कैडेट्स को बताये ईंधन बचाने के नुस्खे

इंदौर. राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) के इंदौर स्थित 9 एम.पी. बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल प्रमोद पाठक के नेतृत्व में स्थानीय प्रस्टिज विद्यालय में चल रहे संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे कैडेटों को ईंधन की बचत करने के साथ सुरक्षित दोपहिया वाहन चलाने
के नुस्खे बताये गये.

कैडेटों को योग के फायदों के बारे में भी बताया गया तथा उनसे आग्रह किया गया कि वे योग को अपनी जीवन शैली का एक अनिवार्य अंग बनायें ताकि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें.

 पैट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसियेशन – पी.सी.आर.ए. के तकनीकी विशेषज्ञ श्री विनीत कौशिक ने बताया कि देश में जरूरत का 85 प्रतिशत पैट्रोलियम पदार्थ आयात करना होता है जिसका भुगतान डालर में करते हैं.

यदि हम पैट्रोल डीजल का किफायती उपयोग करेंगे तो बड़ी मात्रा में आयात पर होने वाले खर्च को बचाया जा सकता है. श्री कौशिक ने बताया कि वाहन का नियमित रखरखाव करें. टायरों में कम्पनी द्वारा अनुशंसित हवा भरवायें.

गियर का कम से कम उपयोग करें और ब्रेकर, गड्डे की जानकारी होने पर वाहन को पहले ही धीमा कर लें ताकि ब्रेक लगाने की जरूरत ही नहीं होगी. श्री कौशिक ने कैडेटों से आग्रह किया कि एक किलोमीटर से कम दूरी तक जाना हो तो वाहन का उपयोग नहीं करते हुये पैदल जायें. यह स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनो के लिये भी लाभदायक होगा.

इस अवसर पर क्षेत्रीय लोक सम्पर्क ब्यूरो – एफ.ओ.बी. के सहायक निदेशक मधुकर पवार ने बताया कि आगामी 21 जून को चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जायेगा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को सन्युक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में योग का उल्लेख करते हुये वैश्विक स्तर पर योग दिवस मनाने की पहल की थी.

महासभा ने मात्र 90 दिन के अंदर 11 दिसम्बर 2014 को पूर्ण बहुमत से प्रस्ताव पारित किया जिसमें 193 देशों ने प्रस्ताव को मंजूर किया. यह सन्युक्त राष्ट्र संघ में किसी भी प्रस्ताव को सबसे कम समय में पारित किया गया.

पवार ने कैडेटों से कहा कि नियमित योग करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ तो रहता ही है, उसकी कार्य क्षमता भी बढ़ती है. सकारात्मक सोच विकसित होने से समाज और देश को उस व्यक्ति की कुशलता और कौशल का लाभ मिलता है.

कार्यक्रम के आरम्भ में एन.सी.सी. अधिकारी मेजर डा. संजय सोहनी ने बताया कि इस शिविर
में इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, धार आदि जिलों के कोई 450 कैडेट्स भाग ले रहे हैं. डा, सोहनी ने संचालन किया तथा आभार माना.

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