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आईसीएसआई को निधि कंपनियों को प्रावधानों के प्रति संवेदनशील बनाना होगाः एमसीए सचिव

द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने “निधि कंपनियों के लिए नियामक शासन” पर एक लाइव वेबिनार का आयोजन किया। यह वेबिनार निधि कंपनियों को विनियमित और नियंत्रित करने वाले कानूनी ढांचे के मूल सिद्धांतों पर व्यावहारिक पहलुओं से संबंधित पहलुओं पर विचार करने के लिए आयोजित किया गया था ।
इस वेबिनार को मुख्य अतिथि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के सचिव श्री राजेश वर्मा एवं अतिथि वक्ता के रूप में संयुक्त सचिव श्री मनोज पांडे और उप सचिव श्री एस के वशिष्ठ ने सम्बोधित किया ।
भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम (धारा 406) के तहत निधि कंपनियों से संबंधित प्रावधानों के तहत बनाए गए नियमों में संशोधन किया था, ताकि पारदर्शिता और निवेशकों के अनुकूल कॉर्पोरेट वातावरण के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।
श्री राजेश वर्मा ने समय पर इस आवश्यक वेबिनार के आयोजन पर आईसीएसआई को बधाई दी और निधि कंपनी से सम्बंधित प्रावधानों के बारे में बताया ।उन्होंने कंपनी सचिवों से निधि कंपनी के लिए कंपनी फ्रेश स्टार्ट स्कीम के तहत उपलब्ध अवसर का प्रचार करने और सभी अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा की कंपनी सचिवों को वास्तविक कंपनियों को सभी सहायता प्रदान करनी चाहिए और NDH -4 से संबंधित सभी प्रावधानों के अनुपालन पर उन्हें शिक्षित करने के लिए NDH-4 की फाइलिंग सुनिश्चित करना चाहिए।
निधि कंपनियों से संबंधित प्रावधानों और पेशेवर संस्थानों द्वारा निभाई गई भूमिका पर बात करते हुए श्री मनोज पांडे ने कहा “ICSI को अपने विभिन्न कार्यालयों और सदस्यों के माध्यम से निधि कंपनियों के प्रबंधन को निधि कंपनियों पर लागु होने वाले नियमों और प्रावधानों के अनुपालन के सम्बन्ध में जानकारी देनी चाहिए जिससे सही अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि “निधि कंपनी एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो बचत, जमा और ऋण की संस्कृति को बढ़ावा देती है और अपने सदस्यों के हित में कार्य करती है, विशेष रूप से मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग जो इन निधि कंपनियों के माध्यम से लाभ उठा रहे हैं , इसलिए, देश की आर्थिक वृद्धि में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, बशर्ते वे सच्चे भाव एवं लगन से कानून के प्रावधानों के अंतर्गत कार्य करे ।
श्री एस के वशिष्ठ ने एक पावर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से बताया की कैसे वर्षों से निधी कंपनियाँ विकसित हुई हैं और उनके लिए लागू प्रावधानों और नियमों में विभिन्न संशोधन किए गए हैं। उन्होंने निधी कंपनियों द्वारा घोषणा की आवश्यकता पर विस्तार से बताया और कहा कि “निधि क्षेत्र की वृद्धि और हितधारकों के हितों के संरक्षण के बीच सरकार समानता बनाए रखने के लिए प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर बोलते हुए ICSI के अध्यक्ष सीएस आशीष गर्ग ने कहा की पारदर्शी तरीके से कानूनों के कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण है। निधि नियमों के अनुपालन में निधियों के प्रबंधन को संभालते हुए, कंपनी सचिवों को आसानी से व्यापार करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है।
नीति निर्माताओं के वास्तविक इरादे को समझते हुए, कंपनी सेक्रेटरी न केवल अपना कार्य करते रहे हैं बल्कि राष्ट्र और उसके विभिन्न स्तंभों को मजबूत करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाते रहेंगे। देश में सरकार के वित्तीय साक्षरता के ढांचे की मशाल के रूप में, ICSI जनता को बचत और निवेश पर शिक्षित कर रहा है और वित्तीय शिक्षा के महत्व पर जागरूकता पैदा कर रहा है।