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गाय के गोबर से बनी आकर्षक कलाकृतियां
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200 स्टॉल्स पर 18 राज्यों का कलेक्शन
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इंदौर । आमतौर पर गोबर का उपयोग खाद बनाने या आंगन लीपने के लिए होता है। गोबर से अब रोजमर्रा की वस्तुओं और खूबसूरत कलाकृतियां भी बनाई जा रही हैं। 50 रु से 500 रु तक गोबर से बनी कलाकृतियां केमिकल फ्री है। घर को सजाने के लिए बंदनवार, भगवान की मूर्तियां, दिवाल घड़ी, गमले सहित पूजन सामग्री भी शामिल है।
लोगों का इन चीजों के प्रति खासा आकर्षण है। ऐसी ही खूबसूरत और अनोखी चीजें देखने को मिल रही हैं लाल बाग में आयोजित होना मेले में। शनिवार से कायजन आर्ट एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित मेला 4 नवंबर तक चलेगा। संस्था के अध्यक्ष संदीप सरोदे ने बताया कि दस दिवसीय मेले में 200 स्टॉल्स है। भारत के 18 राज्यों से कलाकार अपनी कला आकृतियां और प्रदेश की फेमस साड़ी और ड्रेस मैटेरियल लाए हैं।
राजस्थान पोकरण से टेराकोटा, महाराष्ट्र का वुडन आर्ट, नागपुर का क्राफ्ट, मेरठ का खादी, बनारस का ड्रेस मटेरियल और साड़ी, छत्तीसगढ़ का आर्ट एंड क्राफ्ट, यूपी का भदोही क्राफ्ट, मिजोरम का ड्राई फ्लार्स, हैदराबाद से मोती ज्वेलरी, मध्य प्रदेश के धार जिले से बाग प्रिंट ड्रेस मैटेरियल और साड़ियां, कर्नाटक का होम डेकोर आइटम, नारायणपुर का वुडन फर्नीचर के साथ ही माहेश्वरी सूट साड़ियां भागलपुर का सिल्क ड्रेस मैटेरियल और साड़ियां भी है।
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गोबर से कलाकृतियों को बनाने वाले भोपाल निवासी अनुज राठौर ना तो पशुपालक है ना ही कृषक। एमबीए डिग्री धारी और फिलहाल एमटेक कर रहा है अनुज ने बताया कि गोबर से चीजें बनाने का सोचा। गोबर से कलाकृतियां बनाने के लिए गोबर को साफ किया जाता है। फिर गोबर और मिट्टी को मिलाकर कलाकृतियों को आकार दिया जाता है। कलाकृति और वस्तुओं को सजाने के लिए प्राकृतिक चीजों का ही इस्तेमाल किया जाता है।
धार जिले से आए आयुब खत्री अपने साथ बाग प्रिंट ड्रेस मटेरियल और साड़ियां लेकर आए हैं। आयुष खत्री ने बताया कि बाग प्रिंट को नया लुक दिया गया है इसे इंडो वेस्टर्न ड्रेस मटेरियल में डिजाइन किया। प्लाजो, गरारे ,स्कर्ट ,अनारकली सूट, कॉटन जार्जेट साड़ियां और रनिंग मैटेरियल भी है।
अयूब खत्री ने बताया कि अनारकली सूट को बनाने में काफी समय लगता है। 34 कलियां हैं। कलयुग के साथ है झालर भी दी गई है। आस्तीन में अंडरग्राउंड बॉर्डर है इसके साथ ही दुपट्टे में 34 कलियां दर्शाई गई है जो अनारकली सूट की खूबसूरती को बढ़ा रहा है। बाग प्रिंट में हर्बल कलर इस्तेमाल होते हैं। खाने पीने की चीजों से कलर बनाते हैं। अनारकली सूट में इस बात फिटकरी से मेहरून कलर बनाया गया है।
बनारस से आए नजीर अहमद अपने साथ बनारसी ड्रेस मटेरियल और साड़ियां लेकर आए हैं। नजीर अहमद ने 15000 की बनारसी साड़ी के बारे में बताया कि साड़ी को 3 कारीगर बनाते हैं। दो धागे से बनने वाली बनारसी साड़ी कटन सिल्क से बनती है। इसलिए बनारसी साड़ी महंगी होती है। 800 से 1200 तक की साड़ियों में मोनिका, कोटरा सिल्क से बनती है इसलिए सस्ती होती हैं।