एक जैन मतदाता 3 अन्य को भी प्रेरित करेगा मतदान के लिए: साध्वी मयणाश्रीजी

एक जैन मतदाता 3 अन्य को भी प्रेरित करेगा मतदान के लिए: साध्वी मयणाश्रीजी

इंदौर। हैप्पी वूमन-हैप्पी वर्ल्ड और जैन इंटरनेशनल वूमन आर्गनाइजेशन ‘जिवो’ की संस्थापक ओजस्वी साध्वी श्री मयणाश्रीजी म.सा. चाहती हैं कि इंदौर मंे जैन समाज के सभी घटकों के लिए एक ऐसा संकुल बनाया जाए, जहां धर्म, संस्कृति, रोजगार, जप-तप और सत्संग सहित विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रम हो सके। इसके लिए उपयुक्त भूमि का चयन अंतिम चरण में है। वे यह भी संकल्प किए हुए हैं कि इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक ऐसा स्कूल स्थापित हो,…

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भागवत कालजयी ग्रंथ, जिसमें सभी संशयों की चाबी: स्वामी जगदीशपुरी

भागवत कालजयी ग्रंथ, जिसमें सभी संशयों की चाबी: स्वामी जगदीशपुरी

इंदौर. संस्कारों के अभाव में ही मनुष्य पषुतुल्य माना जाता है। भारतीय समाज की यही विषेषता है कि यहां धर्म-संस्कृति की अखंड धारा कभी सूखती नहीं। हमारी संस्कृति पर अनेक हमले हुए, आज भी हो रहे हैं लेकिन भारतीय समाज मुख्य धारा से न कटा, न हटा. यही कारण है कि हमारे तीर्थस्थलों पर आने वाले विदेषी भी यहीं के होकर रह जाते हैंं। भागवत ऐसा कालजयी ग्रंथ है, जिसमें जीवन के सभी संशयों के…

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शिवशक्ति महारूदाभिषेक जारी

शिवशक्ति महारूदाभिषेक जारी

इंदौर. संजय शुक्ला मित्र मंडल द्वारा आयोजित शिवभक्त महारूद्राभिषेक के तहत गुरूकृपा वाटिका में चल रहे महारूद्राभिषेक में गुरूवार को 1600 दंपतियों ने भगवान शिव का पंच द्रव्यों से ओम नंम: शिवाय के बीज मंत्र के साथ अभिषेक किया और भगवान शिव से सुख समृद्धि का आर्शीर्वाद मांगा. पवित्र श्रावण महा में संपूर्ण क्षेत्र शिव भक्ति में लीन हो गया है प्रतिदिन अभिषेक स्थल पर 12 ज्योर्तिलिंगों के दर्शन एवं पूजन हेतु इतनी संख्या में…

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हमें कल में नहीं आज में जीना चाहिए: जिनमणिप्रभ 

हमें कल में नहीं आज में जीना चाहिए: जिनमणिप्रभ 

इन्दौर. किसी भी समाज की शक्ति समाजजनों में साधार्मिक बंधुत्व की भावना से ही दिखाई देती है. समाज का अर्थ ही होता है सम-आज. सम यानी बराबर. जिसका आज एक जैसा हो उसे समाज कहते है. हमारे हाथ की अगुलियां आकृति में भले ही भिन्न हो लेकिन किसी कार्य की परिणीति में उनकी भूमिका एक साथ होती है. समाज मे  हर अवस्था मे लोग रहते है लेकिन हमें कल मे नहीं आज में जीना चाहिए,…

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इंद्रियों के आधार पर होता है सुख-दुख का अनुभव: मनीषप्रभ सागर

इंद्रियों के आधार पर होता है सुख-दुख का अनुभव: मनीषप्रभ सागर

इन्दौर।  मनुष्य इंद्रियों के अधीन रहता है।  जब वातावरण प्रतिकूल होता है तो रोता है, जब वातावरण अनुकूल होता है तो हंसता है। इंद्रियों के कारण ही हंसता है रोता है। इंद्रियों के आधार पर ही हम सुख दुख का अनुभव करते हैं। इंद्रियों को वश में करने के लिए संयम जरूरी है। संयम के लिए साधना, तप आराधना, जरूरी है। इससे धर्म आगे बढ़ेगा। उक्त विचार खरतरगच्छ गच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी म.सा. के…

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निरंतर सेवा करने की शपथ ली

निरंतर सेवा करने की शपथ ली

इंदौर. लायसेंस क्लब इंदौर मित्रता का शपथ समारोह संपन्न हुआ। लायन रश्मि तिवारी  झोन चेयर परसन और मित्रता क्लब कि अध्यक्ष रजनी पांडे जी ने बताया कि लायसेंस क्लब मित्रता की निरंतर सेवा करने की शपथ ली गई। मल्टीपल प्रेसीडेंट प्रभा जैन लायसेंस रिजन कोडिनेटर विभा टाटिया जी मुख्य अतिथि और प्रभा जी ने रजनी पांडे सचिव, सीमा रेतरार, संध्या स्वप्रा, अनिता शास्त्री, उषा सोराष्ट्रिय, झोन चेयर परसन रश्मि तिवारी को शपथ दिलाई। प्रभा जी…

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लायन कैलाश जिंदल वर्ष 2018-19 के लिये रीजन चेयरपर्सन मनोनीत

लायन कैलाश जिंदल वर्ष 2018-19 के लिये रीजन चेयरपर्सन मनोनीत

इंदौर. लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिऋ  3233 जी-1 के डिस्ट्रिक्ट गर्वनर ने लायंस के वरिष्ठ साथी लायन कैलाश जिंदल को वर्ष 2018-19 के लिये रीजन चेयरपर्सन मनोनीत किया है। लायन कैलाश जिंदल को उनकी लायनवाद की 28 वर्षो की सेवा हेतु यह प्रतिष्ठित पद दिया गया है। श्री जिन्दल को डिस्ट्रिक्ट के 12 लायंस क्लबों को संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई है। विश्व के नं. 1 एनजीओ द्वारा दी गई इस जवाबदारी के पहले श्री…

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उदय नगर जैन मंदिर में संपन्न हुआ आर्यिका आदर्शमति माताजी का वर्षायोग कलश स्थापना

उदय नगर जैन मंदिर में संपन्न हुआ आर्यिका आदर्शमति माताजी का वर्षायोग कलश स्थापना

इंदौर। साधु की तपश्चर्या निर्दोष एवं नीरीह तभी हो पाती है जब साधु एवं श्रावकों का आपसी सही तालमेल बैठे ।अहिंसा मात्र पुस्तकों अथवा साहित्य में ही सीमित ना रह जाए इस विषय पर समाज को चिंतन करना होगा ।हमारा ईमान सही होगा तभी हम चरित्रवान इंसान बन सकेंगे लेकिन हम मदहोश होकर घरों में कोष बढ़ाते जा रहे हैं तभी सभी जगह असंतोष व्याप्त है। उक्त उद्गार परम पूज्य आचार्य 108 विद्यासागर जी महाराज…

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जीवन के हर क्षेत्र में झुकना सीखें, सफलता के द्वार खुलते रहेंगे

जीवन के हर क्षेत्र में झुकना सीखें, सफलता के द्वार खुलते रहेंगे

इंदौर. भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य का शुभारंभ मंगलाचरण से होता है. हमारी संस्कृति सबके प्रति मंगल के भाव की है. मंगल तभी फलीभूत होगा, जब हम झुकना सीखेंगें. मंदिर और गुरूद्वार पर तो हम रोजाना झुककर नमस्कार करते हैं लेकिन यदि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसी तरह विनय, नमस्कार और नम्रता का भाव रखें तो हमारे सभी काम आसान होते रहेंगे. जो झुकता है, वही पाता है. जीवन में प्रकाश की…

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भारत भूमि के कण-कण में बिखरे पड़े हैं भक्ति के बीज

भारत भूमि के कण-कण में बिखरे पड़े हैं भक्ति के बीज

इंदौर. बचपन से मिले भक्ति के संस्कार पूरी उम्र कायम रहते हैं बल्कि जीवन को नीति, मर्यादा और सत्य की राह पर भी प्रवृत्त करते हैं. भागवत जैसे धर्मगं्रथ संस्कारों का ऐसा सागर हैं जो कभी सूखते ही नहीं है. भारत भक्तों की भूमि है। यहां कण-कण में भक्ति के बीज बिखरे पड़े हैं, जरूरत है तो केवल उन्हें अंकुरित होने के लिए संस्कारों की उर्वरा शक्ति देेने की. देश की नई पौध धर्म-संस्कृति से…

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