्रोग्राम (आई.टी.पी) के तहत “स्पोंटेनियस हाइपोग्लाइसेमिया: इन्वेस्टीगेशन एंड मैनेजमेंट” विषय पर प्रेजेंटेशन रखा गया।
इन्टर्न, कॉलेज के छात्र और फेकल्टी मेम्बर्स सहित 350 से ज्यादा प्रतिभागी उपस्थित थे। सभी के लिए यह इंटीग्रेटेड टीचिंग प्रोग्राम बेहद इंटरैक्टिव और शिक्षाप्रद साबित हुआ। डॉ. प्रेम न्याती और डॉ. एस एम होलकर द्वारा मुख्य अतिथियों का सम्मान किया गया।