- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
जनजाति नायकों के साथ इतिहासकारों ने न्याय नहीं किया: सुरंगे
भगवान बिरसा मुंडा के जन्मोत्सव का समापन
इंदौर. जनजाति विकास मंच इंदौर के तत्वावधान में स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की 145 वीं जन्म जयंती जनजाति गौरव दिवस के रूप में पूरे प्रदेश में धूम-धाम से मनाई गई. प्रदेशभर में 8 नवंबर से शुरू हुए जन्मोत्सव का समापन रविवार को किया गया.
इसी कड़ी में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस के सभागृह में समापन का कार्यक्रम रखा गयाय इस दौरान मंच से जुड़े सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं अ. भा.युवा प्रमुख वनवासी कल्याण परिषद वैभव सुरेंगे भगवान बिरसा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए किये गए संघर्ष के बारे में अवगत कराया. सुरंगें कहते है कि इतिहासकारों ने जनजाति नायकों के साथ न्याय नहीं किया, या तो उनके बारे में लिखा नहीं गया या, और लिखा भी है तो उसे ग़लत तौर पर प्रस्तुत किया गया.
साथ ही उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन के लिए हमेशा संघर्ष करना होगा. शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र के साथ-साथ अपने अधिकारों के लिए कागजी लड़ाई लडऩा होगी. सरकार ने कानून बनाएं है लेकिन उनके बारे में जब तक अंतिम व्यक्ति को जानकारी नहीं होगी तब तक हमें मिलकर सतत कार्य करना होगा। लोंगो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना होगा.
उन्होंने बताता की रानी दुर्गावती, भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या मामा भील, तिलका मांझी,कोमराम भील का योगदान उतना ही जितना अन्य स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों का है,किसी से किसी की तुलना नहीं सभी महान है, सभी एक समान है।
शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ें: टैगोर
वहीं इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अधिकारी संतोष टेगोर ने बताया कि मैं स्वयं भी आदिवासी-वनवासी अंचल अलीराजपुर से हूं इसलिए बड़ी नजदीक से वनवासी संस्कृति को जनता हूँ. वनवासी समाज को सकारात्मक भाव के साथ शिक्षा की दिशा में आगे बढऩा चाहिए ताकि हिन्दू समाज को बांटने वाली षड्यंत्रकारी शक्तियों से डटकर मुकाबला किया जा सकें.
कार्यक्रम का संचालन प्रो.मदन वास्केल ने किया, तथा आभार शंकर लाल कटारा(रिटा. उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त) ने माना. इस अवसर पर रूपसिंह नागर (सेवा भारती संगठन मंत्री मालवा प्रान्त), विजय सिंह अवासिया (रिटा.अपर कलेक्टर), गोविंद भूरिया (रिटा.उप पुलिस अधीक्षक), गणेश भामर (संभागायुक्त जनजाति कल्याण विभाग), पुंजालाल निनामा, राधेश्याम जामले एवं जनजाति विकास मंच से जुड़े समस्त समाजसेवी उपस्थित रहें।