बातों से नहीं भावों से क्षमावाणी मनाएं: अनेकांत सागर

इंदौर.  लोगों से गले मिले और सच्चे हृदय से एक दूसरे क्षमा मांगे, और क्षमा करें. हमे इस संसार मे साथ साथ रहना है इसलिए एक सुंदर सरोवर की तरह रहें जिसमें कमल खिले हुए हो। पुष्पों की सुगंध लेना पर कांटे मत डालना. पूर्व में कुछ गलत हो गया हो तो क्षमा मांग लेना.
आज यह बात आचार्य अनेकांत सागर महाराज ने कांच मंदिर पर समग्र दिगंबर जैन समाज की सामूहिक क्षमावाणी के अवसर पर सभी समाज जनों से कहीं. आचार्य श्री ने कहा कि आज इंदौर का नाम सर सेठ हुकुम चंद जी और नाथूराम जी के नाम से संपूर्ण भारत में जाना जाता है उनके भावों में संपूर्ण विश्व  के कल्याण की भावना थी.
क्षमा मांगने से पहले अपने भावों की विशुद्धि कर लेना कोई तुम्हें क्षमा करें, ना करें तुम उसको क्षमा कर देना. इस अवसर पर सामाजिक संसद के दोनों अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी व नरेंद्र कुमार वेद दोनों उपस्थित रहे व दोनों ने एक दूसरे से  गले मिलकर मांगी इसकी समग्र जैन समाज ने ताली बजाकर अनुमोदना की.
इस अवसर पर दिगंबर जैन सामाजिक संसद के संरक्षक प्रदीप सिंह कासलीवाल, धीरेंद्र सिंह कासलीवाल, प्रिंसपल टोंग्या, प्रदीप बडज़ात्या, सुशील डब्डेरा, डॉ. जैनेन्द्र जैन, टी.के. वैद, संजीव जैन संजीवनी, डॉ जैनेन्द्र जैन, प्रदीप गोयल नकुल पाटोदी और भारी संख्या में जैन श्रद्धालु मौजूद थे. सभा के पहले मुनि श्री विपणत सागर महाराज ने सभा को संबोधित किया.
समाज के  संजीव जैन संजीवनी ने बताया कि आचार्य एवं मुनिवृन्द और आर्यिका माताजी के प्रवचन के पश्चात भगवान का अभिषेक किया गया और फिर सम्पूर्ण समाज द्वारा क्षमावाणी पर्व  मनाया. संचालन अर्पित जैन एवं राजेश जैन दद्दू ने किया.

Leave a Comment