धर्म के आधार पर विभाजन के विरोधी थे डॉ. मुखर्जीः विजयवर्गीय

डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती पर कार्यकर्ताओं ने किया माल्यार्पण

इंदौर. भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की 120वीं जयंती के अवसर पर विजयनगर चौराहा स्थित उनकी प्रतिमा पर भाजपा वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर उनका स्मरण किया.

भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने डॉ मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि डा. मुखर्जी का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता. कश्मीर व देश के अन्य हिस्सों के विभाजन को डॉ. मुखर्जी के नेतृत्व ने ही बचाया. धर्म के आधार पर विभाजन के डॉ. मुखर्जी कट्टर विरोधी थे. उस समय की तत्कालीन सरकार के द्वारा जब कश्मीर में धारा 370 लगाई तो इसका प्रमुखता के साथ डॉ. मुखर्जी ने कड़ा विरोध करते हुए आंदोलन चलाया और कश्मीर के लिए, देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दीया.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ नेता, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे, संभागीय संगठनमंत्री जयपालसिंह चावड़ा, केबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, जिला अध्यक्ष डॉ राजेश सोनकर, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, जीतू जिराती, मधु वर्मा, उमेश शर्मा, अभिषेक बबलू शर्मा सहित अन्य भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर डॉ. मुखर्जी का स्मरण किया.

कश्मीर के लिए पहला बलिदान दियाः सिंधिया

श्री सिंधिया ने कहा कि कश्मीर को बचाने के लिए पहला बलिदान देने वाले डॉ. मुखर्जी थे. जब पूरे देश में एक संविधान, एक निशान है तो फिर कश्मीर में दो विधान, दो निशान कैसे हो सकते हैं. उन्होंने इसका कड़ा विरोध करते हुए, समान विचारधारा के लोगों को साथ लेकर आंदोलन किया. हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता डॉ. मुखर्जी के पद चिन्हों पर चलकर देश और जनता की सेवा करें.

इस अवसर पर श्री मोघे ने कहा कि डॉ मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतवादी थे. उन्होंने विषम परिस्थितियों में कार्य करते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने बताया कि पुण्यतिथि से प्रारंभ हुए वृहद पौधारोपण कार्यक्रम एवं स्वच्छता अभियान कार्यक्रम के समापन पर आज कई बूथों पर स्वच्छता अभियान चलाकर पौधारोपण किया गया.

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