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एजीईएल ने 600 मेगावाट विंड-सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट के लिए एलओए हासिल किया
2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल कंपनी बनने के लिए अपनी सोच के अनुरूप एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज किया
अहमदाबाद. अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (“एजीईएल”) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी होल्डिंग ऐट लिमिटेड (“AREHEightL”) ने 31 दिसम्बर 2020 को 600 मेगावाट विंड-सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) हासिल किया। AREHEightL ने 1,200 मेगावाट आईएसटीएस-कनेक्टेड विंड-सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (“एसईसीआई”) द्वारा जारी एक निविदा में भाग लिया था।
इस प्रोजेक्ट की क्षमता के लिए निर्धारित टैरिफ 25 वर्ष की अवधि के लिए 2.41 रुपये/किलोवाट आवर है। प्रोजेक्ट पीपीए की प्रभावी तिथि से 18 महीने के अंदर शुरू होने की उम्मीद है।
इस प्रोजेक्ट के साथ, एजीईएल की कुल रिन्यूएबल ऊर्जा प्रोजेक्ट क्षमता अब 14,795 मेगावाट हो गई है, जिसमें 2,950 मेगावाट के प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं और 11,845 मेगावाट के प्रोजेक्ट्स अभी कार्यान्वित होने वाले हैं।
यह विंड-सोलर हाइब्रिड प्रोजेक्ट, भारत में आरई हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स के मामले में एजीईएल की अग्रणी स्थिति को मजबूत करते हैं। हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स, ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर के उपयुक्त इस्तेमाल को सक्षम बनाते हैं, जिससे रिन्यूएबल एनर्जी का अधिक टिकाऊ एकीकरण होता है और ये भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के विकास को संभव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस विकास के बारे में बताते हुए, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के एमडी और सीईओ, श्री विनीत एस. जैन ने कहा कि “अदाणी ग्रीन पर्यावरण-अनुकूल भविष्य की ओर जाने के लिए एक स्थायी वातावरण निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है। 600 मेगावाट विंड-सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट का एलओए हासिल करना, 2025 तक 25 गीगावॉट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता प्राप्त करने और 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी बनने की हमारी महत्वाकांक्षा के अनुरूप है और भारत के डिकॉर्बोनाइलेशन के लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह भारत में विंड, सोलर और हाइब्रिड पॉवर जेनेरेशन में एजीईएल के नेतृत्वकारी स्थिति को भी मजबूती प्रदान करता है।”