डालमिया भारत ने ओडिशा में बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मानिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा दिया l

डीबीएफ ने ओडिशा कौशल विकास प्राधिकरण के साथ राज्य भर के चार जिलों में दीक्षा केंद्र शुरू करने के लिए साझेदारी की

Bhubaneshwar, June 2022: डालमिया भारत लिमिटेड (डीबीएल) ओडिशा में बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करके अपनी सामाजिक दायित्व विभाग (सी.एस.आर) की शाखा डालमिया भारत फाउंडेशन (डीबीएफ) के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के प्रयासों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रहा है। इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय बेरोजगारी के मुद्दों को संबोधित करके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में देश के अभियान को मजबूत करना और ओडिशा में ग्रामीण और शहरी इलाकों में युवाओं और उनके परिवारों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने में मदद करना है ।

इसके लिए डीबीएफ ने कटक, जाजपुर, सुंदरगढ़ और झारसुगुडा सहित चार जिलों में दीक्षा (डालमिया इंस्टीट्यूट ऑफ नॉलेज एंड स्किल हार्नेसिंग) केंद्रों को लॉन्च करने के लिए ओडिशा स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी (ओएसडीए) के साथ साझेदारी की है। दीक्षा केंद्र उम्मीदवारों को सहायक इलेक्ट्रीशियन, जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, इंडस्ट्रियल सिलाई मशीन ऑपरेटर, रिटेल सेल्स एसोसिएट्स पाठ्यक्रम प्रदान करेगा और साथ ही राज्य के भीतर और बाहर विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में रोजगार के अवसरों में सहायता करेगा जो सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा करते हैं।

डीसीबीएल के कार्यनिर्वाही निदेशक व राजगंगपुर के यूनिट हेड, श्री चेतन श्रीवास्तव ने कहा, “अपनी स्थापना के बाद से, दीक्षा युवाओं और समुदायों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम न केवल अपने देश के भविष्य को प्रशिक्षण देने के साझा उद्देश्य में विश्वास करते हैं बल्कि अपने लोगों को रोजगार योग्य और आत्मनिर्भर बनाने में भी विश्वास करते हैं।” वंचित युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध होकर हम भारत को कुशल बनाने और एक आत्मानिर्भर भारत बनाने में योगदान देना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि हमारे प्रयास इस क्षेत्र में और पूरे भारत में भी आजीविका को बनाए रखेंगे।”

डीबीएल ने 2017 में कौशल प्रशिक्षण विकास पहल शुरू की और अब तक 3357 युवाओं ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जिनमें से 2453 विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। इसने युवाओं की सामाजिक और वित्तीय स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से ऊपर उठाया है और वेस्टसाइड, कीटेक्स लिमिटेड, शाही एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, कलर जर्सी लिमिटेड, पोर्टिया मेडिकल, 2050 हेल्थकेयर, रेन्यूसिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जैसे संगठनों में रोजगार प्राप्त किया है।

पिछले पांच वर्षों में , राजगांगपुर सीमेंट संयंत्र और लांजीबरना चूना पत्थर खदानों की परिधि पर स्थित खेरामुता एवं रुमाबहल गांवों के 530 युवाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित और नियोजित किया गया है। पहल के लाभों का आकलन करते हुए, नाबार्ड और डीबीएफ ने दो चरणों में राजगांगपुर एवं इसके आसपास के समुदायों के 55 युवाओं को सीआरएम प्रशिक्षण देने के लिए एक साथ सहयोग का हाथ बढ़ाया है l

कंपनी के महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अनुरूप, कंपनी ने स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए लांजीबरना और राजगांगपुर के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और लड़कियों के लिए सिलाई मशीन ऑपरेटर और ब्यूटी एंड वेलनेस प्रशिक्षण केंद्र खोले हैं। कंपनी अब निकट भविष्य में इन पाठ्यक्रमों का विस्तार करने की योजना बना रही है। डीबीएफ के वर्तमान में भारत भर में 14 कौशल विकास केंद्रों है और इसकी प्रशिक्षण क्षमता 5000 से अधिक है।

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