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40 ग्राम वजन की होती है चीनान साड़ी
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नेशनल हैंडलूम एक्सपो का शुभारंभ
इंदौर । सिल्क की बुनाई इतनी महीन है की उसके आगे छपाई भी फीकी पड़ जाए। सिल्क की बारीक करने वाले बुनकर लगातार कम हो रहे हैं। ऐसे ही कुछ बुनकरों ने अपनी अद्भुत बुनाई से तैयार वस्त्रो को नेशनल सिल्क एक्सपो प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया है ।
ग्रामीण हस्तकला विकास समिति द्वारा नेशनल सिल्क एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है । आयोजक जयेश गुप्ता ने बताया कि इस एक्सपो में देश भर के 100 से ज्यादा सिल्क बुनकर अपना कलेक्शन लाए हैं ।
बास्केटबॉल कॉन्प्लेक्स में आयोजित इस प्रदर्शनी में कश्मीर से आए समीर अपने साथ चिनान साड़ी लाए हैं । चिनान एक कीड़े का नाम होता है । इसके रेशे से सिल्क तैयार होता है इस साड़ी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका वजन सिर्फ 40 ग्राम होता है। बुनाई के बाद यह दुनिया की सबसे कम वजन वाली साड़ी है ।
यही कारण है कि यह साड़ी काफी पसंद की जाती है। बनारस से आए संदीप अपने साथ कतान की जरी वाली साड़ी लाए हैं इस साड़ी की खासियत है कि 50 साल बाद भी यह साड़ी ऐसी ही रहती है जैसी आज है । प्योर जरी होती है इसलिए जरी काली नहीं पड़ती और कतान कपड़ा कभी कटता नहीं यही कारण है कि सालों साड़ी चलती है ।
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ठंड को देखते हुए कश्मीर से आए रेहान अपने साथ कानी शाल लेकर आए हैं। कानी शाल की बुनाई इतनी महीन है इस भरोसा ही नहीं होता कि यह छपाई नहीं हैं। कश्मीर के परंपरागत बुनकर तीन-तीन महीने की मेहनत के बाद कानी शाल तैयार कर पाते हैं । भेड़ के बाल से बनने वाली यह शाल इतनी गर्म होती है की माइनस डिग्री टेंपरेचर में भी अगर इसे पहन लिया जाए तो यह शरीर को गर्म कर देती है ।
ग्रामीण हस्तकला विकास समिति के श्री गुप्ता ने बताया कि इस प्रदर्शनी में सिल्क की 100 से ज्यादा वैरायटी का प्रदर्शन किया गया है।दीपावली के मौके पर इस प्रदर्शनी में खासा कलेक्शन है। करवा चौथ के मद्देनजर की बड़ी संख्या में महिलाएं प्रदर्शनी देखने आ रही है। प्रदर्शनी 23 अक्टूबर तक चलेगी ।