बेटी की शादी कराते समय कई भावनाओं से गुजरता है एक बापः संजय नार्वेकर

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मुम्बई : एक पिता को सबसे ज्यादा खुशी उस समय होती है, जब उसकी नन्हीं-सी बेटी अपने प्रिंस चार्मिंग के साथ एक नया जीवन शुरू करने वाली होती है। लेकिन साथ ही वो पिता यह सोचकर उदास भी होता है कि अब उसकी बेटी घर छोड़कर चली जाएगी।

यह कहना है एक्टर संजय नार्वेकर का, जो सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के बेहद सराहनीय शो ‘मेरे साईं – श्रद्धा और सबुरी’ में रामदास का किरदार निभा रहे हैं। इस शो में उनका किरदार अपनी बेटी की शादी शिर्डी में साईं बाबा के आशीर्वाद की छत्रछाया में कराना चाहता है, जिनका रोल तुषार दल्वी निभा रहे हैं।

इस शो के वर्तमान ट्रैक में साईं की एक यात्रा दिखाई जाएगी, जिसमें वे रामदास की बेटी का विवाह शिर्डी में संपन्न कराकर रामदास की इच्छा पूरी करते हैं और उसका रोग खुद पर ले लेते हैं, ताकि वो अपनी पुत्री के विवाह में शामिल हो सके। वे रामदास को यह सीख भी देते हैं कि स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ नहीं होता।

इस सीक्वेंस के बारे में बात करते हुए संजय कहते हैं, “मैं रामदास से जुड़ सकता हूं और मुझे इस रोल के लिए ज्यादा तैयारी नहीं करनी पड़ी। यह किरदार मुझमें स्वाभाविक रूप से आता है क्योंकि हर बाप-बेटी के बीच एक खास रिश्ता होता है और वक्त के साथ उनका प्यार और मजबूत होता है।

अपनी बेटी को साइकिल चलाना सिखाने से लेकर उसके साथ कुकिंग सेट खेलने तक, एक पिता हमेशा अपनी बेटी के लिए मौजूद रहता है। भले ही लड़की कितनी भी बड़ी हो जाए, एक पिता के लिए तो उसकी बेटी हमेशा छोटी राजकुमारी ही रहती है।“

संजय आगे बताते हैं, “अपनी बेटी की शादी एक पिता के लिए बहुत ही खुशनुमा अवसर होता है, लेकिन यह उनके लिए उतना ही मुश्किल पल भी होता है। रामदास के साथ भी कुछ ऐसा ही है, जो अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना अपनी बेटी का विवाह शिर्डी में साईं बाबा के आशीर्वाद की छत्रछाया में कराना चाहते हैं।“

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