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नौतपा 25 से, आंधी, तेज हवा के साथ वर्षा होगी: आचार्य वैदिक
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सूर्य का रोहिणी नक्षत्र प्रवेश 25 मई को होगा और नवतपा 2 जून तक रहेगा. इस दौरान तेज हवा, आंधी, तूफान के साथ वर्षा योग बनेंगे. शुक्र भीषण गर्मी से राहत दिलाएगा. 30 मई से मौसमी बदलाव आएगा. रोहिणी खूब तपेगी पर गलेगी.
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उक्त बात भारद्वाज ज्योतिष व आध्यात्मिक शोध संस्थान के शोध निदेशक आचार्य पं. रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने कही. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश 24 मई की रात्रि 2 बजकर 32 मिनिट पर हो रहा है। सूर्य के इस नक्षत्र से तपन का अनुमान लगाया जाता है।
प्रारम्भ के नौ दिन नवतपा के नाम से जाने जाते है। नवतपा 2 जून तक रहेगा। ऐसी मान्यता है कि प्रारम्भ के नौ दिन यदि भयंकर तपते है और वर्षा नहीं होती है तो यह माना जाता है कि वर्ष में वर्षा अच्छी होगी।
यदि नवतपा में वर्षा हो जाती है तो ऐसा माना जाता है कि रोहिणी गल गयी। रोहिणी गलने के माने इस वर्ष वर्षा आवश्यकता से कम होगी। सूर्य इस नक्षत्र में 15 दिन तक रहता है। प्रारम्भ के नौ दिन नवतपा कहलाते है।
यह नवतपा मानसून का गर्भकाल माना जाता है। रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा है। ऐसा माना जाता है कि यह सूर्य के प्रभाव में आ जाता है जिससे प्रचंड गर्मी पढ़ती है। आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया कि रोहिणी का तपनकाल 25 से शुरू होकर 2 जून तक रहेगा। इससमया वधि में शुक्र अस्त हो रहा है जो गर्मी से कुछ राहत दिला सकता है। शुक्र के अस्त होने से सूरज की प्रचंडता में कमी आ सकती है।
प्रारम्भ के कुछ दिन सूरज के तेवर तेज रहेंगे किन्तु मासांत तक तेवर धीरे-धीरे नरम पढऩे लगेंगे। आंधी, तूफान, तेज हवा के साथ वर्षा होगी। प्राकृतिक आपदाओं से जनजीवन प्रभावित होगा।
26 मई से शनि, मंगल का दुर्योग भी बन रहा है जो आग में घी का काम करेगा। समान्यत: ऐसा माना जाता है कि सूर्य के वृषभ राशि में गोचर करते दस अंश से 23 अंश 40 कला में रहने तक प्रारम्भ में नवतपा रहता है।
यह संयोग ही कहा जाएगा कि विगत पांच सालों से सूर्य का रोहिणी नक्षत्र प्रवेश 25 मई को ही हो रहा है। इस वर्ष इन 15 दिनों में मौसम के मिजाज में विविध ग्रह गोचरीय स्तिथियों के चलते उतार चढ़ाव बना रह सकता है? सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 7 जून को रात्रि 12 बजकर 26 मिनिट तक रहेगा।