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शुक्र को मजबूत करना हो तो करें ये उपाय

डॉ. श्रद्धा सोनी
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी एवं शुक्र ग्रह का है. शुक्र ग्रह भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक होता है। इसके अलावा इससे शारीरिक खूबसूरती भी जुड़ी होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र मजबूत हो तो जातक अद्भुत सौंदर्य का मालिक होता है, साथ ही उसे खूबसूरती से संबंधित परेशानियां भी कम ही आती हैं। जन्म कुंडली मे शुक्र नीच राशि मे या पाप प्रभाव मे हो तो मां लक्ष्मी की आराधना करे एवं निम्न उपाय करे -:-
सौंदर्य और शुक्र
इसलिए शुक्र को मजबूत करने के उपाय कर ना सिर्फ आप अपनी खूबसूरती बढ़ा सकते हैं बल्कि मुंहासे, दाग-धब्बे, सफेद दाग आदि कई प्रकार की सौंदर्य समस्याओं से निजात भी पा सकते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे आसान उपाय बता रहे हैं जिन्हें करने के लिए ना आपको कोई खास मेहनत करनी पड़ेगी, ना ही कोई अधिक सामान जुटाने की आवश्यकता है।
1 सफेद कपड़ों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें। सफेद शुक्र और चंद्र दोनों से जुड़ा होता है, डेली लाइफ में इसका इस्तेमाल आपका शुक्र शांत रखेगा और आपको आपकी खूबसूरती के लिए हर किसी से तारीफें मिलेंगी।
2 इलायची के पानी से स्नान करें। थोड़े से पानी में बड़ी इलायची उबाल लें। इसे ठंडा करके अपने नहाने के पानी में मिलाएं और आखिरी बार इससे स्नान करें। इस दौरान शुक्रदेव का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें – “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।।“
3 चांदी या प्लैटिनम का छल्ला पहनना शुक्र ग्रह को शांत रखता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को भी आपसे दूर रखता है। इस प्रका आपको ना सिर्फ खुशहाल और शांतिपूर्ण जीवन मिलता है बल्कि आपकी खूबसूरती में भी निखार आता है। त्वचा संबंधी परेशानियां अपने आप दूर हो जाती हैं। इसके लिए अंगूठे में चांदी का छल्ला पहनें।
खाने में सफेद चीजें शामिल कर भी आप अपना शुक्र मजबूत कर सकते हैं। साबूदाना तथा दूध और इनसे बनी चीजों को अपने खाने में शामिल करें। कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आएगा। साथ ही अगर सप्ताह में एक दिन, खासकर शुक्रवार के दिन अगर नमक का त्यग करें तो यह सोने पर सुहागा के समान होगा।
5 संगीत का शुक्र ग्रह से खास जुड़ाव है, लेकिन इसमें एक बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। सॉफ्ट और मधुर संगीत जहां आपका शुक्र मजबूत करता है, वहीं लाउड म्यूजिक या कानफोड़ू संगीत इसे कमजोर करता है। इसलिए सॉफ्ट म्यूजिक सुनना आपका शुक्र मजबूत बनाएगा।
शुक्रवार को दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु को स्नान करा के उन्हे पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, धन धान्य, समृद्धि हेतु शुक्रवार को संध्या काल मे घर के ईशान कोण मे /मंदिर मे गौ घृत से दीप प्रज्वलित करे, रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे से बनी बाती का प्रयोग करे व घी मे केसर मिश्रित करे।
शुक्रवार का पंचांग
3अगस्त 2018
विक्रम संवत् 2075
शक संवत – 1940
अयन -दक्षिणायण
ऋतु – वर्षा ऋतु
मास -सावन माह
पक्ष – कृष्ण पक्ष
तिथि – षष्ठी -12:08 तक तदुपरांत सप्तमी ।
तिथि का स्वामी –
षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय है । सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्यदेव है । षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी की पूजा करने से भक्तो को वीरता ,शक्ति, संपन्नता यश कीर्ति प्राप्त होती है ।जन्म कुंडली मे मंगल की महादशा चल रही हो या जातक कानूनी मुश्किल मे फंसा हुआ हो तो उसे भगवान कार्तिकेय जी की आराधना से विशेष लाभ मिलता है ।
मुकदमे राज कार्य मे विजय प्राप्त करने के लिए षष्ठी तिथि को सायंकाल शिव मंदिर मे भगवान कार्तिकेय को छ:दीपक अर्पित करने चाहिए, एवं षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय पर नीला रेशमी धागा चढाकर उसे अपनी भुजा मे बांधने से शत्रु परास्त होते है व समाज मे विजय मिलती है ।
आज सावन माह का षष्ठम दिवस है सावन माह मे शिवभक्ति कर शिवकृपा पाने का अनुठा अवसर है
नक्षत्र – रेवती 14:25 तक पश्चात अश्विनी ।
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- रेवती नक्षत्र के देवता पूषा है ।तथा अश्विनी नक्षत्र के देवता नासत् है ।
योग -धृति – 14:05 तक पश्चात शूल ।
प्रथम करण- वणिज – 12:08 तक ।
द्वितीय करण – विष्टि 24:11तक ।
गुलिक काल – शुक्रवार को शुभ गुलिक7:30 से 9:00 बजे तक ।
दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही खाकर जाएँ ।
राहुकाल दिन – 10:30 से 12:00 बजे तक।
सूर्योदय – प्रातः 05:43
सूर्यास्त – सायं 06:52
विशेष – षष्ठी को नीम का सेवन निषेध ।
मुहूर्त- षष्ठी तिथि यात्रा , संग्राम, शिल्प, मंगल कार्य, पितृपक्ष, भूषण वास्तु के लिए शुभ है ।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण,आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन शुभ अत्यंत मंगल दायक हो ।