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इंदौर फिर बना सिरमौर
गंदगी भारत छोड़ो -मध्यप्रदेश” अभियान की रैंकिंग में इंदौर ने हासिल किया नंबर वन
इंदौर. प्रदेश में ‘गंदगी भारत छोड़ो- मध्य प्रदेश’ अभियान में नगरीय निकायों में किए गए कार्यों के आधार पर की गई रैंकिंग में इंदौर नगर निगम नंबर- वन रहा है। छोटे शहरों में देवास, पीथमपुर और राघोगढ अव्वल रहे। नगरीय विकास और आवास मंत्री श्री भूपेंन्द्र सिंह ने विजेता निकायों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा है कि शहरों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के लिए नागरिकों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। ऐसे प्रयास नियमित रूप से किए जाएं जिनसे नागरिक जागरूक हों और शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए आगे आएं। श्री सिंह ने आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान निकायों को बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं।
रैंकिंग की प्रक्रिया में 360 डिग्री फीडबैक का प्रयोग किया गया। जिसमें निकायों द्वारा दैनिक रिपोर्टिंग, अधिकारियों के फीडबैक, परीक्षण के साथ आम नागरिकों से भी फीडबैक प्राप्त किया गया। इस दौरान प्रदेश के 5 लाख 77 हजार नागरिकों से शहरों की स्वच्छता और उनके अभियान से जुड़े अनुभवों पर फीडबैक प्राप्त किया गया।
इस रैंकिंग के परिणामों में 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले में नगर निगमों इंदौर ने सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार 5 लाख तक की जनसंख्या के नगर निगमों में देवास ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। एक से 5 लाख जनसंख्या की नगरपालिकाओं में पीथमपुर, 25 हजार से एक लाख में ग्वालियर संभाग की राघोगढ़ और 25 हजार से कम की श्रेणी में मूंगावली नगर परिषद ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भारत छोड़ो अभियान की तर्ज पर गंदगी भारत छोड़ो अभियान चलाने के आहवान के तहत प्रदेश के सभी शहरों में गंदगी भारत छोड़ो अभियान- के तहत मध्यप्रदेश में विभिन्न जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया था।
इन गतिविधियों में शहरों की संपूर्ण स्वच्छता को लक्षित करते हुए व्यक्तिगत शौचालय, सार्वजनिक शौचालय, घरों से कचरा संग्रहण व्यवस्था, कंपोस्टिंग और कचरे को कम करने के उपायों के साथ कोविड संक्रमित शहरों में स्थित क्वारंटीन क्षेत्रों की संपूर्ण सफाई और सेनिटाइजेसन का अभियान संचालित किया गया था।
इन अभियानों का उददेश्य नागरिकों को जागरूक करते हुए, संवहनीय स्वच्छता के लिए प्रयासों में सहभागिता करने के लिए प्रेरित करने के साथ ही कोविड की परिस्थितियों से उपजे स्वास्थ्य और पर्यावरणीय मुददों पर जागरूक करना था।
इस अभियान में नागरिकों ने बढ़-चढ़ कर भागीदारी की। इन प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में 50 लाख से अधिक जनसंख्या तक संपूर्ण स्वच्छता का संदेश पंहुचाया गया। अभियान में प्रदेश के 7 लाख 75 हजार नागरिकों द्वारा स्वच्छता की शपथ ली गई और झोला वितरण प्रोत्साहन, मास्क वितरण, सफाई कर्मियों का प्रशिक्षण, गीले कचरे से कंपोस्टिंग, कोरोना वारियर्स-सफाई कर्मियों का सम्मान, आवासीय क्षेत्रों में कूड़ा क्षेत्रों की सफाई, खुले में शौच से मुक्ति और क्वारंटीन केन्द्रों की सफाई आदि अभियान प्रमुख रूप से संचालित किए गए। इस दौरान प्रदेश के शहरों में क्वारंटीन केन्द्रों के 8334 शौचालयों को पूरी तरह साफ व सेनिटाइज किया गया।