सी बी एस ई बोर्ड’ सम्पूर्ण परीक्षा प्रक्रिया में विद्यार्थियों के साथ होगा: डॉ॰ संयम भारद्वाज

कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंड़ेरी एडुकेशन का आश्वासन !

राष्ट्रीय : अप्रैल, 2021 :देश के अग्रगण्य शिक्षा संस्थानों में अन्यतम साई इंटरनेशनल एडुकेशन ग्रुपके सौजन्य से वार्ता-सत्र की एक शृंखला का शुभारम्भ किया गया है | राष्ट्रोन्नति पर केन्द्रित इस वार्ता-शृंखला के मौजूदा सत्र के उद्घाटन के लिए डॉ॰ संयम भारद्वाज, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंड़ेरी एडुकेशन (CBSE)ने सदय स्वीकृति दी है | उनके साथ वार्ता के लिए उपस्थित रहेंगे डॉ॰ विजय कुमार साहू, एडवाइज़र एवं वर्किंग प्रेसीडेंट, ओडिशा आदर्श विद्यालय संगठन, गवर्नमेंट ऑफ ओडिशा तथा संस्थापक, साई इंटरनेशनल एडुकेशन ग्रुप |

साई थॉट लीडरशिप एक महत्त्वपूर्ण शैक्षिक मंच है जिसमें देश के स्वनामधन्य व्यक्ति, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में पथप्रदर्शक का काम किया है तथा व्यक्ति-विकास व राष्ट्र-विकास के अधिकांश मुद्दों पर सफल विमर्श करने के साथ-साथ अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है, शामिल होंगे | इस श्रृंखला के मूर्धन्य वक्तागण अपने गहन सारगर्भक वार्ता के माध्यम से न केवल नागरिकक्षमता का विकास कर सकेंगे बल्कि राष्ट्र की चिंतन प्रक्रिया को विनियमित करने के साथ-साथ राष्ट्र के लिए पथप्रदर्शक व समस्या-निवारक का कार्य भी करेंगे|

प्रत्येक अभिभाषण के अंत में मुख्य वक्ता तथा डॉ॰ विजय कुमार साहू, एडवाइज़र एवं वर्किंग प्रेसीडेंट, ओडिशा आदर्श विद्यालय संगठन, गवर्नमेंट ऑफ ओडिशा तथा संस्थापक, साईं इंटरनेशनल एडुकेशन ग्रुप के बीच एक व्यावहारिक वार्तालाप का आयोजन किया जाएगा.
साई ने आज जिस सत्र की मेजवानी की, उसका शीर्षक था – ‘सी बी एस ई बोर्ड परीक्षा : रहस्य-उन्मीलन’ (CBSE Board Examinations : Demystified)|इस सत्र में अतिथि वक्ता ने आगामी सी बी एस ई बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों, विद्यालयों तथा बोर्ड की भूमिका तथा बोर्ड परीक्षा के सुसंचालन के विषय पर ही विस्तृत चर्चा की|

इस मौके पर बोलते हुए डॉ॰ संयम भारद्वाज, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंड़ेरी एडुकेशन ने सभी से अनुरोध किया कि जो भी कोविड टीके के लिए योग्य हैं, वे निर्भय होकर टीका अवश्य लगा लें | इससे परीक्षा के दौरान जहाँ अभिभावक अपने बच्चों की देख-भाल व तैयारी ठीक से कर सकेंगे वहीं शिक्षक-समुदाय परीक्षा – प्रक्रिया के सुसंचालन में अपनी सुदक्ष भूमिका निभा सकेंगे | उन्होंने अभिभावकों से विशेष आग्रह किया कि वे इस कोरोना काल में अपने बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान दें | सभी को आश्वस्त करते हुए डॉ॰ भारद्वाज ने कहा“हम परीक्षा के सुपरिचालन के लिए नियमित डॉक्टरों से सलाह लेते रहेंगे |

मुझे विश्वास है कि इस बैच के विद्यार्थी ज्यादा बेहतर परीक्षा-परिणाम लेकर आएँगे क्योंकि उन्हें स्वप्रस्तुति का अधिक वक़्त मिल पाया | बच्चो, आप कभी न घबराएं, आपके साथ आपका स्कूल, आपके चेयरमैन, प्रिंसिपल्स, अभिभावक तथा सारे देशवासी खड़े हैं | हम सब मिलकर अपने भावी युवाओं के लिए काम करेंगे और बढ़िया प्रदर्शन करेंगे | मैं भरोसा दिलवाना चाहता हूँ कि हम एक स्वार्थहीन संस्था हैं और हम युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए सचेतनशील व प्रतिबद्ध हैं | बस आप इतना करें कि जब परिक्षा में जाएं, कृपया नियमों का अनुपालन अवश्य करें | मेरा आशीष आप सभी के साथ है | भरोसा रखें कि हम सभी राज्य सरकारों तथा सम्बंधित संस्थाओं के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि परीक्षा-प्रक्रिया को त्रुटिहीन बनाया जा सके |”

डॉ॰ भारद्वाज ने अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा, “सर्व प्रथम हम यह सुनिश्चित करेंगे कि विद्यार्थियों की भलाई के लिए कोई कसर छूट न जाए | अभिभावकों के लिए यह बड़ा ही चुनौतीपूर्ण होगा कि वे अपने बच्चों को कोविड-काल में किसी परीक्षा भवन में भेज रहे होंगे | किन्तु मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि इस प्रक्रिया में हमारा सहयोग करें | अतिरिक्त सावधानी रखें कि आपकी संतान मास्क पहने, सैनिटाईज़र साथ रखे और सभी से सुरक्षित दूरी बनाए रखे|

कृपया यह भी सुनिश्चित करें कि वह जाने से पहले सारी आवश्यक सामग्री अपने साथ लेकर जाए |परीक्षा प्रक्रिया में सबसे विश्वस्त,उत्तरदायी हिस्सेदार होने के कारण शिक्षकों के बिना यह प्रक्रिया गतिशील नहीं हो सकती | इसलिए उनसे निवेदन है कि वे कॉपियों का मूल्यांकन लगन से व समयानुसार करें ताकि परीक्षा -परिणाम जल्द से जल्द प्रकाशित किया जा सके | विद्यार्थी भी इस दौरान सिर्फ पढाई में ध्यान केन्द्रित करें और किसी भी अफवाह, गलत या कपटपूर्ण समाचार अथवा मैसेज पर बिलकुल भी ध्यान न दें |”

प्रश्नोत्तर सत्र में बोर्ड-प्रश्नों के प्रारूप के विषय में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा,” हम बड़े ही पारदर्शी संस्थान हैं और हमारी कार्य-प्रणाली छात्रानुकूल रही है | हमने सभी विषयों के करिकुलम, सैम्पल प्रश्न – पत्र अपने वेबसाईट में अपलोड कर रखा है | परीक्षा में आने वाले प्रश्न – पत्र सैम्पल प्रश्न – पत्र के समरूप ही होंगे | साथ ही इस बार ‘योग्यता-आधारित प्रश्न’ पूछे जाएंगे | यदि विद्यार्थी अपनी पारिपार्श्विक स्थितियों के विषय में जागरूक है तो उसे इनके उत्तर करने में कोई दिक्कत नहीं होगी | मेरा मानना है कि अब हमें आने वाले सालों में परीक्षा की कार्य-प्रणाली को बदलने की आवश्यकता है | इस साल हम कम्पार्टमेंटल परीक्षा की व्यवस्था तो कर रहे हैं लेकिन प्रमाणपत्र में ‘कम्पार्टमेंटल’ का ज़िक्र नहीं किया जाएगा ; अतः निश्चिन्त रहें |”

यदि कोई भिन्नक्षम / दिव्यांग विद्यार्थी परीक्षा भवन आते हैं, उन्हें सहयोगी-साधन मुहैया कराए जाएंगे जिनका वे परीक्षा- भवन में भी उपयोग कर सकेंगे |”

अत्यधिक तनावपूर्ण कार्य होने के बावजूद स्थिर व तनावमुक्त रह पाने के राज़ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पीछे 25 000 स्कूलों के सुदक्ष शिक्षकों व कर्मचारियों के एक विशाल टीम का सक्रीय योगदान है | फिर मेरा तनाव कैसा ? मेरा तनाव तो बस गाइडलाइन के अनुपालन के लिए रहता है जिसके फलस्वरूप कार्य समयानुसार होते चले जाते हैं |”

डॉ॰ विजय कुमार साहू ने परीक्षा-प्रक्रिया तथा विद्यार्थियों के विषय में सी बी एस ई की विचार-धारा को इतनी स्पष्टता, निष्कपटता व दृढ़ता के साथ प्रकट कर सभी की शंका को दूर करने के कारण देश-विदेश में मौजूद 25000 स्कूलों तथा लाखों विद्यार्थियों की ओर से डॉ॰ भारद्वाज के प्रति विनम्रतापूर्वक आभार व्यक्त किया | उन्होंने कहा कि यह पारदर्शिता ही सी बी एस ई की प्रमुख विशेषता है और इसी कारण सी बी एस ई देश का सर्वश्रेष्ठ परीक्षा-नियंत्रक बोर्ड के रूप में मान्य है |

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